यूक्रैन को ‘एस-४००’ देने के बदले में तुर्की ने अमरीका के सामने रखी ‘एफ-३५’, पैट्रियॉट की मॉंग

अंकारा – रशिया के हवाई हमले रोकने के लिए ‘यूक्रैन को ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा की आपूर्ति की जाए, यह इच्छा पश्‍चिमी देशों को होती है तो उससे पहले तुर्की की मॉंग बिना शर्त स्वीकार करनी होगी| सबसे पहले अमरीका तुर्की को ‘एप-३५’ अतिप्रगत लड़ाकू विमान और पैट्रियॉट मिसाइल यंत्रणा प्रदान करे, यह मॉंग तुर्की ने रखी है| तथा तुर्की के साथ ताल्लुकात सुधारने की पूरी ज़िम्मेदारी पश्‍चिमी देशों की होने का इशारा तुर्की ने दिया| रशिया-यूक्रैन संघर्ष की पृष्ठभूमि पर नाटो द्वारा आयोजित बैठक से पहले तुर्की ने अमरीका के सामने यह मॉंग रखी थी|

‘एस-४००’गुरूवार को ब्रुसेल्स में नाटो की बैठक का शीघ्रता से आयोजन किया गया| इस अवसर पर तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप तय्यीप एर्दोगन ने रशिया-यूक्रैन युद्ध को रोकोने के लिए बातचीत आवश्यक होने का आवाहन किया| साथ ही यूरोपिय देश तुर्की की सदस्यता पर फिर से विचार करें, ऐसा भी एर्दोगन ने कहा|

इस बैठक से पहले राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन के वरिष्ठ सलाहकार फहरेत्तीन अल्तून ने अमरिकी अखबार में लेख के जरिए तुर्की की मॉंगों का ज़िक्र किया| पश्‍चिमी देश तुर्की के साथ उनमें से ही एक के तौर पर सुलूक करें, रणनीतिक सहयोगी के तौर पर तुर्की का समावेश यूरोपिय महासंघ में हो, ऐसा अल्तून ने अपने लेख में कहा है| तो, कुछ दिन पहले अमरीका ने तुर्की को दी हुई सूचना के मुद्दे पर भी राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन के सलाहकार ने अपने देश की भूमिका स्पष्ट की|

‘पश्‍चिमी देश किसी भी शर्त के बिना तुर्की को ‘एफ-३५’ लड़ाकू विमान और पैट्रियॉट यंत्रणा की आपूर्ति करें’ ऐसा अल्तून ने अपने लेख में कहा है| लेकिन, अमरीका से प्राप्त होनेवाली इस सैन्य सहायता के बदले में, क्या तुर्की ‘एस-४००’ की आपूर्ति यूक्रैन को करेगा, यह अल्तून ने स्पष्ट नहीं किया| अमरीका की मॉंग के अनुसार तुर्की यूक्रैन को हवाई सुरक्षा यंत्रणा प्रदान करेगा, लेकिन, ‘एस-४००’ प्रदान करना मुमकिन नहीं है, ऐसा अल्तून ने कहा|

‘एस-४००’पिछले महीने अमरीका के विदेश विभाग की उपमंत्री वेंडी शर्मन ने तुर्की का विशेष दौरा किया था| इसमें अमरीका के शर्मन ने तुर्की के सामने यूक्रैन को सैन्य सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव रखा| यूक्रैन के बचाव के लिए तुर्की ने रशिया से खरीदी हुई ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा प्रदान करे, यह सुझाव शर्मन ने दिया था| रशिया से हथियार खरीदनेवाले देश इस युद्धकाल में यूक्रैन को हथियारों की आपूर्ति करें, यह आवाहन बायडेन प्रशासन कर रहा है| प्रमुखता से ‘एस-३००’ और ‘एस-४००’ जैसी हवाई सुरक्षा यंत्रणा रशिया विरोधि युद्ध में यूक्रैन की सेना के लिए सहायक साबित होगी, ऐसा बायडेन प्रशासन का कहना था| इस पर तुर्की का बयान आने की उम्मीद थी|

नाटो के सदस्य देश के तौर पर अमरीका की यह सूचना स्वीकारना तुर्की के लिए बाध्य होगा| लेकिन, यूक्रैन को ‘एस-४००’ या किसी भी तरह की सैन्य सहायता प्रदान करने पर इसका सीधा असर रशिया के साथ संबंधों पर पड़ सकता है, इसका पूरा अहसास तुर्की को है| इसकी वजह से तुर्की ने अमरीका से ‘एफ-३५’ और पैट्रियॉट की मॉंग की है, फिर भी यूक्रैन को ‘एस-४००’ प्रदान करने की स्पष्ट भूमिका अपनाई नहीं है|

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