ईरान को परमाणु-अस्त्र-सिद्ध बनने से रोकने के लिए इस्रायल-ब्रिटेन सहयोग मज़बूत करेंगे – दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की घोषणा

israel-britain-cooperation-2लंडन – ‘ईरान को परमाणु-अस्त्र-सिद्ध बनने से रोकने के लिए ब्रिटेन और इस्रायल को रात दिन प्रयास करने पड़ेंगे। क्योंकि समय हाथ से निकला जा रहा है। ऐसे दौर में ईरान की महत्वाकांक्षा मिट्टी में मिलाने के लिए सहयोगी और मित्र देशों में घनिष्ठ सहयोग स्थापित करना आवश्यक है’, ऐसी घोषणा इस्रायल और ब्रिटेन के विदेश मंत्रियों ने की। वियना में ईरान के साथ चर्चा शुरू होने में चंद कुछ घंटे बाकी हैं, ऐसे में इस्रायल और ब्रिटेन की यह घोषणा गौरतलब साबित होती है।

जुलाई महीने से प्रलंबित परमाणु समझौते के संदर्भ में मसले पर चर्चा करने के लिए अमरीका, युरोपीय महासंघ और ईरान के प्रतिनिधि वियना में एकत्रित आए हैं। इस बैठक में सहभागी होने से पहले ईरान ने अपनी भूमिका स्पष्ट की है। अमरीका और युरोप के महासंघ के लिए आवश्यक होनेवाली इन चर्चाओं में परमाणु कार्यक्रम पर चर्चा नहीं होगी। बल्कि पिछले दो सालों में ईरान पर लगाए प्रतिबंध हटा कर ही अमरीका इस समझौते में सहभागी हो, इस मुद्दे पर ही चर्चा होगी, ऐसा ईरान ने डटकर कहा था।

israel-britain-cooperation-1अमेरिका का बायडेन प्रशासन भी ईरान की मांगे मान्य करेगा ऐसी संभावना इजराइली माध्यम जता रहे हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने रविवार को कैबिनेट की बैठक को संबोधित करते समय, ‘अमेरिका ईरान को प्रतिबंधों से मुक्त करेगी। साथ ही, ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर मर्यादा डालने में अमरीका असफल साबित होगी’ ऐसी चिंता व्यक्त की थी। इस्रायली तथा आन्तर्राष्ट्रीय माध्यमों ने प्रधानमंत्री बेनेट के इस दावे को काफी पब्लिसिटी दी थी।

ऐसी परिस्थिति में, इस्रायल के विदेश मंत्री येर लॅपिड ये दो दिन के ब्रिटेन और फ्रान्स के दौरे पर हैं। ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिझ ट्रूझ से मुलाक़ात करके इस्रायल के विदेश मंत्री ने व्यापार, रक्षा तथा साइबर सुरक्षा के संदर्भ में सामंजस्य समझौते किए। इससे इस्रायल और ब्रिटेन साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में घनिष्ठ सहयोगी देश बने होने का दावा ब्रिटिश माध्यम कर रहे हैं। उसके बाद लॅपिड और ट्रूझ ने ब्रिटिश अखबार को दिए इंटरव्यू में, ईरान के परमाणु कार्यक्रम के संदर्भ में चिंता व्यक्त की।

ईरान खतरनाक तरीके से परमाणु-अस्त्र-सिद्धता की ओर पहुँच रहा होने का दावा लॅपिड और ट्रूझ ने किया। ईरान तेज़ी से परमाणु-अस्त्र -सिद्धता की ओर बढ़ रहा है, ऐसी चिंता दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने व्यक्त की। साथ ही, ईरान को परमाणु-अस्त्र-सिद्ध बनने से रोकने के लिए ब्रिटेन और इस्रायल के बीच मज़बूत सहयोग की आवश्यकता है, यह बात दोनों नेताओं ने कही। इस समय गाजापट्टी के हमास इस आतंकवादी संगठन पर भी दोनों विदेश मंत्रियों ने गौर फरमाया। ‘इस्रायल विद्वेष को दुनिया में हरगिज स्थान नहीं हो सकता। इसी कारण इस्रायल के विनाश के नारे लगानेवाले और सुरक्षा के लिए खतरा साबित होनेवाले हमास पर पूरी पाबंदी लगाने का फ़ैसला ब्रिटेन ने किया है’, ऐसा विदेश मंत्री ट्रूझ ने स्पष्ट किया।

उसी के साथ, इस्रायल और ब्रिटेन के बीच बढ़ रहे सहयोग की ओर भी लॅपिड और ट्रूझ ने ध्यान आकर्षित किया। ‘उचित दृष्टिकोण रखा, तो स्वतंत्रता, लोकतंत्र की दुष्ट शक्तियों पर विजय होगी। ब्रिटेन और इस्रायल अगर एकसाथ आयें, तो दोनों देशों की सुरक्षा और समृद्धि में वृद्धि होगी’, ऐसा दावा दोनों विदेश मंत्रियों ने किया।

इसी बीच, अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने, ईरान के साथ परमाणु समझौता करने के लिए अपनाई भूमिका पर इस्रायल ने अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की थी। वियना की बैठक में अगर परमाणु समझौता हुआ भी, तो वह इस्रायल के लिए बंधनकारक नहीं होगा और ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हमले किए जाएँगे, ऐसी चेतावनी इस्रायल ने दी थी। अमरीका में राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन के विरोधियों ने भी, इस्रायल की ईरान पर कार्रवाई को समर्थन दिया था। ईरान पर लष्करी कार्रवाई करने के लिए इस्रायल को अमरीका की अनुमति की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है, ऐसा अमरीका के विपक्षी नेताओं ने कहा था।

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