शरणार्थीयों के बढ़ते झुण्ड की वजह से १० से २० वर्षो मे फ्रान्स का कुछ भाग लेबनॉन जैसा बनेगा

फ्रेंच पत्रकार एवं लेखक अलेक्झांडर मेंडेल का इशारा

पॅरिस: शरणार्थियों के झुंड एवं गतिमान हो रहा इस्लामीकरण, इनकी वजह से आने वाले १० से २० वर्षों में फ्रान्स के कई भाग लेबनॉन जैसे हो जाएंगे, ऐसा सनसनी इशारा फ्रेंच पत्रकार एवं लेखक अलेक्झांडर मेंडेलने दिया है। मेंडेल इनका पुस्तक ‘पार्टीशन’ प्रकाशित हुआ है और इस पृष्ठभूमि पर एक वृत्त माध्यम को दी मुलाकात में उन्होंने यह इशारा दिया है। खाड़ी क्षेत्र में सीरिया एवं इस्राइल इनमे स्थित होने वाले लेबनॉन में, १९३० से ४० के दशक में ख्रिस्ती धर्मीय बड़ी संख्या में वास्तव्य कर रहे थे। पर वर्तमान आंकड़ों के अनुसार लेबनॉन की संख्या में ५६ फीसदी इस्लाम धर्मीयों का समावेश है।

फ्रान्समेंडेल ने पिछले कई दशकों से फ्रान्स में खाड़ी एवं अफ्रीकी देशों के शरणार्थियों की संख्या बड़ी तादाद में बढ़ने का दावा किया है। इन शरणार्थियों में प्रमुख तौर पर इस्लाम धर्मी जनता का समावेश है और वह फ्रेंच समाज से एकरूप होने में असफल होने की बात मेंडल ने कही है। उसके लिए फ्रान्स सरकार की नीति भी जिम्मेदार होने का आरोप किया है। पिछली फ्रेंच सल्तनतने इस्लाम धर्म शरणार्थियों से संबंध जोड़ने के प्रयत्न किए थे। फ्रेंच मूल्य, नियम, आदर्श इनसे समझौते हो रहे थे, ऐसी टीका मेंडल ने की।

फ्रान्सफ्रेंच सल्तनत ने किये इन समझौते की वजह से फ्रान्स के कुछ भागों में इस्लामीकरण हुआ है और इसमे आतंकी हमलो का मूल छिपा है, ऐसा अलेक्झांडर मेंडेल ने सूचित किया है। अगर इस्लाम धर्मी को आश्रय देने के लिए समझौते की नीति नहीं स्वीकारी होती, तो फ्रान्स में आतंकवादी हमलों के सत्र नहीं होते, ऐसी स्पष्ट गवाही उन्होंने दी है। अब इस्लामीकरण की गति इतनी बढ़ी है कि उस पर कोई भी उपाय नहीं बचा, ऐसी चिंता भी फ्रेंच लेखकों ने व्यक्त की है।

आने वाले कुछ वर्षों में, राजधानी पॅरिस के अनेक उपनगरों में इस्लाम धर्म या गट उनके नियम, कायदे, मूल्य इनके साथ वास्तव्य करेंगे और कुछ भागों में उनके पुलिस दल भी होंगे, ऐसा इशारा मेंडल ने दिया है। फ्रान्स में आए यह शरणार्थी अब फ्रेंच नागरिक हुए हैं और उन्हें आप वापस नहीं भेज सकते, ऐसा नागरिक बने शरणार्थीयों ने सूचित किया है। आज के वर्तमान स्थिति में फ्रान्स के अनेक भागों में फ्रेंच सरकार का एवं यंत्रणा का नियंत्रण नहीं है और यह नियंत्रण संघर्ष करके भी उन भागों पर नहीं प्राप्त कर सकते, ऐसा इशारा मेंडल ने दिया है। फ्रान्स इस्लाम धर्मियों के विरोध में लड़ाई हारा है, ऐसा दावा भी फ्रेंच लेखकों ने किया है।

मेंडेल ने फ्रान्स के साथ अन्य यूरोपीय देशों में भी ऐसी ही स्थिति निर्माण होने का स्पष्ट एहसास कराया है। अमरिका, कैनडा, ब्रिटन जैसे देशों का अनुकरण करने के आग्रह से नुकसान होने की कड़ी टीका भी उन्होंने की है। फ्रेंच भाषा, मूल्य एवं आदर्श का स्वीकार न करते शरणार्थियों को नागरिकत्व देने की उदारता दिखाने से फ्रान्स का नुकसान हो रहा है, ऐसा मेंडेल ने सूचित किया है।

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