उन्नत तकनीकी क्षेत्र में चीन के खतरे को रोकने के लिए नई भागीदारी ज़रूरी – अमरीका समेत अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रमुख नेताओं का आवाहन

नई भागीदारीवॉशिंग्टन/बीजिंग – उन्नत तकनीक और इससे संबंधित मुद्दों पर चीन के बढ़ते प्रभाव और खतरे को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई भागीदारी तैयार करने की आवश्‍यकता है, ऐसा आवाहन अमरीका समेत प्रमुख देशों के नेताओं ने किया है। अमीका के ‘नैशनल सिक्युरिटी कमिशन ऑन आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ द्वारा आयोजित एक परिषद में प्रौद्योगिकी क्षेत्र में चीन का खतरा रेखांकित किया गया। इस परिषद में अमरीका के प्रमुख नेताओं समेत यूरोपिय महासंघ, नाटो एवं इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के देशों के नेता और अधिकारी शामिल थे।

मंगलवार के दिन अमरीका के ‘नैशनल सिक्युरिटी कमिशन ऑन आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ ने ‘ग्लोबल इमर्जिंग टेक्नॉलॉजी समिट’ का आयोजन किया था। इस परिषद में अमरीका के रक्षामंत्री लॉईड ऑस्टिन, विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन, वाणिज्यमंत्री जिना रायमोंडो के साथ यूरोपिय महासंघ की उपाध्यक्षा मार्गेथा वेस्टागर, न्यूज़ीलैण्ड की प्रधानमंत्री नई भागीदारीजेसिंडा आर्डन, सिंगापुर के विदशमंत्री विविअन बालकृष्णन उपस्थित थे। इसके अलावा भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, तैवान, ब्रिटेन, इटली, स्वीडन, डेनमार्क, इस्रायल जैसे देशों के नेता, सलाहकार और वरिष्ठ अधिकारी भी इस परिषद में शामिल थे।

बीते दशक से चीन ने प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काफी बड़ी बढ़त बनाने की बात सामने आ रही है। ‘५ जी’ से लेकर ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ क्षेत्र तक के कई क्षेत्रों में चीनी कंपनियाँ और अनुसंधान बढ़त बनाने का चित्र दिखाई दे रहा है। आर्थिक ताकत और प्रभाव के बल पर चीन अपनी तकनीक छोटे और कमज़ोर देशों को स्वीकारने के लिए मज़बूर करने के कई मामले भी सामने आए हैं। इसके साथ ही खनिज और अन्य कच्चे सामान के उत्पादन में प्राप्त किए गए वर्चस्व के बल पर चीन अन्य देशों में तकनीकी प्रगति में अड़ंगा ड़ालने की गतिविधियाँ करने के संकेत भी प्राप्त हो रहे हैं।

नई भागीदारीऐसे में इस परिषद में शामिल नेता, अधिकारी और विशेषज्ञों ने चीन के इस खतरे की ओर ध्यान आकर्षित किया। चीन आर्टिफिशल इंटेलिजन्स और अन्य उन्नत तकनीकी क्षेत्रों में नेतृत्व करने की महत्वाकांक्षा रखता है। इन क्षेत्रों के वैश्विक निकष और नियम तय करनेवाली यंत्रणाओं में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए चीन की कोशिश जारी है। तकनीकी क्षेत्र में चीन का बढ़ता प्रभाव और महत्वाकांक्षा की वजह से मानव अधिकार और वैश्विक सुरक्षा के लिए निर्माण हुए खतरे की ओर इस परिषद में शामिल नेताओं ने ध्यान आकर्षित किया। इस खतरे को रोकना हो तो समान मूल्यों का सम्मान कर रहे और समान विचारों वाले देशों को एक-दूसरे से स्पर्धा करने के बजाए भागीदारी करनी चाहिए, ऐसा आवाहन नाटो के उप-संचालक मर्सिआ जिओना ने किया।

फिलहाल ‘डिजिटल क्रांती’ की तीसरी लहर जारी है और अहम एवं संवेदनशील तकनीक का इस्तेमाल लोकतांत्रिक देशों के विरोध में नहीं होगा, इसका ध्यान रखना पड़ेगा, ऐसा इशारा अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने दिया। अमरीका के वरिष्ठ सिनेटर मार्क वॉर्नर ने इस दौरान प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अमरीका को बहुपक्षीय गठबंधन करके उन्नत तकनीक से संबंधित दायरा और निकष तय करने पड़ेंगे, ऐसी भूमिका रखी। वॉर्नर की इस भूमिका का यूरोपिय महासंघ समेत अन्य देशों ने समर्थन किया।

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