संयुक्त राष्ट्र संघ के सुरक्षा परिषद में अमेरिका का उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों का नया प्रस्ताव – चीन व रशिया का विरोध

न्यूयॉर्क – मिसाईल परीक्षणों की उछल-कूद करनेवाले और परमाणु परीक्षण की तैयारी करने वाले उत्तर कोरिया की वजह से इस क्षेत्र में स्थैर्य एवं सुरक्षा बाधित हो रही है। इसलिए उत्तर कोरिया पर नए कठोर प्रतिबंध लगाए जाएं, ऐसा प्रस्ताव अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद के समक्ष रखा। पर उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों की कार्यवाई जरुरी नहीं है, ऐसा कहकर चीन ने अमेरिका का प्रस्ताव खारिज किया। इसके बाद तुरंत रशिया ने भी उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंधों के लिए विरोध किया।

संयुक्त राष्ट्र संघ के सुरक्षा परिषद में अमेरिका का उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों का नया प्रस्ताव - चीन व रशियाचा विरोधअमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र संघ के सुरक्षा परिषद को उत्तर कोरिया पर तुरंत बैठक बुलाने की मांग की थी। बुधवारी को यह बैठक हुई। इसमें अमेरिका के राष्ट्र संघ में राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों पर जोरदार टीका की। ’पिछले कुछ महीनों से उत्तर कोरिया जो मिसाइल परीक्षण कर रहा है वे सुरक्षा परिषद के नियमों के अनुसार नहीं हैं। यह परीक्षण खुलेआम पडोसी देशों को धमकियां हैं’, ऐसी टीकाएं राजदूत लिंडा ने कीं।

अमेरिका का बायडेन प्रशासन उत्तर कोरिया के साथ चर्चा करना चाहता है, पर इससे पहले उत्तर कोरिया को अपनी कार्यवाईयों को रोकना होगा, ऐसा आवाहन राजदूत लिंडा ने किया। उत्तर कोरिया चर्चा का प्रस्ताव स्वीकारेगा, ऐसी उम्मीद अमेरिका के राजदूत ने व्यक्त किया। तो, उत्तर कोरियन हुकूमशहा के साथ संपर्क वालों को भी राजनैतिक बातचीत की कोशिश करनी चाहिए, ऐसा कहकर लिंडा ने चीन को चपत लगाई।

चीन ने उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंध लागाने के अमेरिका के प्रस्ताव की जोरदार टीका की। सन २०१८ में उत्तर कोरिया ने अमेरिका के पास प्युंगे-री परामणु प्रकल्प खंडित करके परमाणु प्रसार के निषेध के लिए कोशिश की थी, इसकी याद सुरक्षा परिषद के चीन के राजदूत ने की। पर अमेरिका ने ही उत्तर कोरिया के प्रस्ताव को दाद नहीं दी थी, ऐसा कलंक चीन ने लगाया। अमेरिका उत्तर कोरिया पर विश्वास नहीं करती ऐसी टीका चीन ने की। रशिया ने भी उत्तर कोरिया पर अब तक लादे गए प्रतिबंधों का विरोध किया।

उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों का प्रस्ताव नाकारनेवाले चीन एवं रशिया उत्तर कोरिया के हुकूमशाह की कार्रवाईयों का प्रोत्साहन करते हैं, ऐसी टीका अमेरिका ने की। ३१ मई तक सुरक्षा परिषद का अध्यक्षपद अमेरिका के पास है। इससे पहले फिर से उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों का प्रस्ताव पेश किए जाने के संकेत अमेरिका ने दिए हैं।

पिछले चार महीनों में उत्तर कोरिया ने १७ मिसाइलों के परीक्षण किए हैं और इनमें तीन अंतरखंडीय बैलेस्टिक मिसाइलों का भी समावेश है। इसमें अमेरिका के अतिपूर्व की ओर के शहरों पर भी हमला करने की क्षमता वाले मिसाइल भी थे। पिछले हफ्ते उत्तर कोरिया ने लश्करी संचलन में यह मिसाइल प्रदर्शित किए थे। तथा, हुकूमशाह किम जाँग-उन ने घोषणा की थी कि, जल्द ही परमाणु परीक्षण किया जाएगा।

तो, दक्षिण कोरिया की सत्ता पर आए नए राष्ट्राध्यक्ष युन सूक-येओल ने उत्तर कोरिया के धोखे के मद्देनजर अपना देश अमेरिकन संरक्षणदलों की नई तैनाती के लिए कोशिश करेगा, ऐसे संकेत दिए हैं। भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के समावेश वाले ’क्वाड’ संगठन में शामिल होने की तैयारी दक्षिण कोरिया कर रही है, ऐसी खबरें इस देश के माध्यम दे रहे हैं। गहरी संभावना है कि, इसकी वजह से चीन बहुत बेचैन हुआ है और उत्तर कोरिया की आक्रामकता के लिए चीन की बेचैनी होगी।

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