अमरीका के तीन हजार से भी ज्यादा सैनिक अफगानिस्तान की ओर रवाना – अमरिकी रक्षा मंत्री घोषणा

वॉशिंगटन: अमरीका के तीन हजार से भी ज्यादा सैनिक अफगानिस्तान के लिए रवाना होने की घोषणा अमरीका के रक्षा मंत्री जेम्स मॅटिस ने की है। राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषित की हुई अफगानविषयक नई नीति की पृष्ठभूमि पर यह नई तैनाती की जा रही है। पाकिस्तान ने अमरीका की इस तैनाती पर टीका की है। अफगानिस्तान में असफल साबित हुई नीति ट्रम्प प्रशासन नए तरीके से शुरू कर रहा है, ऐसा पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा असिफ ने कहा है।

अमरीका के रक्षा मंत्री मॅटिस ने पेंटागन के पत्रकारों के साथ बोलते समय अफगानिस्तान की नई तैनाती के बारे में जानकारी दी। अमरीका के सैनिक अफगानिस्तान के लिए रवाना हो गए हैं और इसमें से कुछ सैनिक जल्द ही अफगानिस्तान में दाखिल होंगे, ऐसा मॅटिस ने कहा है। लेकिन सुरक्षा की वजह से वास्तव में कितने अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान में तैनात किए जाने वाले हैं, यह जानकारी देना मॅटिस ने टाला है। तीन हफ़्तों पहले राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अपनी अफगानिस्तान की नीति घोषित की थी। तालिबान, ‘आईएस’ और अन्य आतंकवादी संगठनों का अफगानिस्तान में बढ़ता प्रभाव अमरीका की सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकता है, ऐसा कहकर ट्रम्प ने अफगानिस्तान में नए सिरे से अतिरिक्त सेना की तैनाती करने की घोषणा की थी। अफगानिस्तान के आतंकवादियों का खात्मा किए बिना यहाँ से पीछे नहीं हटेंगे, ऐसा डोनाल्ड ट्रम्प ने स्पष्ट रूप से कहा है।

सैनिक अफगानिस्तान की ओर रवानाअफगानिस्तान की इस आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए नाटो सदस्य देशों ने अतिरिक्त सेना तैनात की जाए, ऐसा सुझाव दिया था। उसके साथ ही भारत भी अफगानिस्तान में लश्करी भूमिका अपनाए, ऐसा आवाहन ट्रम्प ने किया था। अफगानिस्तान की अस्थिरता के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार होने का दाग लगाकर, ‘तालिबान’ और ‘हक्कानी’ समूह पर कड़ी कार्रवाई करने का इशारा ट्रम्प ने दिया था। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की इस घोषणा का अमेरिकी सेना अधिकारीयों ने साथ ही विश्लेषकों ने स्वागत किया था।

लेकिन पाकिस्तान और चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने ट्रम्प की इस अफगान नीति पर टीका की थी। पाकिस्तान ने आतंकवाद विरोधी संघर्ष में दिए हुए योगदान की तरफ अमरीका ने नजरअंदाज करने की टीका करके चीन ने फिर एक बार पाकिस्तान को अपना समर्थन दिया था। साथ ही अफगानिस्तान की समस्या लश्करी कार्रवाई के बजाय तालिबान के साथ चर्चा करके सुलझाई जा सकती है, ऐसा दावा चीन और पाकिस्तान ने किया था। साथ ही ट्रम्प की लश्करी नीति असफल साबित होने की टीका भी की थी।

दौरान, आने वाले गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ‘शाहिद खाकान अब्बासी’ अमरीका के उपराष्ट्राध्यक्ष ‘माइक पेन्स’ से मुलाकात करने वाले हैं। इस मुलाकात में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री अमरीका की अफगान नीति पर चर्चा कर सकते हैं, ऐसा दावा पाकिस्तानी मीडिया कर रही है।

वर्तमान में अफगानिस्तान में अमरीका के लगभग ११ हजार सैनिक तैनात हैं और यह नई तैनाती आखरी नहीं होगी, ऐसा दावा किया जा रहा है। इसके आगे भी अमरीका अफगानिस्तान में सेना की तैनाती जारी रखने वाला है और अमरीका अगले १६ साल तक अफगानिस्तान में वास्तव करने वाला है, यह जानकारी अमेरिकी मरिन्स के वरिष्ठ कमांडर ने कुछ दिनों पहले दी थी।

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