ईरान के कुद्स फोर्सेस के प्रमुख की अमरीका और इस्रायल को धमकी

जेद्दा – पिछले साल कुद्स फोर्सेस के पूर्व प्रमुख मेजर जनरल कासेम सुलेमानी की हत्या करवानेवाली गुनाहगार अमरीका को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। इसके लिए गुनाहगार अमरीका को ईरान रौंद देगा और उचित समय पर उसकी आवाज सभी को सुनाई देगी, ऐसी धमकी मेजर जनरल कानी ने दी। अमरीका नए से ईरान के साथ परमाणु समझौता करने के लिए जानतोड़ कोशिश कर रही है, ऐसे में ईरान के कुद्स फोर्स के प्रमुख ने दी यह धमकी गौरतलब साबित हो रही है।

israel-us-iran-kuds-forcesईरान पहले परमाणु समझौते की शर्तों का पालन करें और उसके बाद ही परमाणु समझौते की चर्चा आगे बढ़ेगी, ऐसा अमरीका के विदेश मंत्रालय से जताया जा रहा है। अमरीका एकतरफ़ा सहूलियतें देकर नए से परमाणु समझौता करेगी, इस भ्रम में ना रहें, ऐसी चेतावनी अमरीका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राईस ने दी थी । वहीं, ईरान के विदेश मंत्री जावेद झरिफ ने, परमाणु समझौते से बाहर निकलनेवाली अमरीका अपनी गलती सुधारें और इस समझौते में सहभागी हों, ऐसी माँग की है।

अमरीका और ईरान के बीच परमाणु समझौते को लेकर खींचातानी शुरू है, ऐसा इससे दिखाई दे रहा है। लेकिन दोनों देशों के बीच इसपर अप्रत्यक्ष रूप में बातचीत शुरू होने की जानकारी अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने दी थी। वहीं, बायडेन प्रशासन ने ईरान के साथ यह समझौता करने की पूरी तैयारी की होने के आरोप अमरीका के विपक्षियों द्वारा किए जा रहे हैं।

लेकिन ऐसी स्थिति में भी ईरान के लष्करी अधिकारी अमरीका को धमकियाँ देने का सिलसिला बंद करने के लिए तैयार नहीं है। कुद्स फोर्सेस के प्रमुख ने अमरीका को दी नई धमकी इसका सबूत दे रही है। अमरीका ही नहीं, बल्कि इस्रायल को भी कुद्स फोर्सेस के कमांडर कानी ने धमकाया है। ‘दुनिया का सर्वाधिक शस्त्रभंडार होनेवाला इस्रायल ईरान से डरकर खुद के चारों ओर एक मीटर चौड़ी और छः मीटर ऊँची, ऐसी सुरक्षा दीवार बना रहा है। लेकिन उसके बाद भी इस्रायल सुरक्षित नहीं रहेगा। क्योंकि ईरान यह दीवार ही नष्ट करेगा’, ऐसा कानी ने डटकर कहा। कुद्स फोर्सेस के प्रमुख ने अमरीका और इस्रायल को दी धमकी ईरानी माध्यमों में चर्चा में है।

israel-us-iran-kuds-forcesईरान के मशहाद शहर में कमांडर कानी जब अमरीका और इस्रायल को धमकियाँ दे रहे थे, तब सऊदी पर हमले करने वाले हाउथियों के पीछे ईरान होने का दावा किया गया था। लेकिन इस संदर्भ में खबर केवल सऊदी अरब की न्यूज़ एजेंसी ने दी है। अन्य न्यूज़ एजेंसियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। अमरीका, सऊदी और युएई ने ईरान पर, हाउथियों को आर्थिक और लष्करी सहायता की आपूर्ति कर रहा होने के आरोप किए थे। हाउथी बागियों ने सऊदी पर प्रक्षेपित किए ड्रोन्स और क्षेपणास्त्र ईरानी बनावट के होने का दावा सऊदी ने किया था। साथ ही, ईरान से हथियार लेकर यमन में दाखिल होनेवाले ईरान के जहाज भी अपने कब्जे में कर लिए थे। लेकिन ईरान के नेता और लष्करी अधिकारियों ने सऊदी के आरोप ठुकराए थे। लेकिन कुद्स फोर्सेस के प्रमुख ने ही इसकी पुष्टि की होने का दावा ‘अरब न्यूज’ ने किया है।

बायडेन के प्रशासन ने हाउथियों को आतंकवादियों की सूची से हटाने का फैसला किया है। उसके बाद हाउथियों के सऊदी अरब पर होने वाले हमलें तीव्र बने हैं। इसकी गंभीर दखल सऊदी ने ली होकर, आनेवाले दौर में सऊदी की येमन स्थित हाउथियों पर अधिक आक्रामक कार्रवाई शुरू होगी, ऐसे संकेत मिल रहे हैं। लेकिन सऊदी को हथियारों की सप्लाई न करने की घोषणा करके, बायडेन प्रशासन ने सौदी पर दबाव बढ़ाया है।

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