अमरिका, फ्रांस एवं ब्रिटन का सिरिया पर हमला

सिरिया, हमला, अमरिका, फ्रांस, ब्रिटन, साथ मिलकर, रासायनिक हमले, वॉशिंग्टन, इरानवॉशिंग्टन: शनिवार प्रात (तड़के) अमरिका ने फ्रांस एवं ब्रिटन के साथ मिलकर सिरिया पर सौ से अधिक क्षेपणास्त्रों का जोरदार हमला कर दिया। ये हमले यशस्वी साबित हुए यह कहकर अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इस हमले का जोरदार समर्थन किया। रासायनिक हमले करके अपने देश के निरपराधी नागरिकों एवं बच्चों की बलि लेनेवाले सीरिया को रोकने के लिए ये हमले आवश्यक ही थे। सिरिया के अस्साद राजकरण को साथ देकर सहकार्य करनेवाले रूस एवं इरान को इस बात पर गौर करना चाहिए कि हम निष्पाप नागरिकों एवं बच्चों को निशाना बनानेवालों का साथ दे रहे है, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कहा है।

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पिछले शनिवार के दिन सिरिया के दौमा में रासायनिक हमला हुआ था। यह हमला करनेवाले सीरियन राजकरण को निशाना बनाया जाएगा। यह चेतावनी अमरिका ने दे रखी थी। इस हमले के विरोध में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले रूस की भी अमरिका पर्वा नही करेगा ऐसी चेतावनी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दे रखी थी। इसके तीन दिन बीतने से पहले ही अमरिका ने फ्रांस एवं ब्रिटन ने साथ मिलकर सिरिया पर संयुक्त हमला कर दिया। इस हमले का समर्थन करते हुए राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने सालभर पहले सिरिया में हो चुके रासायनिक हमले का प्रमाण दिया। इस हमले के पश्चात अमरिका ने सिरिया पर ५८ क्षेपणास्त्र दागे थे। इस हमले में सिरिया के वायुसेना का २० प्रतिशत नुकसान हुआ था। शनिवार के दौमा में होनेवाले रासायनिक हमले के पश्चात भी अमरिका, फ्रांस एवं ब्रिटन ने मिलकर हमला कर दिया और अस्साद राजकरण के रासायनिक हमले की क्षमता को नष्ट कर दिया। ऐसा दावा अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने किया है।

सिरिया, हमला, अमरिका, फ्रांस, ब्रिटन, साथ मिलकर, रासायनिक हमले, वॉशिंग्टन, इरानइस हमले का उद्देश्य पूरा हुआ। यह हमला एक बार ही किया जानेवाला था। परंतु आनेवाले समय के दौरान यदि सिरिया में रासायनिक हमले हुए तो इसी प्रकार की कठोर कार्रवाई की जाएगी। ऐसी चेतावनी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दी। साथ ही सीरियन राजकरण की साथ देनेवाले रूस एवं ईरान इन दोनों के लिए मुझे विशेष संदेश देना है, ऐसा ट्रम्प ने कहा।

यदि कोई देश किसी देश के साथ मैत्री करता है, उसी के आधार पर उस देश की ओर देखा जाता है। सभी सामान्य नागरिकों की बलि लेने वाले सिरिया के खूनी अस्साद राजकारण के साथ सहकार्य प्रस्थापित करके रुस एवं ईरान का क्या इरादा है? यह प्रश्न राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने खड़ा किया है।

अमरिका की सिरिया में हमेशा के लिए सेना तैनात रखने में कोई रुचि नहीं है, ऐसा बयान (निर्वाला) राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दिया। साथ ही इराक एवं सिरिया में अपना साम्राज्य स्थापित करनेवाले ‘आयएस’ पर कारवाई करने के लिए अमरिका को एस स्थान पर छोटे पैमाने पर सेना तैनात करनी पड़ी, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कहा। वैसे ही इस मुहिम के लिए अमरिका अन्य देशोंकी सहाय्यता भी ले रही है। ऐसा कहकर सिरिया की मुहिम अकेला अमरिका ही नहीं कर रहा हैं ऐसा दावा ट्रम्प ने किया।

उपसागर के सौदी अरेबीया, संयुक्त अरब अमिरात, कतार एवं इजिप्त साथ ही अन्य देशोंके साथ अमरिका के सहकार्य के संबध हैं। ‘आयएस’ की पराभूत करने के पश्चात उसका लाभ ईरान न उठाने पाये, इसके लिए अमरिका अपने उपसागर के सहकारी देशोंके साथ मिलकर कोशिश कर रहा है। इस ओर भी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने लोगोंका ध्यान आकर्षित किया। ब्रिटन के प्रधान मंत्री थेरेसा मे इन्होंने सिरिया पर होने वाले हमलों का समर्थन किया। इस हमले का उद्देश्य सिरिया के अस्साद के राजकारण में उथल-पथल मचाना ऐसा नही था, बल्कि यह कारवाई योग्य एवं वैध थी। ऐसा प्रधान मंत्री ने कहा। उसी तरह यह कारवाई अर्थात रुस के लिए इशारा होने का दावा भी ब्रिटन के प्रधानमंत्री ने किया। रासायनिक शस्त्रोंका उपयोग बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, यह संदेश सिरिया पर किए जाने वाले हमले के प्रति दिया गया है। ऐसा फ्रांस के राष्ट्राध्यक्ष इमॅन्युल मॅक्रॉन ने कहा है।

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