गाज़ा के आतंकवादियों को बड़ी सटिकता से लक्ष्य करने वाले इस्रायली रक्षाबलों की प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने की सराहना

तेल अवीव – ‘वेल डन’, इन शब्दों में इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने पिछले पांच दिनों में इस्रायली रक्षाबल और सुरक्षा यंत्रणा ने किए प्रदर्शन की सराहना की। ‘इस्रायली डिफेन्स फोर्सेस’ (आईडीएफ) और सुरक्षा यंत्रणा ‘शिन बेत’ ने गाज़ा के आतंकवादियों को भ्रमित कर दिया, ऐसा प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने रविवार को आयोजित मंत्रिमंड़ल की बैठक में कहा। इस्लामिक जिहाद के साथ युद्ध विराम शुरू होने के कुछ ही घंटे बाद इस्रायली प्रधानमंत्री की प्राप्त हुई यह प्रतिक्रिया सूचक समझी जाती है। 

प्रधानमंत्री नेत्यान्याहूइस्लामिक जिहाद ने गाज़ा से रॉकेटस्‌‍ और मॉर्टर्स के हमले शुरू करने के बाद इस्रायली रक्षाबल और सुरक्षा यंत्रणाओं ने ‘शिल्ड ॲण्ड एरॉ’ सैन्य अभियान शुरू किया था। यह अभियान ‘आईडीएफ’ और ‘शिन बेत’ ने बड़ी तीव्र सटिकता से चलाया। इससे गाज़ा स्थित इस्लामिक जिहाद के नेतृत्व का एक मोर्चा खत्म हुआ। इस्लामिक जिहाद के १७ कमांड सेंटर्स और कई आतंकी एवं रॉकेट-मिसाइलों के भंड़ार के साथ टैंक विरोधी दल इस्रायली रक्षाबलों के हमले में नष्ट हुए, ऐसा दावा प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने किया।

जो भी कोई इस्रायल पर आघात करता हैं या ऐसा करने की कोशिश करता है, वह अपनी जान खतरे में धकेलते रहते हैं, ऐसी चेतावनी प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने इस अवसर पर दी। गाज़ा के बाह स्थित इस्रायल के शत्रुओं को भी हम आपको कभी भी लक्ष्य कर सकते हैं, यही संदेश इस्रायल ने शिल्ड ॲण्ड एरो के ज़रिये पहुंचाया हैं, ऐसा नेत्यान्याहू ने कहा। इसी बीच, इस्रायल के पूर्व सेना अधिकारी एवं विश्लेषकों ने रक्षाबलों ने यह अभियान सफल करने पर संतोष व्यक्त किया है। लेकिन, साथ ही उन्होंने कुछ सवाल भी खड़े किए हैं। 

यह सैन्य अभियान शुरू होने के बाद मात्र कुछ ही घंटों में इस्रायली रक्षा बलोंने जोरदार हमले करके अपने उद्देश्य प्राप्त किए थे। उसके बाद पांच दिन तक यह संघर्ष लंबा चला, यह इस्रायल के लिए चिंता का मुद्दा है, ऐसा इन विश्लेषकों ने कहा है। जल्द ही नया संघर्ष शुरू होने की कड़ी संभावना हैं और ऐसे में शत्रु को संघर्ष लंबा चलाने का अवसर प्राप्त होना खतरे की बात बनेगी, ऐसी चेतावनी इन विश्लेषकों ने दी है।

यह संघर्ष शुरू होने के बाद मंगलवार दोपहर तक ही इस्रायली रक्षाबलों ने अपने उद्देय प्रापति किए थे, इस मुद्दे पर यह विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इस वजह से आगे के चार दिनों तक यह संघर्ष लंबा चलाने का कुछ भी मतलब नहीं था, यह दावा इन विश्लेषकों ने किया है।

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