परमाणु समझौते पर चर्चा जारी रहते समय, अमरीका के दांत तोड़ने की ईरान की धमकी

तेहरान – ‘अमरीका जो चाहे वह करने का समय बीत चुका है। ईरान का सामर्थ्य और क्षमता आज ऐसे स्तर पर पहुँची है कि अगर अमरीका ने एक भी गलत कदम उठाया, तो ईरान अमरीका के दांत तोड़ सकता है’, ऐसी चेतावनी ईरान के कुद्स फोर्सेस के प्रमुख ब्रिगेडिअर जनरल इस्माईल घानी ने दी। ईरान के साथ चल रही चर्चा से अमरीका किनारा करें, ऐसी माँग इस्रायल कर रहा है। साथ ही, ईरान के संदर्भ में लष्करी कार्रवाई के विकल्प पर विचार करें, ऐसा सुझाव इस्रायल दे रहा है। इस पर ईरान के वरिष्ठ लष्करी अधिकारी से यह प्रतिक्रिया आई है।

iran-threatens-us-nuclear-dealईरान के रिव्होल्युशनरी गार्ड्स में सबसे प्रभावी लष्करी गुट होनेवाले ‘कुद्स फोर्सेस’ के प्रमुख ब्रिगेडिअर जनरल घानी ने एक इंटरव्यू के दौरान अमरीका को यह धमकी दी। ईरान के सामर्थ्य में बड़े पैमाने पर वृद्धि हुई होने का दावा करके, ईरान अमरीका की कार्रवाई को ज़ोरदार प्रत्युत्तर देगा, ऐसी चेतावनी ब्रिगेडिअर जनरल घानी ने दी। साथ ही, खाड़ी क्षेत्र के अन्य देशों से भी अमरीका सेना वापस बुलाएँ, ऐसा घानी ने कहा। अगर अमरीका ने समय पर ही इस भाग से वापसी नहीं की, तो अफगानिस्तान से भी अधिक बड़ी बेआबरू का अमरीका को सामना करना पड़ेगा, ऐसा घानी ने धमकाया।

पिछले कुछ दिनों से इस्रायल ने ईरान के संदर्भ में अपनाई भूमिका, ईरान की इस धमकी के पीछे होने का दावा अन्तर्राष्ट्रीय माध्यम कर रहे हैं। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन का प्रशासन ईरान के साथ परमाणु समझौता करने की तैयारी में है। आनेवाले दो दिनों में इसपर फ़ैसला हो सकता है, ऐसे संकेत वियना की बैठक से मिल रहे हैं। बायडेन प्रशासन ईरान पर लगाए प्रतिबंध भी कम करने के लिए तैयार है, ऐसा वियना में रशिया के वरिष्ठ अधिकारी ने घोषित किया था। बायडेन प्रशासन की इस भूमिका के कारण इस्रायल का अमरीका पर विश्वास ढह चुका है।

इस पृष्ठभूमि पर, इस्रायल अपने युरोपीय मित्र देशों को इस समझौते से बाहर निकलने का आवाहन कर रहा है। इस्रायल के विदेश मंत्री येर लॅपिड ने इस हफ्ते की शुरुआत में ब्रिटेन और फ्रान्स का दौरा करके इसके लिए कोशिशें कीं थीं। लष्करी कार्रवाई का खौफ और प्रतिबंधों के ज़रिए ही ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोका जा सकता है, ऐसा लॅपिड ने डटकर कहा था। ब्रिटेन और फ्रान्स के राष्ट्रप्रमुखों द्वारा लॅपिड को सकारात्मक प्रतिसाद मिला होने की खबरें इस्रायली माध्यमों में जारी हुईं थीं। इस कारण वियना की बैठक में ब्रिटेन और फ्रान्स द्वारा अमरीका पर दबाव डाला जा सकता है, ऐसा दावा इस्रायली विश्लेषक कर रहे हैं।

इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने भी, ईरान का परमाणु कार्यक्रम खतरनाक स्तर पर पहुँचा होने का आरोप किया। इसके लिए अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने दी चेतावनी का प्रधानमंत्री बेनेट ने हवाला दिया था। साथ ही, वियना में चल रही चर्चा के द्वारा ईरान अमरीका और युरोपीय महासंघ को ब्लैकमेल कर रहा होने का आरोप भी बेनेट ने किया था।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम के विरोध में लष्करी विकल्प का इस्तेमाल करने के लिए इस्रायल तैयार है, ऐसा प्रधानमंत्री बेनेट ने घोषित किया था। अमरीका के बायडेन प्रशासन के विरोधक भी ईरान पर कार्रवाई करने के लिए इस्रायल को समर्थन दे रहे हैं। ईरान के न्युक्लियर प्लांट पर हमले करने के लिए इस्रायल बायडेन प्रशासन के समर्थन की प्रतीक्षा ना करें, ऐसा अमरीका के विपक्षी नेताओं का कहना है। इस पृष्ठभूमि पर, ईरान के लष्करी अधिकारी ने अमरीका को धमकाया दिख रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.