पाकिस्तान पहुंच रहा रावी नदी का पानी भारत ने रोक दिया

नई दिल्ली- जम्मू-कश्मीर से बहने वाली रावी नदी का पानी इसके आगे पाकिस्तान को नहीं मिल पाएगा। शाहपुर कंडी बांध का निर्माण पूरा होने की वजह से पाकिस्तान पहुंच रहा रावी नदी का १,१५० क्यूसेक्स पानी अब जम्मू-कश्मीर के कथुआ और सांबा जिले में इस्तेमाल किया जाएगा। इससे दोनों इन दोनों जिलों के किसानों को बड़ा लाभ प्राप्त होगा। साथ ही इससे पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कोहराम मचने की संभावना है। क्यों कि भारत ने अब तक दिखाई उदारता के कारण पाकिस्तान रावी नदी का पानी इस्तेमाल कर रहा था। इनमें से काफी पानी पाकिस्तान जाया करता देखा गया था। साथ ही भारत ने बार बार सूचित करने के बावजूद भी पाकिस्तान ने पानी के लिए अन्य सुविधा करने की सावधानी नहीं दिखाई थी।

वर्ष १९६० में भारत-पाकिस्तान ने किए सिंधु जल बंटवारे समझौते के अनुसार भारत को रावी, सतलज और ब्यास नदी और पाकिस्तान को इंडस, झेलम और चिनाब नदी का नियंत्रण प्राप्त हुआ था। इसके बावजूद जम्मू-कश्मीर से बह रही रावी नदी का काफी पानी पाकिस्तान को ही प्राप्त हो रहा था। सिंधु जल समझौते के अनुसार इस नदी का पानी पाकिस्तान को देने के लिए भारत पर बंधन नहीं है। फिर भी भारत की उदारता को पाकिस्तान ने हलके में लिया था। दोनों देशों के बीच अब तक हुए युद्ध और आतंकवादी हमलों के बावजूद भारत ने पाकिस्तान का पानी तोड़ने का निर्णय नहीं किया था।

पाकिस्तान पहुंच रहा रावी नदी का पानी भारत ने रोक दियावर्ष १९९५ में उस समय के प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने रावी नदी पर बांध बनाकर इस नदी का पानी रोकने की तैयारी दिखाई थी। लेकिन, आगे इस प्रकल्प के निर्माण में रुकावट हुई। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को लेकर सख्त नीति अपनाते हुए रावी नदी का पानी आगे से पाकिस्तान को नहीं दिया जाएगा, ऐसी खुली चेतावनी दी थी। पाकिस्तान आतंकवादी हमले करके भारतीय नागरिकों का खून बहाने की साज़िश बना रहा है। लेकिन, खून और पानी एक सात बह नहीं सकते, ऐसी चेतावनी देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने रावी नदी पर बांध के निर्माण कार्य को गति प्रदान की थी। इसके अनुसार अब शाहपुर कंडी बांध का निर्माण पूरा हुआ है। इससे रावी नदी का पानी रोकने की पुरी क्षमता भारत को प्राप्त हुई है। आगे के दिनों में इस नदी से बहने वाला पूरा पानी जम्मू-कश्मीर के कथुआ और सांबा जिले को मुहैया किया जाएगा। इससे इन जिलों को १,१५० क्सूसेक्स पानी मिलेगा और वहां पर करीबन ३२ हजार हेक्टर जमीन सिंचाई होगी।

भारत के इस निर्णय पर पाकिस्तान की तीव्र प्रतिक्रिया आने की उम्मीद है। लेकिन, रावी नदी का पाकिस्तान को अब तक मिलता रहा पानी भारत ने दिखाई उदारता थी,इस पानी पर पाकिस्तान का कभी भी अधिकार नहीं था, इस मुद्दे पर गौर करने के लिए यह देश तैयार नहीं है।

ऐसे में अब रावी नदी का पानी अब आगे से पाकिस्तान को नहीं मिलेगा। इसकी सूचना एवं इशारें भारत ने देने के बावजूद पाकिस्तान ने उनके पंजाब प्रांत के लिए पानी का प्रावधान नहीं किया। लेकिन, संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में बोलते समय पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम ने यह चिंता जताई है कि, भारत ने रावी नदी का पानी रोका तो हमारे पंजाब प्रांत के किसानों की मुसिबत होगी और पाकिस्तानी जनता की अन्न सुरक्षा के लिए खतरा होगा।

पहले के समय में रावी नदी के पानी को लेकर पाकिस्तान ने भारत को युद्ध की धमकियां भी दी हैं। रावी नदी का पानी नहीं मिला तो पाकिस्तान रेतीले क्षेत्र में तब्दील हो सकता है। ऐसा होने पर हमारे सामने युद्ध के अलावा अन्य विकल्प ही नहीं बचेगा, ऐसा बयान पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री सरताज अझीझ ने किया था। पाकिस्तान ऐसे दावे कर रहा है, फिर भी वास्तव में रावी नदी से प्राप्त हुआ ज्यादातर पानी पाकिस्तान में जाया जा रहा है, यह मुद्दा एक नहीं कई बार सामने आयी थी। अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलरी क्लिंटन ने भी इस मुद्दे पर पाकिस्तान के कान खींचे थे। इस वजह से पाकिस्तान इस समस्या को ज़रूरी गंभीरता से नहीं देख रहा है, यह भी स्पष्ट हुआ था।

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