अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष चुने जाने पर चीन, पाकिस्तान का निधी रोकेंगे – अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष पद की उम्मीदवार निकी हेली की चेतावनी

वॉशिंग्टन – साल २०२४ में हो रहे अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनाव में जीत हासिल करने पर अमरीका से चीन, पाकिस्तान और इराक को मुहैया कराया जा रहा निधी रोक दिया जाएगा। अमरिकी करदाताओं के पैसे अमरीका विरोधी साज़िश करने वालों के हाथ लगने नहीं देंगे, ऐसा ऐलान राष्ट्राध्यक्ष पद की उम्मीदवार निकी हेली ने किया। कोरोना के उद्गम स्था चीन और आतंकवाद का केंद्र बने पाकिस्तान को हेली ने सबसे ज्यादा लक्ष्य किया।

निकी हेलीअमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में निक हेली ने संयुक्त राष्ट्र संघ में अमरिकी राजदूत का ज़िम्मा संभाला था। इस्रायल और भारत के समर्थक ऐसी हेली की पहचान थी। साथ ही चीन और पाकिस्तान के तीव्र विरोधी के तौर पर भी हेली को देखा जाता है। इस वजह से राष्ट्राध्यक्ष पद की स्पर्धा में हेली के उतरने से पाकिस्तान की चिंता बढ़ी है।

अमरिकी अखबार के लिए लिखे लेख में हेली ने बायडेन प्रशासन ने घोषित किए विदेश निधी की कड़ी आलोचना की। साल २०२२ में बायडेन प्रशासन ने चीन, पाकिस्तान, इराक समेत अमरीका विरोधी अन्य देशों को कुल ४६ अरब डॉलर्स की आर्थिक सहायता मुहैया की है, यह आरोप हेली ने लगाया। अमरिकी करदाताओं के पैसे अमरीका की सुरक्षा के लिए खतरा बनी चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत को दिए गए। साथ ही रशिया के करीबी मित्र देश बेलारूस एवं अमरीका ने आतंकवादी सरकार करार दिए क्युबा को भी निधी प्रदान होने की ओर हेली ने ध्यान आकर्षित किया।

निकी हेलीहमारा चुनाव होता है तो अमरिकी करदाताओं के पैसे अमरीका विरोधी साज़िश करने वालों के हाथ लगने नहीं देंगे, यह ऐलान हेली ने किया है। सार्वजनिक स्तर पर अमरीका की खुलेआम आलोचना करना और निजी स्तर पर अमरीका से पैसों की भीख मांग रहे देशों को कवड़ी भी प्राप्त होने नहीं देंगे, ऐसा पुख्ता बयान हेली ने किया। निजी स्तर पर भीख मांगने वालों का ज़िक्र करके हेली ने हमारे देश को चिड़ाया हैं, ऐसा दावा पाकिस्तान के विश्लेषक कर रहे हैं।

भारतीय वंश की हेली ने इससे पहले पाकिस्तान की अमरीका द्वेषी नीति को कड़ा विरोध दर्शाया था। अपने चुनावी प्रचार में भी हेली पाकिस्तान को लक्ष्य कर रही हैं। ऐसी स्थिति में हेली अमरीका की राष्ट्राध्यक्षा या उप-राष्ट्राध्यक्ष बनती हैं तो पाकिस्तान के संकट की तीव्रता अधिक बढ़ेगी, ऐसी चिंता पाकिस्तानी विश्लेषक व्यक्त कर रहे हैं।

मराठी

Leave a Reply

Your email address will not be published.