कारगिल युद्ध के शहीदों का स्मरण हमेशा रहेगा – कारगिल विजय दिवस पर प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री का संदेश

नई दिल्ली – कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को देश कभी भी नहीं भूलेगा , ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है। २२ वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री ने यह संदेश दिया। कारगिल युद्ध में हासिल हुआ विजय भारतीय सैनिकों के शौर्य और पराक्रम एवं बलिदान की सुवर्णगाथा है। बड़ी कठिन स्थिति में भारतीय सैनिकों ने देश को यह जीत दिलाई, इसकी तुलना अन्य किसी से भी करना मुमकिन नहीं होगा, ऐसा बयान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया है।

कारगिल युद्धजम्मू-कश्‍मीर के बारामुल्ला में स्थित युद्ध स्मारक पर जाकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कारगिल का विजय दिवस मनाया। खराब मौसम की वजह से राष्ट्रपति का लद्दाख के द्रास क्षेत्र का दौरा रद किया गया। लेकिन, देशभर में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शहीदों का स्मरण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस जंग में बलिदान देनेवाले सैनिकों का निरंतर स्मरण रहेगा, ऐसा कहा। साथ ही पूर्व लष्करी अधिकारी कारगिल युद्ध की यादें ताज़ा करके इस युद्ध के बाद हुए बदलाव और सुधारों की ओर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

पाकिस्तान की ‘एलओसी’ के साथ ही चीन के ‘एलएसी’ पर भी भारत की सुरक्षा को चुनौती प्राप्त हो रही है। चीन ने लद्दाख के ‘एलएसी’ पर भारत को नई चुनौती देने की तैयारी जुटाने की खबरें प्राप्त हुई है। इसके विरोध में भारतीय सेना ने अपनी तैयारी भी पूरी की है और ‘एलओसी’ पर तैनात करीबन १५ हज़ार सैनिकों का दल अब चीन के ‘एलएसी’ के करीब तैनात किया जा रहा है। इस पृष्ठभूमि पर देश कारगिल युद्ध का २२वां विजय दिवस मना रहा है। इसी कारण इस अवसर पर रक्षामंत्री के संदेश की अहमियत बढ़ रही है।

कारगिल युद्ध से पाया हुआ सबक देश ने पूरी तरह से आत्मसात किया है, ऐसा पूर्व सेनाप्रमुख वेद प्रकाश मलिक ने कहा। साथ ही कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना को पाकिस्तान की भूमि पर कब्ज़ा करने के आदेश प्राप्त होने की आवश्‍यकता थी, ऐसा पूर्व सेनाप्रमुख मलिक ने कहा। भारतीय सेना अपनी सीमा में रहकर ही कारगिल का युद्ध लड़ेगी, यह ऐलान भारत ने उस समय किया था। इस पृष्ठभूमि पर पूर्व सेनाप्रमुख ने यह बयान किया।

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