पाकिस्तान में फँसें हज़ारों अफगान नागरिकों ने स्वदेश लौटने के लिए लगाई दौड

इस्लामाबाद, दि. ९ (वृत्तसंस्था) – कोरोना वायरस के कारण पाकिस्तान में फँसें हुए हज़ारों अफगानी नागरिकों ने स्वदेश लौटना शुरू किया है। पाकिस्तान में लगभग दस हज़ार अफगान नागरिक फँसें हुए थे। लेकिन पाकिस्तान में कोरोना वायरस की महामारी का फैलना तेज़ होने पर, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से जुडी सीमा बंद की थी। पाकिस्तान ने यह सीमा खुली करने के बाद तुरंत ही, जान के डर से अफगान जनता ने स्वदेश लौटने के लिए दौड लगाई दिख रही है। पाकिस्तान अपनी सीमा खुली करके अफगान जनता को रिहा करें, यह माँग अफगानिस्तान की यंत्रणा ने पाकिस्तान के सामने रखी थीं। इसके अनुसार शनिवार के दिन पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से जुडी अपनी सीमा चार दिन के लिए खोलने का निर्णय किया। पहले दिन ठीक अनुशासन में अफगान नागरिकों को स्वदेश जाने दिया गया। लेकिन मंगलवार के दिन वहाँ की व्यवस्था पूरी तरह से टूट गई। नियमों को तोडकर एवं सोशल डिस्टंसिंग का लिहाज रखें बिना, हज़ारों की संख्या में पहुँचें अफगान नागरिक सरहद लाँघकर अपने देश में भाग गए। इस दौरान पाकिस्तान-अफगानिस्तान की सीमा पर बनीं स्थिति बयान करनेवाले कई फोटो और वीडियो माध्यमों ने जारी किए हैं। इसके बाद पाकिस्तान की कडी आलोचना हो रही है। अफगान यंत्रणा ने भी पाकिस्तान पर गैरजिम्मेदाराना हरकत करने का आरोप रखा है। लेकिन पाकिस्तान की यंत्रणा ने ये आरोप ठुकराए हैं।

पाकिस्तान में कोरोना वायरस का फैलाव काफी तेज़ी से हो रहा है। अब तक पाकिस्तान में चार हज़ार से भी अधिक लोग इस महामारी से पीडित हुए हैं। अप्रैल के अंत तक इन मरीज़ों की संख्या बढकर ५० हज़ार तक पहुँचेगी, यह डर भी जताया जा रहा है। इसके आगे जाकर कुछ पाकिस्तानी पत्रकारों ने, फिलहाल पाकिस्तान में लाखों लोग कोरोना वायरस से बीमार हो सकते हैं, यह डर व्यक्त किया है। इस वजह से अफगान जनता की जान के लिए खतरा बना है। ऐसे में अवसर प्राप्त होते ही अफगानी नागरिकों ने स्वदेश जाने के लिए दौड़ लगाई है।

इसी बीच, अफगानिस्तान की काफी लंबी सरहद ईरान से भी जुडी होने से, इस देश में कोरोना वायरस का फैलाव होने का डर बना है। अफगानिस्तान के हेरात और जलालाबाद को इससे बडा खतरा बना है। ऐसे में, इस क्षेत्र में स्वास्थ्य से संबंधित सुविधाओं की कमी है। इसी वजह से इस क्षेत्र में बना अपना दूतावास भारत ने फिलहाल बंद रखा है और इस दूतावास के कर्मचारी और आयटीबीपी के सुरक्षाकर्मियों को भारत ने एअरलिफ्ट करवाकर स्वदेश लाया है।

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