संयुक्त राष्ट्र संगठन और अमरीका की म्यांमार की जुंटा हुकूमत पर आलोचना

नेप्यितौ – म्यांमार की जुंटा हुकूमत की हरकतें देश को लोकतंत्र से दूर कर रही हैं, ऐसी आलोचना संयुक्त राष्ट्रसंगठन ने की है। तभी जुंटा हुकूमत अपने लाभ के लिए समय की बरबादी करने की नीति अपना रही है, ऐसी नाराज़गी अमरीका ने व्यक्त की है। इसी बीच म्यांमार में कोरोना के मृतकों की संख्या बढ़कर १० हज़ार तक जा पहुँचने की बात सामने आयी है और जुंटा हुकूमत कोरोना की महामारी का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार की तरह कर रही है, यह आरोप लगाया जा रहा है।

म्यांमार की जुंटाफ़रवरी में म्यांमार की सेना ने बगावत करके सत्ता का नियंत्रण अपने कब्ज़े में लिया था। सेना के इस निर्णय के खिलाफ म्यांमार की जनता ने सड़कों पर उतरकर लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शन शुरू किए थे। सेना की क्रूर कार्रवाईयाँ और भीषण अत्याचारों के बावजूद म्यांमार की जनता पीछे नहीं हटी है। लगभग छह महीने बीतने के बाद भी इन प्रदर्शनों की तीव्रता कायम है और अब इसका दायरा भी बढ़ता जा रहा है।

यह दायरा बढ़ने के दौरान जुंटा हुकूमत ने अपनी पकड़ अधिक मज़बूत करने की गतिविधियाँ शुरू की हैं। जुंटा हुकूमत के प्रमुख जनरल मिन औंग हलैंग ने स्वयं को प्रधानमंत्री घोषित किया है और वर्ष २०२३ में चुनावों का ऐलान भी किया है। साथ ही अस्थायी सरकार का गठन भी किया गया है। जनरल हलैंग का ऐलान म्यांमार में फिर एक बार लंबे समय के लिए लष्करी हुकूमत थोंपने के संकेत समझे जा रहे हैं।

म्यांमार की जुंटाजुंटा हुकूमत की कई गतिविधियों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया दर्ज़ हुई हैं। संयुक्त राष्ट्रसंघठन और अमरीका ने जुंटा हुकूमत की आलोचना की है और यह ऐलान म्यांमार को लोकतंत्र से दूर करनेवाला होने का बयान किया है। जुंटा हुकूमत के ऐलान का मुद्दा आगे करके अमरीका ने ‘आसियान’ पर फिर से दबाव बनाने की कोशिश शुरू की है। अब तो ‘आसियान’ ने म्यांमार के मुद्दे पर अधिक सक्रिय होकर जुंटा हुकूमत के खिलाफ आक्रामक भूमिका अपनाने के लिए अमरीका ने निवेदन किया है।

इसी बीच म्यांमार में कोरोना का संक्रमण अधिक तीव्र होता जा रहा है और देश में अब तक १० हज़ार संक्रमितों की मौत होने की बात कही जा रही है। जुंटा सरकार कोरोना की महामारी हथियार की तरह इस्तेमाल करने में जुटी होने के आरोप भी हो रहे हैं। जुंटा हुकूमत के नियंत्रणवाले हिस्सों में कोरोना की वैक्सीन और इलाज़ उपलब्ध हैं और अन्य हिस्सों में आवश्‍यक सुविधा प्रदान नहीं हो रही है, ऐसी शिकायतें लोकतांत्रिक गुटों ने दर्ज़ की हैं। म्यांमार की हुकूमत ने जनतंत्र के समर्थक एवं विद्रोही गुटों पर कार्रवाई तीव्र की है और अब तक ९०० से अधिक लोगों की मौत होने की बात कही जा रही है।

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