आत्मसमर्पण करनेवाले आतंकी ने पाकिस्तान को किया बेनकाब

नई दिल्ली – जम्मू-कश्‍मीर के बारामुला जिले के उरी सेक्टर में २५ सितंबर के दिन नियंत्रण रेखा से सात आतंकियों ने घुसपैठ की थी। लेकिन, भारतीय सैनिकों ने गोलीबारी शुरू करने के बाद इनमें से चार आतंकी ‘पीओके’ में भाग गए थे। अन्य दो आतंकियों को भारतीय सैनिकों ने मार दिया और शेष एक आतंकी ने आत्मसमर्पण किया था। यह आतंकी पाकिस्तानी नागरिक होने की जानकारी भारतीय सेना के अधिकारी ने वार्ता परिषद में प्रदान की।

Pakistan-terroristsसेना के हाथ लगे इस आतंकी का नाम अली बाबर पात्रा है और उसकी उम्र १९ वर्ष है। वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के ओखरा का निवासी है। ‘लश्‍कर ए तोयबा’ ने उसे आतंकी गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया था। कश्‍मीर में भारतीय सेना अत्याचार कर रही है, यह झूठी जानकारी हमें प्रदान की गई थी और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उकसाया गया था, ऐसा अली ने कहा है। लेकिन, यहां पर हमें ऐसा कुछ भी दिखाई नहीं दिया। पकड़े जाने के बाद भी हमसे मारपीट नहीं हुई और प्रताड़ित भी नहीं किया गया, ऐसा अली ने कहा है।

‘लश्‍कर’ में शामिल होने के बाद हमें तकरीबन २० हज़ार रुपये प्राप्त हुए थे। ‘एलओसी’ पार करके कश्‍मीर पहुँचने के बाद ३० हज़ार रुपये हमारे परिवार को दिए जाने थे, यह जानकारी अली ने साझा की। लेकिन, जिस उद्देश्‍य से हमें यहां पर भेजा गया था वह उद्देश्‍य पूरी तरह से गलत होने का संदेश अली ने दिया है। कश्‍मीर को लेकर पाकिस्तान द्वारा फैलाई जा रही जानकारी काफी गलत है, ऐसा कहकर हमारी हरकतों को ना दोहराएं, यह सलाह अली ने पाकिस्तान के युवकों को दी है। इसी बीच, अली की पहचान करके भारतीय सेना के अफसरों ने उसकी माँ का मोबाईल नंबर सार्वजनिक किया है।

इसके साथ ही पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियाँ फिर से बेनकाब हुई हैं। अफ़गानिस्तान में तालिबान की सत्ता स्थापित होने के बाद इसका लाभ उठाकर पाकिस्तान जम्मू-कश्‍मीर में आतंकवाद का नया सत्र शुरू करेगा, यह इशारा विश्‍लेषकों ने दिया था। उनका कहना सच साबित करने के लिए पाकिस्तान को ज्यादा अवधि नहीं लगी। लेकिन, पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकियों को नियंत्रण रेखा पर ही रोककर मार ड़ालने का सिलसिला भारतीय सैनिकों ने जारी रखा है। इससे आतंकी गतिविधियों के ज़रिये विश्‍व का ध्यान कश्‍मीर की ओर मोड़ने की पाकिस्तान की साज़िश नाकाम हुई है। खास तौर पर भारत के प्रधानमंत्री अमरीका के दौरे पर थे और संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा में भाषण दे रहे थे तभी आतंकी हमला करने की भयंकर साज़िश पाकिस्तान ने रचि थी, यह दावा भारत के कुछ पूर्व सेना अधिकारी कर रहे हैं। लेकिन, भारतीय सैनिकों ने इस साज़िश को नाकाम किया है।

अली बाबर पात्रा को जिंदा पकड़ने में कामयाब होने से इस मामले को संभालना पाकिस्तान के लिए अधिक कठिन होगा। कुछ दिन पहले भारत ही आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के दावे करके इसके झूठे सबूत संयुक्त राष्ट्रसंघ के सामने पेश करके हमने बड़ा वीरता का कार्य किया है, ऐसे दावे पाकिस्तान के मंत्री ने किए थे। लेकिन, अब जिंदा पकड़े गए आतंकी की पहचान से इन्कार करके उस पर लग रहे आरोपों का जवाब देने के लिए पाकिस्तान को बड़ी भागदौड़ करनी पड़ेगी।

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