रशियन ईंधन की कीमत पर लगाई गई मर्यादा के ऐलान के बाद ‘ओपेक प्लस’ देशों द्वारा ईंधन उत्पादन में कटौती की संभावना

रशियन ईंधनवॉशिंग्टन/मास्को/वियना – रशिया निर्यात कर रहे कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल ६० डॉलर्स तक सीमित रखने के प्रस्ताव को पश्चिमी देशों ने मंजूरी दी है। शुक्रवार को ‘जी ७’, यूरोपिय महासंघ और ऑस्ट्रेलिया ने यह ऐलान किया। इस निर्णय की वजह से रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन युद्ध को प्राप्त हो रही राशि की सप्लाइ कम हो जाएगी, ऐसी प्रतिक्रिया अमरिकी वित्तमंत्री जैनेट येलेन ने दर्ज़ की। ऐसे में रशियन ईंधन की कीमत पर लगाई गई मर्यादा की पृष्ठभूमि पर कच्चे तेल के उत्पादन में अधिक गिरावट करने के संकेत ‘ओपेक प्लस’ देशों ने दिए हैं।

रशियन ईंधनकुछ हफ्ते पहले विश्व के प्रगत देशों के ‘जी ७’ गुट ने रशियन ईंधन की कीमत पर अंकुश लगाने का प्रस्ताव पेश किया था। अमरीका और यूरोप के अधिकारी एवं अध्ययन मंडलों के विरोध के बावजूद यह प्रस्ताव आगे बढ़ाया गया। यूरोपिय देशों द्वारा रशियन ईंधन का आयात बड़ी मात्रा में होती है और इस वजह से इन देशों की इस पर सहमति अहमियत रखती है। शुक्रवार को हुई महासंघ की बैठक में यूरोपिय देशों ने रशियन ईंधन की कीमत प्रति बैरल ६० डॉलर्स रखने को मंजूर करने का ऐलान महासंघ की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयन ने किया।

रशियन ईंधनयूरोपिय देशों के इस ऐलान के बाद ‘जी ७’ और ऑस्ट्रेलिया ने भी रशियन ईंधन की कीमत सीमित रखने के प्रस्ताव को मंजूरी देने का ऐलान किया। सोमवार से इस निर्णय का कार्यान्वयन होगा। इस निर्णय का अमरीका समेत अधिकांश यूरोपिय देशों ने स्वागत किया है। नए समझौते की वजह से यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर रशिया को प्राप्त हो रही आय घट जाएगी और इसका रशिया की आक्रामकता पर असर पड सकता है, ऐसा दावा पश्चिमी सूत्रों ने किया।

रशियन ईंधनअमरिका में स्थित रशियन दूतावास ने ईंधन की किमत पर ऐसी मर्यादा लगाने के किए ऐलान की जोरदार आलोचना की। ‘यह बड़ी खतरनाक घटना है और इससे रशियन ईंधन की मांग कम नहीं होगी। किमत पर मर्यादा लगाने का निर्णय मुक्त बाज़ार के तत्वों के खिलाफ है और इसके परिणाम बहुत खतरनाक हो सकते हैं’, ऐसी चेतावनी रशियन दूतावास ने दी। पश्चिमी देशों के इस, ‘प्राईस कैप’ की पृष्ठभूमि पर ‘ओपेक प्लस’ देश रविवार को बैठक कर रहे हैं। इस बैठक में इस गुट के देश कच्चे तेल का उत्पादन अधिक घटाने का निर्णय लेंगे, ऐसे संकेत दिए गए हैं। रशिया के समावेश का ‘ओपेक प्लस’ गुट ईंधन उत्पादन प्रति दिन पांच लाख बैरस्स घटाने का निर्णय लेगा, यह कहा जा रहा है।

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