चीन को खुश रखने के लिए पाकिस्तान ने अमरीका की ‘समिट फॉर डेमोक्रसी’ से नाम वापस लिया

Jinping-Biden-Khanइस्लामाबाद – अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने आयोजित की हुई ‘समिट फॉर डेमोक्रसी’ मे शामिल होने से पाकिस्तान ने इन्कार किया है| पिछले कई दिनों की देरी के बाद प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार ने यह ऐलान किया| इसके साथ ही, पाकिस्तान उचित समय पर अमरीका से संपर्क करेगा, यह भी पाकिस्तान की सरकार ने घोषित किया है| बायडेन प्रशासन ने गुरुवार से शुरू इस परिषद से चीन को अलग रखा है| इस वजह से, इसमें शामिल होकर चीन को नाराज़ करने का साहस  प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार नहीं रखती| इस पृष्ठभूमि पर, पाकिस्तान ने बायडेन प्रशासन से इन्कार किया होने की बात कही जा रही है|

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने बीते महीने इस परिषद के लिए जनतांत्रिक देशों को आमंत्रित किया हैं और इनमें भारत के साथ ताइवान, नेपाल, मालदिव, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपिय देशों का भी समावेश है| गुरुवार से शुरू हुई इस परिषद में तानाशाही, मानव अधिकार और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर चर्चा हो रही हैं| इसके लिए बायडेन प्रशासन ने पाकिस्तान को भी आमंत्रित किया था|

बीते दो हफ्तों से पाकिस्तान ने अमरीका के इस न्यौते पर जवाब देना टाल दिया था| लेकिन, यह परिषद शुरू होने से कुछ ही घंटे पहले पाकिस्तान नें इसमे शामिल होने से इन्कार किया| इस परिषद में शामिल होना यानी किसी एक गुट में शामिल होने जैसा है, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री इम्रान खान ने, जनतांत्रिक देशों के गुट का हिस्सा ना होने की बात स्पष्ट की|

Summit-for-Democracyअमरीका ने चीन को नकार कर ताइवान को इस परिषद के लिए न्यौता दिया है| ताइवान हमारा सार्वभूम क्षेत्र होने का दावा चीन करता हैं| साथ ही ताइवान को इस परिषद में शामिल करने के कारण चीन ने अमरीका की आलोचना की हैं| ऐसी बैठक में पाकिस्तान शामिल हुआ तो चीन बेवजह नाराज़ होगा, यह चिंता पाकिस्तान को सता रही है| इसी कारण प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार ने अमरीका से इन्कार करने का खतरा उठाया है, यह दावा किया जाता है|

पाकिस्तान की इस भूमिका का चीन के सभी दूतावासों ने स्वागत किया| साथ ही चीन के मुखपत्र ने भी इसपर बयान करते यह कहा है कि, पाकिस्तान ने मित्रता निभाई है| लेकिन, पाकिस्तान के विश्‍लेषक, पत्रकार प्रधानमंत्री इम्रान खान की भूमिका की आलोचना कर रहे हैं| अमरीका से इन्कार करके प्रधानमंत्री इम्रान खान अप्रत्यक्ष रूप में तानाशाह चीन के गुट में जा बैठने की बात स्वीकार रहे हैं, ऐसी आलोचना पाकिस्तानी माध्यम कर रहे हैं|

प्रधानमंत्री इम्रान खान के इस निर्णय की वजह से अमरीका और युरोपीय देश पाकिस्तान के लिए आर्थिक समस्या खड़ी कर सकते हैं| ‘आईएमएफ’ भी पाकिस्तान पर तीव्र कार्रवाई कर सकता है| मानव अधिकारों के मुद्दे पर पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, ऐसी चिंता पाकिस्तानी पत्रकार व्यक्त कर रहे हैं|

Leave a Reply

Your email address will not be published.