कंस्ट्रक्शन क्षेत्र के डूबे कर्जों का चीन की अर्थव्यवस्था को झटका लगेगा – विश्लेषकों की चिंता

बीजिंग – चीन के कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की शीर्ष कंपनी ‘एव्हरग्रॅन्ड’ पूरे ३०० अरब डॉलर से अधिक कर्जा चुकता करने में असमर्थ होने की खबर सामने आई है। उसके बाद अब दो अग्रसर बहुराष्ट्रीय बैंकों ने ‘फँटॅशिआ’ कंपनी के बांड्स को बतौर कॉलेटरल स्वीकार करने से इन्कार किया होने की जानकारी सामने आई है। एक के बाद एक घटित इन घटनाओं से चीन के कंस्ट्रक्शन क्षेत्र के डूबे कर्जों का मुद्दा चर्चा में आया है। इससे बैंकिंग क्षेत्र समेत निवेशकों में चिंता का वातावरण निर्माण होने का दावा विश्लेषक कर रहे हैं।

china-economy-blow-2इस साल की शुरुआत में ही, चीन में कर्जे का बोझ भारी मात्रा में बढ़ रहा होकर प्राइवेट क्षेत्र का क्रेडिट भी फिसलने लगा है, ऐसा अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने चेताया था। लेकिन कर्जे का बोझ और उससे जुड़े खतरों को कम करने के लिए चीन की हुकूमत ने कोई भी कदम नहीं उठाए। सन २०२१ के पहले ४ महीनों में ही चिनी कंपनियों द्वारा कर्जा चुकता ना करने का प्रमाण बढ़ा होने की बात एक रिपोर्ट के जरिए स्पष्ट हुई है। ‘ब्लूमबर्ग’ ने दी जानकारी के अनुसार, पहले ४ महीनों में चिनी कंपनियों ने लगभग १८ अरब डॉलर्स के कर्जे चुकते नहीं किए हैं। पिछले साल की तुलना में यह प्रमाण लगभग ७० प्रतिशत से बढ़ा बताया जाता है।

कर्जा चुकता न करनेवालीं कंपनियों में कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की कंपनियों का समावेश बड़े पैमाने पर है। चीन के पाँच अग्रसर बैंकों ने दी जानकारी के अनुसार, पहले छह महीनों में ही मालमत्ता और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की कंपनियों को दिए लगभग १५ अरब डॉलर के कर्जे डूबे साबित हुए हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल डूबे कर्जों का प्रमाण ३० प्रतिशत से बढ़ा। इस बढ़ते कर्ज के बोझ के कारण पिछले सात महीनों में २०० से अधिक कंस्ट्रक्शन व्यवसायिकों ने अपने व्यवसाय बंद किए होने की जानकारी ‘पीपल्स कोर्ट डेलि’ इस सरकारी अखबार ने दी।

china-economy-blow-1पिछले कुछ हफ्तों में चीन के मालमत्ता और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की अग्रसर कंपनी होनेवाली ‘एव्हरग्रॅन्ड’ लगातार मुश्किल में पड़ रही दिखाई दे रही है। विदेशी वित्त संस्थाओं ने इस कंपनी का रेटिंग कम किया होकर, चीन के बैंकों ने भी इस कंपनी को नया कर्जा देने से इन्कार किया है। इस कंपनी पर लगभग ३०५ अरब डॉलर्स के कर्जे होकर, उन्हें चुकता करने में कंपनी सक्षम ना होने के दावे किए जा रहे हैं। साल भर में इस कंपनी के शेयर्स ७५ प्रतिशत से अधिक लुढ़के हैं। कंपनी को बांड्स की बिक्री करने से भी मना किया गया है।

पिछले कुछ महीनों में चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट हुकूमत, प्राइवेट उद्योगों पर अपनी पकड़ अधिक मजबूत करने की कोशिश कर रही है, यह बात सामने आई है। इसके लिए नए सख्त नियम लागू किए गए होकर, बैंकों को कर्जों को बांटने में मनमानी करने से मना किया गया है। उसी समय, कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की कंपनियों का भी अलग-अलग चरणों में वर्गीकरण किया गया होकर, उपलब्ध निधि, मूल्य, कर्जे का बोझ ऐसे निकष लगाए गए हैं। इससे आनेवाले समय में चीन के कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की अधिक से अधिक कंपनियाँ डूबे कर्जों की सूची में सम्मिलित होकर दिवालिया बन सकती हैं, ऐसा डर ज़ाहिर किया जा रहा है।

उत्पादन क्षेत्र के साथ कंस्ट्रक्शन क्षेत्र यह भी चीन की अर्थव्यवस्था का प्रमुख घटक माना जाता है। इस कारण इस क्षेत्र को लगे झटकों के परिणाम बैंकिंग, शेयर मार्केट तथा निवेश क्षेत्र में होंगे, ऐसी चेतावनी अर्थ विशेषज्ञों ने दी है। पिछले कुछ महीनों में चीन के प्राइवेट क्षेत्र को एक के बाद एक बड़े झटके लगे हैं। उसी समय, कोरोना की महामारी से कई क्षेत्रों में गिरावट के संकेत भी मिले हैं। उसमें अगर कंस्ट्रक्शन क्षेत्र और डूबे कर्जों को मिलाया, तो चीन की अर्थव्यवस्था को अधिक तीव्र झटका लग सकता है। 

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