‘दुनिया में चल रहीं गतिविधियों का रशिया-ईरान संबंधो पर असर नहीं होगा’ : रशिया के उपविदेशमंत्री का दावा

मॉस्को, दि. १७ : ‘आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रहीं गतिविधियों पर रशिया और ईरान के संबंध निर्भर नहीं हैं| इसलिए दुनियाभर में चल रही उलथपुलथ का दोनों देशों के संबंधो पर असर नहीं होगा’ ऐसा दावा रशिया के उपविदेशमंत्री ‘सर्जेई रिब्कोव्ह’ ने किया| रशियन न्यूज एजन्सी से बात करते समय रिब्कोव्ह ने यह आश्‍वासन दिया|

रशिया-ईरान‘ईरान यह रशिया का भरोसेमंद, दृढ और निकटतम दोस्तराष्ट्र है| रशिया और ईरान की दोस्ती दुनियाभर में चल रहीं उलथपुलथ पर निर्भर नहीं| बहुत सारे आंतर्राष्ट्रीय मसलों पर रशिया के ईरान के साथ बेहतर सहयोग हैं, जिनमें आतंकवादविरोधी सहयोग भी शामिल है’ ऐसा रशिया के उपविदेशमंत्री ने स्पष्ट किया|

साथ ही, परमाणु समझौते के बारे में रशिया का ईरान से सहयोग खुलेआम होकर, आगे चल कर भी वह सहयोग चलता रहेगा, ऐसा भरोसा उपविदेशमंत्री रिब्कोव्ह ने जताया| ईरान के परमाणु कार्यक्रम का मसला सुलझाने के लिए रशिया की पहल में शुरू किया गया ‘जाईंट कौम्प्रिहेन्सीव्ह एक्शन प्लैन’ पर भी सहयोग चालू रहनेवाला है, ऐसी जानकारी रिब्कोव्ह ने दी|

इसी दौरान, हफ्तेभर पहले अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान द्वारा किए गए बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र के परीक्षण के खिलाफ ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए थे| साथ ही, ‘ईरान यह आतंकवादी देश है’ ऐसा इल्ज़ाम भी ट्रम्प ने लगाया था| इसके बाद इस्रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू से की मुलाकात के बाद, अमेरीका ने इससे पहले ईरान के साथ किये परमाणु समझौते को खारिज़ करने की घोषणा भी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने की| इसके अलावा, सौदी अरब और तुर्की के राष्ट्रप्रमुखों में, सीरिया में चल रहीं उलथपुलथ पर तथा ईरान के विषय पर चर्चा हुई, ऐसी खबर प्रकाशित हुई है|

अमरीका ने ईरान के खिलाफ जोरदार सैनिकी मोरचा बनाने के संकेत दिये हैं, जिसमें सौदी अरब, संयुक्त अरब अमिरात, जॉर्डन और इजिप्त शामिल हैं| इस मोरचे को अमरीका द्वारा हर तरह का सहयोग दिया जाएगा, ऐसा दावा ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ इस अमरिकी अखबार ने किया था| इससे यही दिखायी देता है कि राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा के कार्यकाल में अमरीका ने ईरान के बारे में अपनायी हुई हमदर्दी की नीति पूरी तरह बदल रही होकर, नये राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ईरान को आड़े हाथ लेने की तैयारी में हैं| ईरान ने भी, अमरीका की इन आक्रामक नीतियों को उतना ही क़रारा जवाब दिया जाएगा, ऐसी फटकार लगायी है|

इसीलिए, इस उलथपुलथ का ईरान और रशिया के संबंधो पर असर नहीं होगा, ऐसे संकेत देते हुए रशिया के उपविदेशमंत्री ने, अपना देश ईरान के पीछे अड़िगतापूर्वक खड़ा होगा, ऐसा घोषित किया है| कुछ दिन पहले ईरान ने, सीरिया के संघर्ष के लिए रशियन लड़ाकू विमानों को अपना हवाई बेस इस्तेमाल करने की अनुमती दी थी| इसपर अमरिकी अधिकारियों ने बेहद नाराज़गी जताई थी| इस पृष्ठभूमि पर रशियन उपविदेशमंत्री ने ये बयान जारी किये हैं।

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