बलोच जनता के खिलाफ चीन पाकिस्तान की सहायता ना करे – बलोच विद्रोहियों ने चीन को धमकाया

पेशावर – पाकिस्तानी सेना पर जोरदार हमले करनेवाले बलोच विद्रोहियों ने चीन को धमकाया है। बलोचिस्तान की खनिज संपत्ति लूटकर हमारे इलाके पर कब्ज़ा करने के लिए चीन पाकिस्तान की सहायता करना बंद करे। वरना चीन के हित फिर से हमारे निशाने पर होंगे, यह इशारा बलोच विद्रोहियों ने दिया।

बलोच जनतापिछले हफ्ते बलोचिस्तान के पंजगुर और नुश्‍की में पाकिस्तानी सेना के ठिकानों पर हुए हमलों की ज़िम्मेदारी बलोच विद्रोहियों ने स्वीकारी थी। इसके बाद उन्होंने चीन को दिए इशारे की अहमियत बनती है। इस धमकी की खबरें अब माध्यमों में साझा हुई हैं, फिर भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान चीन के दौरे पर होने के दौरान ही बलोच विद्रोहियों द्वारा यह इशारा दिए जाने की बात सामने आयी है।

बलोच जनतापंजगुर और नुश्‍की में हुए हमलों की ज़िम्मेदारी ‘बलोच लिबरेशन फ्रंट’ (बीएलएफ) ने स्वीकारी थी। पाकिस्तानी सेना के ‘फ्रंटियर कोर-एफसी’ के सैन्य ठिकानों पर तकरीबन ६० घंटे चले संघर्ष के दौरान कम से कम १०० पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराने का दावा ‘बीएलएफ’ ने किया था। इसके बाद पाकिस्तान की सेना की सहायता से बलोचिस्तान का शोषण कर रहे चीन को ‘बीएलएफ’ ने धमकाया।

पाकिस्तान की सेना बांगलादेश की तरह बलोचिस्तान में घुसपैठ करके हत्याओं को अंजाम दे रही है, बलोच महिला-बेटियों पर अत्याचार कर रही है, बलोचिस्तान को लूट रही है। ऐसी पाकिस्तानी सेना की सहायता करना चीन बंद कर दे, वरना चीन के हित फिर से हमारे निशाने पर रहेंगे’, ऐसा बलोच विद्रोहियों ने धमकाया है।

पिछले कुछ दिनों से बलोचिस्तान में पाकिस्तानी सेना को लक्ष्य किया जा रहा है। दस दिन पहले बलोच विद्रोहियों ने केच में स्थित सुरक्षा चौकी पर किए हमले में पाकिस्तानी सेना के १० सैनिक मारे गए थे। लेकिन, पंजगुर और नुश्‍की में स्थित सैन्य अड्डों पर हुए हमले सबसे बड़े और भीषण माने जा रहे है।

बलोच जनताइन हमलों में बलोच विद्रोहियों ने पाकिस्तानी सेना के स्पेशल कमांडो फोर्सस को दो दिन से भी अधिक समय तक रोक रखा था, इस ओर सैन्य विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इससे बलोच विद्रोहियों के सामर्थ्य में बढ़ोतरी हुई दिख रही है और यह सरेआम चीन और पाकिस्तान के लिए इशारा होने का दावा मन्सूर खान महसूद नामक इस्लामाबाद स्थित पाकिस्तानी विश्‍लेषक ने किया।

इसके आगे बलोचिस्तान या पाकिस्तान के अन्य हिस्सों में चीन के हित सुरक्षित नहीं रहेंगे, यह स्पष्ट संदेश बलोच विद्रोहियों ने देने की बात महसूद ने कही। पिछले कुछ वर्षों में बलोच विद्रोहियों ने ग्वादर समेत क्वेट्टा, कराची, लाहौर तक हमले करके चीन के हितों को लक्ष्य किया था। इस ओर भी महसूद ने ध्यान आकर्षित किया।

साथ ही बलोच विद्रोहियों का सामना करने के लिए पाकिस्तान की सेना तैयार ना होने की बात पिछले हफ्ते हुए हमलों ने स्पष्ट की है, यह चिंता महसूद ने व्यक्त की।

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