फ्रान्स में लगातार पांचवें दिन हिंसा जारी – फ्रान्स की कार्रवाई का बेल्जियम और स्वित्झर्लंड में असर

पैरिस/ब्रुसेल्स – फ्रान्स में १७ वर्ष के नाहेल मर्झोक नामक युवा की मौत के बाद शुरू हुई हिंसा की तीव्रता लगातार पांचवें दिन कायम रही। राजधानी पैरिस और मार्सेलिस शहर में दुकान और गाड़ियों की आगजनी और लूट की घटना हो रही हैं और हिंसक युवाओं को रोकने में फ्रेंच यंत्रणा अभी कामयाब नहीं हो सकी है। इस वजह से फ्रान्स के कुछ राजनीतिक दल और नेताओं ने देश में आपादकाल लागू करने की मांग राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन से की है। इसी बीच फ्रान्स में शुरू हिंसा का असर बेल्जियम और स्वीत्झर्लैण्ड जैसे देश में भी दिखाई पड़ा है और १०० से अधिक प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी होने की बात कही जा रही है। 

हिंसामंगलवार की सुबह राजधानी पैरिस के करीबी उपनगर नान्तेअर में पुलिस ने तेज़ जा रही गाड़ी रोकने की कोशिश की। लेकिन, वह गाड़ी चला रहे नाहेल मर्झोक ने पुलिस की परवाह किए बिना गाड़ी तेज गति से आगे बढ़ाने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने कार्रवाई में गोली चलाई। इससे घायल हुए नाहेल की इलाज के दौरान मौत हुई। नाहेल की मौत पुलिस की लापरवाही से होने का आरोप लगाया जा रहा है। इस र्व पुलिस की कार्रवाई में वाहन चालक के मारे जाने की यह दूसरी घटना है। 

हिंसानाहेल की मौत के साथ ही फ्रान्स में पुलिस को प्रदान अधिकारों का मुद्दा चर्चा का विषय बना। फ्रेंच पुलिस की कार्रवाई में खास गुट को लक्ष्य किया जा रहा है, ऐसा आरोप कुछ राजनीतिक दल एवं स्वयंसेवी और मानव अधिकार संगठन लगा रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर हुई घटनाओं के कारण नागरिकों के असंतोष का विस्फोट हुआ और इसीसे दंगे भड़के, यह कहा जा रहा है। राजधानी पैरिस और मार्सेलिस शहर दंगों का प्रमुख केंद्र होने की बात सामने आयी है। 

हिंसादोनों शहरों में पिछले पांच दिनों से लूट, आगजनी और तबाही का खेल शुरू है और पुलिसों के साथ सुपर मार्केटस्‌, ब्रैण्डेड दुकान, ऐतिहासिक वास्तू, स्कूल, पर्यटन स्थलों को लक्ष्य किया गया है। पिछले पांच दिनों में आगजनी की छह हज़ार से भी अधिक घटनाएं दर्ज़ हुई हैं और पुलिसों के सैकड़ों वाहन आग में नष्ट हुए हैं। इसके अलावा ५०० से अधिक घर, इमारतें और दुकानों का भारी नुकसान होने की बात भी बताई जा रही है। राजधानी पैरिस के करीब स्थानीय मेयल विन्सेंट जीनब्रुन के घर को भी हिंसक प्रदर्शनकारियों ने लक्ष्य करने की जानकारी सामने आयी है। 

हिंसादेशभर में लगभग ४५ हज़ार पुलिस और सुरक्षा सैनिकों की तैनाती हुई हैं। फ्रेंच पुलिस की कार्रवाई में करीबन डेढ़ हज़ार लोगों को हिरासत में लिया गया हैं। राजधानी पैरिस एवं मार्सेलिस में पुलिस ने आंसू गैस एवं लाठी चार्ज किया। लेकिन, इसके बावजूद देंगे काबू नहीं हो रहे हैं और इससे मैक्रोन सरकार के सामने नया संकट खड़ा होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

पिछले कुछ सालों में फ्रान्स को लगातार प्रदर्शनों का सामना करना पड़ रहा है और इसमें ‘यलो वेस्ट प्रोटेस्टस्‌’, ईंधन के उछाल के साथ पेन्शन के मुद्दे पर हुए प्रदर्शनों का समावेश है। एक के बाद लगातार हो रहे इन प्रदर्शनों की वजह से मैक्रॉन की लोकप्रिया कम हुई है और उनके कारोबार पर लगातार आलोचना होने लगी हैं। नाहेल की मौत और इसके बाद भड़के दंगों से राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन की मुश्किलें अधिक बढ़ने का चित्र दिख रहा है।

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