इस्रायली प्रधानमंत्री की रशिया यात्रा; सीरिया के प्रति रहनेवाली ईरान की नीति को लेकर रहे मतभेदों की पृष्ठभूमि

मॉस्को, दि. १०: ‘चाहे कुछ भी हों, लेकिन इस्रायल ईरान को सीरिया में कदम जमाने नहीं देगा’ ऐसा रशिया की यात्रा पर गए इस्रायली प्रधानमंत्री ने रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन से हुई चर्चा में स्पष्ट किया| वहीं, इस्रायल ईरान के बारे में रहनेवाली अपनी परंपरागत नीति में बदलाव करें और वास्तवता का भान रखते हुए ईरान के साथ चर्चा करें, ऐसा सुझाव रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने दिया| इस वजह से आंतर्राष्ट्रीय निरीक्षकों का ध्यान खींचनेवाली, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू और राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन की मुलाकात में, ईरान नीति को लेकर दोनों देशों में पड़ी दरार बरक़रार रहती दिखाई दे रही है|

रशिया की यात्रा

अमरीका में राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प सत्ता पर आने के बाद, अमरीका और इस्रायल इनके बीच की दरार खत्म हो चुकी है, जिसके बाद अमरीका ने इस्रायल की अपेक्षा के अनुसार कदम उठाना शुरू किया है| इनमें, ईरान को आड़े हाथ लेनेवाली आक्रामक नीतियाँ भी शामिल हैं| उसी समय, ईरान का सीरिया और इराक में बढ़ता प्रभाव रोकने के लिए कोशिशें जारी हैं, ऐसे संकेत अमरीका द्वारा दिए जा रहे हैं| ऐसी स्थितियों में, ईरान के पिछे अड़िगतापूर्वक खड़ा हुआ रशिया अपनी भूमिका बदलें, इसलिए इस्रायल कोशिश कर रहा है| इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू की रशिया यात्रा, यह इन्हीं कोशिशों का हिस्सा माना जाता है| ख़ासकर सीरिया में ईरान की सैनिकी दखलअंदाज़ी को रशिया द्वारा मिल रहा समर्थन इस्रायल को बेचैन कर रहा है| इसपर प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने रशियन राष्ट्राध्यक्ष के पास विरोध दर्शाया|

रशिया ने सीरिया में आतंकवादविरोधी संघर्ष में बड़ी कामयाबी हासिल की होगी, मग़र फिर भी सीरिया में ईरान का और ईरान से जुड़े ‘हिजबुल्ला’ इस संगठन का बढ़ता प्रभाव इस्रायल के लिए चिंताजनक है’ ऐसा नेत्यान्याहू ने कहा| ईरान और हिजबुल्ला के आतंकी, सीरिया के संघर्ष में असाद सरकार की सहायता कर रहे हैं| लेकिन इसके पीछे ईरान की साज़िश है, जिससे सीरिया के पश्‍चिमी तट के पास का नौसेना बेस कब्ज़े में कर लेना यह ईरान का मुख्य प्रयोजन है, ऐसा इल्ज़ाम इस्रायली प्रधानमंत्री ने लगाया|

‘ईरान ने यदि सीरिया में नौसेना बेस स्थापित किया, तो फिर इस्रायल की सुरक्षा खतरे में आ सकती है| इसलिए चाहे कुछ भी हों, लेकिन ईरान को सीरिया में कदम नहीं रखने देंगे’, ऐसा दावा नेत्यान्याहू ने किया| साथ ही, ईरान के इस नौसेना बेस से और बढ़ते सैनिकी प्रभाव के कारण, राजनैतिक चर्चा के ज़रिये सीरिया में शांति स्थापित करने की रशिया की कोशिशों को झटका लग सकता है’ ऐसा दावा इस्रायली प्रधानमंत्री ने किया|

ईरान इस्रायल को दुनिया के नक्शे से मिटाने की धमकियाँ दे रहा है| इसके लिए ईरान ने बैलेस्टिक प्रक्षेपास्त्रों का निर्माण भी किया है, जिन प्रक्षेपास्त्रों पर इस्रायल को मिटाने के संदेश भी लिखे हैं| लेकिन इस्रायल के पास खुद की सुरक्षा की क्षमता है’ यह प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के साथ हुई चर्चा में स्पष्ट किया| ‘रशिया भी ईरान का समर्थन करनेवाली नीति छोड़ दें’ ऐसा संदेश देने की कोशिश इस्रायली प्रधानमंत्री ने की|

इसपर बोलते हुए रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने, ईरान के विषय में हमारी नीति अलग है, ऐसा स्पष्ट किया| इस्रायल अपनी पाँचवी सदी की मानसिकता में रहते हुए ईरान का विरोध ना करें, ऐसा ताना रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने मारा| हम आधुनिक दुनिया में जी रहे हैं, इस दुनिया की वास्तविकता को इस्रायल समझ लें और ईरान के साथ समझौता करें’ ऐसा आवाहन रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने किया|

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