‘अमरीका ईरान को परमाणुअस्त्र बनाने नहीं देगी’ : अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष का इस्रायली प्रधानमंत्री को भरोसा

वॉशिंग्टन, दि. १६: ‘किसी भी हालत में अमरीका ईरान को परमाणुअस्त्र का निर्माण करने नहीं देगी’, ऐसा भरोसा अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इस्रायल को दिलाया| साथ ही, भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने ईरान के साथ किया हुआ परमाणु समझौता सबसे बुरा होकर, उसे ज़ल्द ही खारिज़ किया जाएगा, ऐसा भी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने स्पष्ट किया| इस्रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू के साथ व्हाईट हाऊस में हुई मुलाक़ात में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने यह घोषणा की|

परमाणुअस्त्र

‘इस्रायल के सामने कड़ी चुनौतियाँ हैं, जिनमें ईरान की परमाणु-महत्वाकांक्षा भी शामिल है| ईरान से इस्रायल की सुरक्षा को होनेवाले खतरे के बारे में मैंने पहले ही सब कुछ स्पष्ट किया था| यह ख़तरा कम करने के लिए अमरीका ने ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए हैं| साथ ही, ईरान कभी भी परमाणुअस्त्र से लैस न हों, इसके लिए अमरीका कोशिश करेगी’, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कहा| इस्रायल की सुरक्षा के लिए अमरीका की ओर से सबसे अधिक सैनिकी सहायता दी जाती है, जिसमें और भी बढ़ोतरी करने के संकेत अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने दिए|

ओबामा के कार्यकाल में ईरान के साथ हुए परमाणुसमझौते की भी अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने आलोचना की| साथ ही, संयुक्त राष्ट्र और आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस्रायल को बहिष्कृत करने के लिए या फिर दबाव डालने के लिए शुरू कोशिशों का अमरीका विरोध करेगी, ऐसा ट्रम्प ने आगे कहा| इस्रायल के प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष की भूमिका का स्वागत किया| साथ ही, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ईरान और आतंक के खिलाफ अपनायी नीति पर भी संतोष जताया| ईरान को ‘आतंकी देश’ क़रार देने का राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प का फैसला साहसपूर्ण है, ऐसा कहते हुए प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने उनकी प्रशंसा की|

इसी दौरान, इस्रायली प्रधानमंत्री के इस अमरीका दौरे में, दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण बने संबंध फिर से सुधरने लगे है, ऐसा प्रतीत हो रहा है| लेकिन इससे आखाती और पर्शियन खाड़ी की परिस्थिति में झट से बदलाव होंगे| अमरीका ने ईरान के साथ किया हुआ परमाणुसमझौता यदि रद कर दिया, तो फिर ईरान परमाणुअस्त्रों का निर्माण किये बिना नहीं रहेगा, ऐसी धमकी ईरान द्वारा दी जाती है| इसलिए किसी भी परिस्थिति में ईरान को परमाणुअस्त्रों से लैस नहीं होने दिया जाएगा, ऐसा कहनेवाले अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष, ईरान को रोकने के लिए क्या सैनिकी विकल्प का इस्तेमाल करेंगे, ऐसा सवाल इस कारण उपस्थित किया जा रहा है|

अमरीका द्वारा इस्रायल, अरब देशों को ईरान के खिलाफ ‘सैनिकी’ प्रस्ताव : अमरिकी समाचारपत्र का दावा

वॉशिंग्टन, दि. १६: खाड़ी देशों में ईरान की बढ़ती अहमियत को ख़त्म करने के लिए अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने, सौदी अरब समेत अरब दोस्त राष्ट्रों को ‘नाटो’ जैसा सैनिकी संगठन बनाने का प्रस्ताव दिया है| अरब देशों के इस सैनिकी संगठन को इस्रायल से भी सहायता मिलेगी, ऐसा अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने कहा है, ऐसी खबर ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ इस अमरिकी समाचारपत्र ने दी है|

सौदी अरब, संयुक्त अरब अमिरात, जॉर्डन और इजिप्त इन चार अरब देशों का सैनिकी संगठन बनाने का प्रस्ताव अमरीका ने दिया है| अरब देशों के इस संगठन को अमरीका से सैनिकी तथा ख़ुफिया जानकारी की सहायता मिलेगी| अमरीका ने यमन में ईरान-समर्थक हौथी विद्रोहियों के खिलाफ सौदी की सीमित सहायता की थी| लेकिन ईरान के खिलाफ़ शुरू किये जानेवाले इस प्रस्तावित संगठन के लिए और खुलकर सहायता की जाएगी, ऐसा दावा इस समाचारपत्र ने किया है| साथ ही, इस्रायल की ओर से भी अरब देशों के इस संगठन को ख़ुफिया जानकारी दी जाएगी, ऐसा अमरीका के प्रस्ताव में कहा गया है|

वहीं, सौदी ने भी इस्रायल के साथ सैनिकी सहयोग स्थापित करने के लिए अमरीका के सामने शर्त रखी है, ऐसा दावा इस समाचारपत्र ने किया| ९/११ के आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को सौदी के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देनेवाला ओबामा सरकार ने दिया हुआ आदेश खारिज़ करने की माँग सौदी और अमिरात ने की है| वहीं, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इस विवादास्पद विधेयक को पीछे लेने के लिए अमरिकी काँग्रेस के सामने प्रस्ताव रखनेवाले हैं, ऐसा इस खबर में कहा गया है|

सूत्रों ने दी जानकारी के आधार पर अमरिकी समाचार पत्र ने यह खबर प्रकाशित की| लेकिन अमरीका तथा इस्रायल ने भी इस पर कुछ भी प्रतिक्रिया देना टाल दिया है| लेकिन इस्रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने अपनी व्हाईट हाऊस की बैठक में, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की नीति के कारण अरब देशों के इस्रायल की तरफ देखने के पारंपरिक रूख में बदलाव हो रहा है, ऐसा कहा है| ‘मेरी ज़िंदगी में पहली ही बार, अरब-खाड़ी देश इस्रायल को नही, बल्कि ईरान को अपने ‘दुश्मन देश’ के रूप में देख रहे हैं, जिसका लाभ अमरीका और इस्रायल को उठाना चाहिए’, ऐसी सूचक प्रतिक्रिया प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने दी है|

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