इस्रायल को आत्मरक्षा का अधिकार है – प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू का ‘आईएईए’ को जवाब

वियना/जेरूसलम – ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर किया हमला अवैध होगा, ऐसा दावा अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग (आईएईए) के महासंचालक राफेल ग्रॉसी ने किया था। इसपर इस्रायल के प्रधानमंत्री ने काफी तीखीं प्रतिक्रिया दी है। ईरान हमे कत्ल करने के लिए हत्यारां का जमावड़ा कर रहा हैं और ऐसे में क्या हमे आत्मरक्षा का भी अधिकार नहीं है? ऐसा सवाल इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने किया है। इस वजह से ईरान के परमाणु प्रकल्प के हमले पर इस्रायल कायम होने की बात फिर से स्पष्ट हुई है। 

आत्मरक्षा का अधिकारशनिवार को आईएईए के महासंचालक राफेल ग्रॉसी ने तेहरान में ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान ईरान और आईएईए के ज़रिये संयुक्त निवेदन भी जारी किया गया। इसका दाखिला देकर अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर ‘आईएईए’ द्वारा जताई आपत्तियों हल निकलने का दावा ईरान कर रहा हैं। इसके साथ ही ईरान ने परमाणु प्रकल्प में बंद किए सीसीटीव्ही कॅमेरे फिर से शुरू करने की तैयारी दिखाई है। साथ ही आईएईए की अन्य मांगों का भी स्वीकार किया होने की बात कही जा रही है। तेहरान की वार्ता परिषद में आईएईए के महासंचालक ग्रॉसी से ईरान के परमाणु प्रकल्प इस्रायल के संभावित हमले पर सवाल किया गया था।

इसके जवाब मे ग्रॉसी ने कहा कहा कि, ईरान के परमाणु प्रकल्प पर सैन्य हमला होना अवैध होगा। उनके इस बयान पर इस्रायल के प्रधानमंत्री ने आपत्ति जताई हैं। ईरान ने इस्रायल को नक्शे से मिटाने की चेतावनियां दी थी। ईरान हमारी कत्ल करने की गतिविधियां कर रहा हैं और इसके लिए हत्यारों का जमावड़ा कर रहा हैं। ऐसी स्थिति में क्या हमें आत्मरक्षा का भी अधिकार नहीं हैं? ऐसा तीखा सवाल प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने किया। 

हां! हमें यह अधिकार हैं और इस्रायल इसका प्रयोग यकीनन करेगा। कानून क्या है और कानूनन क्या है, इसपर गंभीरता से सोचना का अवसर बना है। इस्रायल का सर्वनाश करने के लिए गतिविधियां करने की अनुमति कौन सा कानून देता हैं, ऐसा और एक सवाल प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने किया। साथ ही ‘आईएईए’ के महासंचालक ने किए बयान यानी उचित पद की व्यक्ति ने किया अनुचित बयान है, ऐसी बयान भी इस्रायल के प्रधानमंत्री ने किया है।

इसी बीच, ईरान परमाणु बम पाने के काफी करीब होने का दावा ‘आईएईए’ की रपट में किया गया था। जल्द ही ईरान परमाणु के लिए आवश्यक मात्रा के यूरेनियम का संवर्धन कर सकता है, ऐसी चेतावनी इस रपट में दी गई थी। लेकिन, अब ‘आईएईए’ की भाषा बदलती दिख रही हैं। इसका इस्रायल ने गंभीर संज्ञान लिया है और आगे के समय में ईरान के परमाणु प्रकल्प पर हमला करते हुए अपने कानून के दायरे का विचार नहीं करेंगे, ऐसा संदेश इस्रायल के प्रधानमंत्री ने दिया है। सिर्फ ‘आईएईए’ ही नहीं, बल्कि अमरीका, ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी यह देश भी ईरान के परमाणु प्रकल्प पर इस्रायल हमला ना करें, इसके लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन, ईरान से अपने अस्तित्व के लिए बने खतरे के मद्देनज़र इस्रायल इसे कभी भी अनदेखा नहीं करेगा, ऐसी चेतावनी प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू और उनके सहयोगी बड़ी आक्रामकता से दे रहे हैं।

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