यूक्रेन मुद्दे पर इस्रायल की नेत्यान्याहू सरकार रशिया का समर्थन करेगी – इस्रायली और यूक्रेनी विश्लेषकों का दावा

जेरूसलम – संयुक्त राष्ट्रसंघ की बैठक में पैलेस्टिन के मामले में यूक्रेन ने अपनाई भूमिका पर प्रतिक्रियाएं प्राप्त हो रही हैं। पैलेस्टिन का क्षेत्र इस्रायल के कब्ज़े में होने का दावा कर रहें प्रस्ताव के पक्ष में यूक्रेन ने मतदान किया। इसका असर जल्द ही दिखाई देगा। क्यों कि, आनेवाले कुछ दिनों में इस्रायल की बागड़ोर संभाल रही बेंजामिन नेत्यान्याहू की सरकार यूक्रेन को इसकी कीमत चुकाने के लिए मज़बूर करेगी। नेत्यान्याहू की सरकार रशिया के पक्ष में खड़े होकर यूक्रेन की सैन्य सहायता रोक देगी, ऐसा दावा यूक्रेनी विश्लेषक कर रहे हैं। इस्रायल के विश्लेषकों ने भी इसी तरह से अनुमान व्यक्त किए हैं।

नेत्यान्याहू सरकारपिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्रसंघ की बैठक में कुछ प्रस्ताव पेश किए गए थे। इसमें इस्रायल ने पैलेस्टिनी क्षेत्र का विलयन करने के प्रस्ताव का समावेश था। यह प्रस्ताव ९८-१७ मतों से पारित किया गया। इस समय ५२ देश इस प्रस्ताव पर मतदान करने से दूर रहे। इस्रायल के विरोध में मतदान करने वाले देशों में यूक्रेन का समावेश होने की बात स्पष्ट होने के बाद झेलेन्स्की की सरकार पर इस्रायल एवं यूक्रेन से आलोचना हो रही है।

पिछले कुछ महीनों से इस्रायल की सरकार संभालते रहे नफ्ताली बेनेट और येर लैपिड की सरकार ने यूक्रेन की मांग पर हथियारों की आपूर्ति करने से इन्कार किया था। लेकिन, इन दोनों नेताओं के कार्यकाल मे यूक्रेनी सैनिकों ने संघर्ष करने के लिए इस्रायली निर्माण के सैन्य वाहनों का इस्तेमाल करने के फोटो सामने आए थे। साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री बेनेट और लैपिड ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की बैठक में रशिया विरोधी भूमिका अपनाई थी।

नेत्यान्याहू सरकारइसके बाद रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन और विदेश मंत्री सजेर्ओईओ लैव्हरोव्ह ने इस्रायल की जोरदार आलोचना की थी। साथ ही नाज़ी समर्थकों का सहयोग पा रहें यूक्रेन का इस्रायल समर्थन कर रहा हैं, इसका अहसास रशिया ने कराया था। इस वजह से रशिया और इस्रायल के संबंधों में तनाव बना था। ऐसें में ही इस्रायल के चुनावी प्रचार में बेंजामिन नेत्यान्याहू ने भी यूक्रेन को सैन्य सहायता करने के संकेत दिए थे।

इसके बावजूद संयुक्त राष्ट्रसंघ की बैठक में यूक्रेन ने इस्रायल के खिलाफ मतदान करके बड़ी भूल की हैं, ऐसी चेतावनी इस्रायली एवं यूक्रेनी अधिकारी और विश्लेषक दे रहे हैं। जल्द ही इस्रायल की बागड़ोर संभाल रहें बेंजामिन नेत्यान्याहू की सरकार रशिया की ओर कदम बढ़ाएगी, यह दावा ‘जेरूसलम सेंटर फॉर पब्लिक अफेअर्स’ नामक अभ्यासगुट के विश्लेषक योनी बेन-मनाहेम ने किया।

यूक्रेन का यह एक मत नेत्यान्याहू का गुस्सा बढ़ाने के लिए काफी हैं और वह यूक्रेन को किसी भी तरह के हथियारों की आपूर्ति नहीं करेंगे, ऐसा बेनमनाहेम ने स्पष्ट किया। इसके अलावा सीरिया में ईरान के ठिकानों पर हमले करने के लिए रशिया की सहायता प्राप्त हो, इसके लिए नेत्यान्याहू राष्ट्राध्यक्ष पुतिन से अच्छा सहयोग रखेंगे, इस पर बेन-मनाहेम ने ध्यान आकर्षित किया।

ऐसें में रशिया-ईरान गठबंधन के खिलाफ रशिया की सहायता की उम्मीद होने की स्थिति मे यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने इस्रायल विरोधी अपनाई यह भूमिका बिल्कुल स्वीकार नहीं कर सकते, ऐसी आलोचना झेलेन्स्की के सहायक अलेक्सी अरेस्टोविच ने की। राष्ट्रसंघ में इस्रायल के खिलाफ यह मतदान करते समय यूक्रेन ने अनुपस्थित रहने की उम्मीद थी, इस शब्दों में अरेस्टोविच ने अपने देश की विदेश नीति की आलोचना की।

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