सात देशों के निवासियों के अमरीकाप्रवेश पर लगायी पाबंदी का राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प द्वारा समर्थन

वॉशिंग्टन, दि. २९: अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने सीरिया, इराक, ईरान, यमन, सुदान, सोमालिया इन देशों के निवासियों के अमरीकाप्रवेश पर पाबंदी लगाने के आदेश जारी करने के बाद अमरीका समेत पूरी दुनिया में खलबली मच गई है| इतना ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान और इस्लामी देशों के निवासियों को अमरीका का व्हिसा देते समय कड़ी छानबीन करने के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दिये आदेश का भी विरोध हो रहा है| न्यूयॉर्क के न्यायालय ने, इन सात देशों के निवासियों को उनके देश भेजने के राष्ट्राध्यक्ष के आदेश लागू ना करें, ऐसा हुक़्म दिया है| वहीं, यह आदेश यानी इस्लामधर्मियों को अमरीका में प्रवेशबंदी का हिस्सा नहीं है, ऐसा खुलासा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किया है|

अमरीकाप्रवेश पर पाबंदी

अमरीका को चरमपंथियों से सुरक्षित रखना है, तो इसके लिये कुछ कठोर उपाय करने होंगे, ऐसी ठोस भूमिका ट्रम्प ने अपने चुनावप्रचार मुहिम में अपनायी थी| राष्ट्राध्यक्षपद पर आने के बाद पहले हफ्ते में ही ट्रम्प ने, सात देशों के नागरिकों को अमरीका का व्हिसा नकारने के बाद, अपनी नीति पर अमल करना शुरू कर दिया था| इन सात देशों में सीरिया, इराक, ईरान, यमन, सुदान, सोमालिया ये देश शामिल हैं| इसके साथ ही, पाकिस्तान जैसे देश से अमरीका में आनेवालों की कठोर छानबीन करके, उसके बाद ही उन्हें व्हिसा दिया जायेगा, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अपने अध्यादेश में लिखा है| इसपर इस्लामधर्मिय देशों से तीखी प्रतिक्रिया आ रही है और अमरीका में भी इसका कड़ा विरोध शुरू हुआ है|

न्यूयॉर्क में ‘युएस डिस्ट्रिक्ट जज्’ ऍन डॉनले ने, इन सात देशों से अमरीका में आश्रय के लिए आये हुए शरणार्थियों को वापिस भेजने के आदेश लागू ना करने का हुक़्म यंत्रणाओं को दिया है| यह आदेश यदि लागू किया गया, तो इन शरणार्थियों के हालात भीषण हो जाएँगे, ऐसी चिंता न्यायाधीश डॉनले ने जताई| वहीं, अमरिकी उद्योगक्षेत्र से भी राष्ट्राध्यक्ष के इस फ़ैसले के विरोध में नाराज़गी के सूर अलापे जा रहे हैं| ‘गुगल’ के ‘सीईओ’ सुंदर पिचाई, ‘फेसबुक’ के ‘सीईओ’ मार्क झुकेरबर्ग और ‘मायक्रोसॉफ्ट’ के ‘सीईओ’ सत्या नाडेला ने, राष्ट्राध्यक्ष का यह फ़ैसला अमरिकी उद्योगजगत पर विपरित परिणाम करेगा, ऐसा कहा है|

अमरीका में जगह जगहों पर इस आदेश के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं| कुछ मान्यवरों ने भी इसपर कड़ा विरोध जताया है| लेकिन राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प अपनी भूमिका पर अड़िग हैं| यह निर्णय अच्छे तरीके से लागू हो रहा है, ऐसा दावा अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने किया और इसपर खुशी जतायी है| यह फ़ैसला यानी इस्लामधर्मियों को अमरीका में प्रवेशबंदी का हिस्सा नहीं है, ऐसा खुलासा ट्रम्प ने किया है| लेकिन हमारा प्रशासन इस फ़ैसले को लागू करने के लिये पूरी तरह से सिद्ध है, यह आप देख सकते हैं, ऐसा दावा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने एक इन्टरव्यू में किया|

इसी दौरान, इस अध्यादेश के बाद अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष को बहुत बड़ी न्यायालयीन लड़ाई का सामना करना पड़ेगा, ऐसा दावा अमरिकी विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा है| साथ ही, इसपर दुनियाभर से प्रतिक्रियाएँ आयेंगी, ऐसी चिंता भी विशेषज्ञों द्वारा जतायी जा रही है| ब्रिटन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने, ‘अमरीका का यह फैसला हमें नामंज़ूर है’ ऐसा कहा है| लेकिन यह अमरीका का अंदरूनी मामला है, ऐसा कहते हुए उन्होंने ट्रम्प के फ़ैसले पर अधिक विस्तार से टिप्पणी करना टाल दिया|

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