ईरान के साथ जारी बातचीत से बाहर होने का अमरीका ने दिया इशारा – अमरीका खाड़ी क्षेत्र में करेगी ‘ड्रोन टास्क फोर्स’ का गठन

बर्लिन/तेहरान – अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम की प्रगति के विषय में चौंकानेवाली जानकारी साझा करने के बाद अमरीका ने ईरान को इशारा दिया है। ‘वर्ष २०१५ के परमाणु समझौते में ईरान का शामिल होने का अवसर खत्म हो रहा है और इस विषय पर जारी बातचीत से अमरीका जल्द ही पीछे हटेगी’, यह इशारा अमरीका के विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने दिया है। साथ ही पर्शियन खाड़ी में गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए जल्द ही ‘ड्रोन टास्क फोर्स’ का गठन करने का ऐलान अमरीका के ‘फिफ्थ फ्लीट’ ने किया है। यह ‘ड्रोन टास्क फोर्स’ ईरान से जुड़े खतरों पर नज़र रखने के लिए होने का दावा किया जा रहा है।

Iran-us-drone-task-force-2ईरान ने बीते तीन महीनों में ६० प्रतिशत क्षमता के संवर्धित युरेनियम का भंड़ार बड़ी मात्रा में बढ़ाया है। ईरान के भंड़ार में इस क्षमता का १० किलो यूरेनियम मौजूद होने की चौंकानेवाली जानकारी अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने प्रदान की है। साथ ही संवर्धित यूरेनियम के अन्य क्षमता का भंड़ारण भी ईरान ने तेज़ गति से बढ़ाया है, ऐसा आयोग का कहना है। इसके अलावा ईरान ने अपने परमाणु प्रकल्प के निरीक्षण की अनुमति प्रदान नहीं की है, यह आरोप भी आयोग ने लगाया है।

ईरान ने इस पर तीव्र गुस्सा व्यक्त किया है। साथ ही परमाणु आयोग की रपट को चुनौति देने का ऐलान भी किया। परमाणु समझौते पर बातचीत पर दबाव ड़ालने वाले अमरीका के बायडेन प्रशासन की ईरान ने आलोचना भी की है। बायडेन प्रशासन पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प की मानसिकता के अनुसार परमाणु समझौता देखना यदि नहीं छोड़ा तो बड़ा नुकसान होगा, यह इशारा ईरान के विदेश मंत्रालय ने दिया है।

ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर बिल्कुल पारदर्शी है और परमाणु ऊर्जा आयोग ही अपनी ज़िम्मेदारी में विफल हो रहा है, यह आरोप ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी ने लगाया। अंतरराष्ट्रीय परमाणु आयोग की यही भूमिका रही तो इससे परमाणु समझौते की बातचीत पर असर पड़ेगा, यह इशारा रईसी ने दिया। साथ ही अगले दो महीने ईरान परमाणु समझौते में शामिल नहीं होगा, यह भी राष्ट्राध्यक्ष रईसी ने कहा।

Iran-us-drone-task-force-1इस पर अमरीका की प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। वर्ष २०१५ के परमाणु समझौते में ईरान को शामिल करने के लिए जो सहुलियत प्रदान की थी, उसका निर्धारित अवधि खत्म हो रहा है। अमरीका इस बातचीत में लंबे समय के लिए शामिल नहीं हो सकती, यह भी अमरीका के विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने स्पष्ट किया। जर्मनी के विदेशमंत्री हैको मास ने भी ईरान इस मोर्चे पर कर रही देरी पर नाराज़गी जताई। इसी बीच रशिया ने यह आवाहन किया है कि, ईरान समझदारी और सहयोग के साथ परमाणु ऊर्जा आयोग द्वारा जताई गई आपत्तियों को दूर करे।

इन्हीं गतिविधियों के बीच में पर्शियन खाड़ी की सुरक्षा के लिए तैनात अमरीका के ‘फिफ्थ फ्लीट’ ने बुधवार के दिन अहम ऐलान किया। पर्शियन खाड़ी एवं उसके आगे के क्षेत्र में यातायात की सुरक्षा के लिए अमरीका जल्द ही ‘ड्रोन टास्क फोर्स’ का गठन करेगी, यह ऐलान अमरीका  की इस ‘फ्लीट’ ने किया है। हवाई, समुद्री एवं समुद्र की सतह के निचले हिस्से में नज़र रखने की ज़िम्मेदारी इस ‘ड्रोन टास्क फोर्स’ की रहेगी, यह जानकारी अमरिकी नौसेना के वरिष्ठ अफसर ने साझा की। पर्शियन खाड़ी में हो रही अमरीका के इस ‘ड्रोन टास्क फोर्स’ की तैनाती ईरान को चेतावनी देने के लिए ही है, ऐसा कहा जा रहा है।

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