अमरीका और संयुक्त राष्ट्रसंघ ने सहायता रोकने के बाद इथियोपिया में ७२८ की भूखमरी से मौत

नैरोबी/वॉशिंग्टन – इथियोपिया में भूखमरी से ७२८ लोगों की मौत होने की बड़ी भयंकर खगटना सामने आयी है। इस क्षेत्र के इथियोपियन नागरिकों के सामन खड़ा अनाज़ की किल्लत का संकट अधिक से अधिक तीव्र हो रहा हैं। इसका संज्ञान लेकर कार्रवाई नहीं की तो भूखमरी की मौते अधिक बढ़ती रहेगी, ऐसी गंभीर चेतावनी स्थानिय संगठन दे रही हैं। मार्च महीने में अमरीका और संयुक्त राष्ट्र संघ ने इथियोपिया के लिए मुहैया की गई अनाज़ की सहायता रोक रखी थी।  

भूखमरीइस वजह से जून महीने तक इस देश के तिगरे प्रांत में भूखमरी का संकट उभरा, ऐसा आरोप स्थानिय अधिकारी और वैज्ञानिक लगा रहे हैं। इसी बीच भूखमरी से हो रही मौतों की जानकारी सामने आयी और इसके बाद इथियोपिया के लिए थोड़ी-बहूत सहायता शुरू करने का ऐलान अमरीका के व्हाईट हाऊस ने किया है। 

‘हॉर्न ऑफ अफ्रीका’ का हिस्सा होने वाले इथियोपिया के लिए पिछले कुछ सालों से अंतरराष्ट्रीय स्तर से मानवीय सहायता प्रदान हो रही थी। इसके तहत अमरीका और संयुक्त राष्ट्र संघ ने इथियोपिया की जनता के लिए अन्न और धान की आपूर्ति करना शुरू किया था। फिर भी इस देश में उभरा अन्न की किल्लत का संकट दूर नहीं हुआ था। ऐसी स्थिति में मार्च महीने में अमरीका और राष्ट्र संघ ने इथियोपिया को प्रदान हो रही सहायता अनिश्चित समय के लिए रद्द करने का ऐलान किया। इसके लिए भ्रष्टाचार और धान की चोरी की वजह से बतायी गई थी।

अनाज़ की आपूर्ति बंद होने के बाद इथियोपिया की लगभग १७ प्रतिशत जनता पर भूखमरी का भयंकर संकट टूटा, ऐसा दावा डिजास्टर रिस्क मैनेजमेंट कमिशन ने किया था। इस वजह से यह सहायता रोकने के मात्र तीन महीनों में ही इथियोपिया की जनता इस भूखमरी की शिकार होने लगी हैं। इथियोपिया के तिगरे प्रांत में ही भूख से ३५० लोग मारे गए हैं इसके अलावा अन्य इलाकों में भूख से कम से कम ४५० लोगों की मौत हुई हैं। इसके लिए पूरी तरह से अमरीका ज़िम्मेदार है, ऐसी आलोचना स्थानिय संगठनों ने की हैं। अनाज़ की चोरी के मामले की संयुक्त जांच करने की तैयारी अपनी सरकार ने दिखाई थी। फिर भी अमरीका अनाज़ की सहायता करने से पीछे हटी, यह आरोप इथियोपिया लगा रहा है।

इसी बीच, इस घटना को अंतरराष्ट्रीय माध्यमों ने प्रसिद्ध देने के बाद व्हाईट हाऊस ने इथियोपिया को सहायता देना शुरू करने का ऐलान किया। पूरी तरह से नहीं, बल्कि अल्प मात्रा में यह सहायता शुरू होगी, ऐसा व्हाईट हाऊस ने कहा है।

 

इथियोपिया ने ‘ब्रिक्स’ की सदस्यता के लिए आवेदन दिया 

केप टाऊन – इथियोपिया ने ‘ब्रिक्स’ की सदस्यता के लिए आवेदन दिया है। इथियोपिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मेलेस आलेम ने यह ऐलान किया। दक्षिण अफ्रीका में अगले कुछ ही महीनों में ब्रिक्स की अहम बैठक का आयोजन हो रहा है। इस बैठक में इथियोपिया एवं अन्य देशों के आवेदन पर निर्णय होगा। 

अफ्रीका की कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में इथियोपिया का ज़िक्र किया जाता है। इसके साथ ही सामरिक मोर्चे पर इथियोपिया का भौगोलिक स्थान भी काफी अहम हैं। रशिया-यूक्रेन युद्ध में अमरीका और पश्चिमी देश अफ्रीकी देशों पर रशिया विरोधी भूमिका अपनाने के लिए मज़बूर कर रहे थे। उस समय रशिया के समर्थन में खड़े हुए अफ्रीकी देशों में इथियोपिया भी था।

ब्राज़ील, रशिया, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका इन विकासशील अर्थव्यवस्था के देशों ने बनाए आर्थिक गुट ‘ब्रिक्स’ का हिस्सा होने के लिए आवेदन करने वाला इथियोपिया विश्व का छठा देश बना हैं। इससे पहले सौदी अरब, ईरान, इजिप्ट, अल्जेरिया और इंडोनेशिया ने ‘ब्रिक्स’ की सदस्यता के लिए आवेदन किया था। इसके अलावा लगभग १९ देशों ने इस गुट का हिस्सा होने की उत्सुकता दिखाई है। इस वजह से आगे के दौर में ‘ब्रिक्स’ संगठन को अधिक मज़बूती प्राप्त होगी, ऐसा दावा किया जा रहा हैं।

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