चीन के बढ़ते खतरे की पृष्ठभूमि पर जापान के रक्षा खर्च में विक्रमी बढ़ोतरी

japan-kishida-security-cost-1टोकियो – जापान के मंत्रिमंड़ल ने शुक्रवार को देश के ४७.२ अरब डॉलर्स के विक्रमी रक्षाखर्च को मंजूरी प्रदान की। चीन और उत्तर कोरिया के बढ़ते खतरे की पृष्ठभूमि पर जापान ने रक्षाखर्च में यह बढ़ोतरी करने का दावा किया जा रहा है। पड़ोसी देश चीन की तुलना में जापान का रक्षा खर्च केवल २० प्रतिशत ही है। फिर भी जापान के रक्षाखर्च में यह बढ़ोतरी चीन को बेचैन कर रही है। इसी बीच, जापान और अमरीका ने ताइवान पर किए जानेवाले चीन के संभावित हमले का जवाब देने के लिए सैन्य योजना तैयार करने की जानकारी सामने आ रही है।

जापान के कैबिनेट ने शुक्रवार को अगले वर्ष के लिए प्रस्तावित रक्षाखर्च को मंजूरी प्रदान की। इसके अनुसार जापान रक्षाबलों पर ५.४ ट्रिलियन येन यानी ४७.२ अरब डॉलर्स खर्च करेगा। लगातार दसवें वर्ष जापान ने अपने रक्षाखर्च में यह बढ़ोतरी की है। जापान का रक्षाखर्च अब इस देश के जीडीपी के १ प्रतिशत से अधिक हो गया है।

चीन और उत्तर कोरिया के बढ़ते खतरे की पृष्ठभूमि पर जापान ने अपने रक्षाखर्च में बढ़ोतरी जारी रखने का दावा किया जा रहा है। लेकिन, स्टॉकहोम स्थित ‘सिप्री’ नामक अध्ययन मंड़ल द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार जापान के रक्षाखर्च की यह बढ़ोतरी अमरीका और चीन के रक्षा खर्च के सामने ना के बराबर है। वर्ष २०२० में अमरीका का रक्षाखर्च ७७८ अरब डॉलर्स था, तो चीन ने २५२ अरब डॉलर्स रक्षाखर्च का ऐलान किया था।

japan-kishida-security-cost-2चीन से ईस्ट चायना सी में जापान के हित के खिलाफ खतरा पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा है। पिछले वर्ष चीन ने हाँगकाँग में लोकतांत्रिक प्रदर्शनों को कुचलने के बाद जापान ने चीन की आलोचना की थी। इसके प्रत्युत्तर में चीन ने जापान के समुद्री सीमा के करीब विध्वंसक रवाना करने का सत्र शुरू किया था। चीनी विध्वंसकों की इस घुसपैठ पर जापान ने गुस्सा व्यक्त किया था।

जापान ने अपने रक्षाखर्च में बढ़ोतरी करने से कुछ घंटे पहले ही जापान के शीर्ष अखबार ने चीन को और एक झटका देनेवाली खबर जारी की। आनेवाले दौर में चीन ने ताइवान पर यदि हमला किया तो चीन को जवाब देने के लिए जापान और अमरीका ने सैन्य योजना बनाई है। इसके अनुसार नान्सेई द्विप पर अमरीका के मरीन्स तैनात करके इसे सैन्य अड्डे के तौर पर इस्तेमाल करने पर दोनों देशों के रक्षाबलों में सहमति हुई है। इस दौरान जापान अमरीका की सेना के लिए हथियार भंड़ार और र्इंधन की आपूर्ति करने का ज़िम्मा संभालेगा, ऐसा जापान के अखबार ने कहा है।

अगले कुछ हफ्तों में जापान और अमरीका में होनेवाली ‘टू प्लस टू’ बातचीत के दौरान इस योजना पर मुहर लगेगी, यह दावा किया जा रहा है।

पिछले कुछ महीनों में जापान की सरकार ने ताइवान की सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया है। ताइवान पर चीन का हमला जापान की सुरक्षा पर हमला साबित माना जाएगा, यह ऐलान जापान के नेता ने किया था। तभी ताइवान पर हमला करना चीन के लिए आत्मघात साबित होगा, ऐसा इशारा जापान के पूर्व प्रधानमंत्री एबे शिंज़ो ने दिया था। उनके इस इशारे पर चीन ने बहुत क्रोध व्यक्त किया था।

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