अमरीका की मदद के बिना इस्त्राइल ईरान के साथ युद्ध नहीं कर सकता – इस्त्राइल के भूतपूर्व वरिष्ठ सेना अधिकारी

वाशिंगटन: ‘इस्त्राइल‘ आयएस’ को संभाल सकता है। हिजबुल्लाह और अन्य आतंकवादी संगठनों का मुकाबला कर सकता है। लेकिन आने वाले समय में ईरान के साथ युद्ध भड़का, तो उसके लिए इस्त्राइल को अमरीका की मदद लेनी ही पड़ेगी’, ऐसा दावा इस्त्राइल के भूतपूर्व उप लष्कर प्रमुख मेजर जनरल ‘यायीर गोलान ने किया है। साथ ही ‘विश्व की सुरक्षा को ‘आयएस’ के बजाय ईरान से सबसे बड़ा खतरा है और इस्त्राइल ने ईरान विरोधी युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए, ऐसा इशारा गोलान ने दिया है।

ईरान के साथ युद्धपिछले हफ्ते अमरीका में ‘द वाशिंगटन इंस्टिट्यूट फॉर नियर ईस्ट पालिसी’  इस लष्करी परिसंवाद का आयोजन किया गया था। इसके लिए इस्त्राइल के रक्षा मंत्री ‘एविग्दोर लिबरमन’ और भूतपूर्व उपलष्कर प्रमुख मेजर जनरल ‘यायीर गोलान’ भी उपस्थित थे। इस परिसंवाद में बोलते हुए गोलान ने ईरान की लष्करी गतिविधियों पर चिंता जताई है और इस्त्रैली लष्कर को अपनी मर्यादाओं को पहचानना होगा, ऐसी सुचना की। साथ ही ‘आयएस’ पर नियंत्रण रखा जा सकता है लेकिन ईरान पर नहीं, ऐसा गोलान ने कहा।

‘पिछले कई दशकों से इस्त्राइल ने ‘आयएस’ जैसे आतंकवादी संगठनों का मुकाबला किया है। यह आतंकवादी संगठन इस्त्राइल के लिए सिरदर्द है। लेकिन फिर भी इस्त्राइल इन आतंकवादी संगठनों के बीच टीका हुआ है। यह आतंकवादी संगठन खतरनाक हैं लेकीन उनका सामर्थ्य मर्यादित है। लेकिन जब ईरान की तरफ खतरे की नजर से देखा जाता है उस समय ‘आयएस’ क खतरा भी ईरान के सामने कम लगता है’, ऐसा इशारा गोलान ने दिया है।

ईरान के साथ युद्धइस्त्राइल ने जिन आतंकवादी संगठनों का सामना किया है, उन आतंकवादी संगठनों से होने वाले खतरे की तुलना ईरान से नहीं हो सकती। हिजबुल्लाहके खिलाफ हम निर्णायक जीत हासिल कर सकते हैं। सीरिया के अन्य आतंकवादी संगठनों को इस्त्राइल मात दे सकता है। लेकिन इस्त्राइल ईरान के साथ अकेला नहीं लाध सकता’, ऐसा गोलान ने कहा है।

‘ईरान इस्त्राइल का नुकसान कर सकता है और हम भी ईरान का नुकसान करेंगे। लेकिन इससे ईरान की हार नहीं होगी। अगर हमें ईरान को हराना है, तो हम वो अकेले नहीं कर सकते और यही जीवन का सत्य है। इस्त्राइल ने यह सत्य स्वीकार करके अपनी मर्यादाओं को पहचानना जरुरी है’, ऐसा आवाहन गोलान ने किया है।

उसके साथ ही ईरान इस्त्राइल के लिए क्यों खतरनाक साबित हो सकता है, इसका कारण भी गोलान ने स्पष्ट किया है। ‘ईरान की संस्कृति उच्च श्रेणी की है। उनके पास उत्तम शिक्षा सुविधा, प्रभावी उद्योग क्षेत्र, अच्छे वैज्ञानिक और बड़ी संख्या में प्रतिभावंत जवान हैं। इस लिए ईरान कुछ अंश तक इस्त्राइल जैसा होने की वजह से ईरान सबसे खतरनाक साबित होता है और हम इस ईरान का अकेले मुकाबला नहीं कर सकते’, ऐसा गोलान ने कहा है। ‘ईरान का खतरा टालने के लिए इस्त्राइल के पास अमरीका जैसे मरिन्स कॉर्प्स जैसे मशीन नहीं हैं। ऐसे लष्करी पथक तैयार करना इस्त्राइल की मर्यादा के बाहर है’, ऐसा कहकर लेफ्टिनेंट जनरल गोलान ने इस्त्राइल को अमरीका की तरफ से सहायता मांगने का आवाहन किया है।

दौरान, सीरिया में ईरान की बढती लष्करी गतिविधियों पर इस्त्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने चिंता जताई थी। साथ ही ईरान को रोकने के लिए लष्करी कार्रवाई के संकेत भी प्रधानमंत्री ने दिए थे। लेकिन इस्त्राइल ईरान के खिलाफ कार्रवाई करते समय अमरीका के ट्रम्प प्रशासन को भरोसे में लेकर कार्रवाई करे, ऐसा इस्त्रैली लष्करी अधिकारी ने सुझाव दिया है।

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