‘इस्रायल जॉर्डन से सौदी तक रेलमार्ग बनायेगा’ : इस्रायल के परिवहनमंत्री की घोषणा

जेरूसलेम, दि. २० : इस्रायल की नेत्यान्याहू सरकार ने अपने रेलमार्ग का विकास करने की योजना बनाई है, जिसमें इस रेलमार्ग को जॉर्डन से शुरू करते हुए सीधे सौदी अरब तक जोड़ने की घोषणा इस्रायल ने की है| इस रेलमार्ग का फायदा वेस्ट बैंक के पॅलेस्टिनियों को होगा, ऐसा कहा जाता है| इसी दौरान, इस्रायल की इस योजना का अमरीका ने स्वागत किया है, ऐसा दावा किया जाता है|

रेलमार्गइस्रायल के परिवहन मंत्री एवं खुफिया विभाग के मंत्री ‘इस्रायल कात्झ’ ने कुछ दिन पहले ‘क्षेत्रीय शांति के रेलमार्ग’ की योजना बनाई| फिलहाल इस्रायल का भीतरी रेलमार्ग जॉर्डन के सीमावर्ती इलाके तक पहुँचा है| इसी रेलमार्ग का आगे विस्तार करने की बात ‘कात्झ’ ने अपनी योजना में कही| माल यातायात के लिए शुरू की गई यह रेलसेवा जॉर्डन से होते हुए सीधे सौदी अरब तक ले जाने के लिए नये रेलमार्ग निर्माण की तैयारी इस्रायल के परिवहन मंत्री ने दर्शाई|

फिलहाल इस्रायल के पश्‍चिम तट से पूर्व की ओर जॉर्डन की सीमा तक रेलसेवा शुरू है| भूमध्य सागर से इस्रायल के ‘अश्दोद’ और ‘हैफा’ इन बंदरगाहों में दाखिल होनेवाले सामान का परिवहन इस रेलसेवा के ज़रिये जॉर्डन की सीमा तक शुरू है| लेकिन ‘कात्झ’ द्वारा बताई गई योजना के अनुसार, इस्रायल की ऐतिहासिक ‘जेझरील घाटी’ से नये रेलमार्ग का निर्माण किया जाएगा और यह रेलमार्ग सीमावर्ती शहर ‘बेत शेन’ से होते हुए जॉर्डन में ले जाया जाएगा| वहाँ से आगे जॉर्डन और सौदी अरब इन्हें जोड़नेवाली रेलसेवा पहले से ही शुरू है|

इस्रायल और सौदी अरब को जोड़नेवालो इस नये रेलमार्ग का फ़ायदा तीनों देशों की अर्थव्यवस्था को होगा, ऐसा दावा इस्रायल कर रहा है| सौदी अरब तथा पड़ोसी अरब देशों के तेल और अन्य सामानों को भूमध्य सागर का नया मार्ग खुल जाएगा| इससे हज़ारों किलोमीटर की यात्रा में कटौती होगी, ऐसा दावा भी किया जाता है| इस रेलमार्ग के निर्माण के बाद, सौदी और अन्य अरब देशों के उत्पादनों को पर्शियन आखात से होकर हिंदी महासागर, लाल सागर और फिर भूमध्य सागर ऐसा लम्बा सागरी मार्ग पार करने की जरूरत नहीं होगी, ऐसा भी कहा जाता है|

साथ ही, अमरीका और ईरान में बढ़ते तनाव के कारण, होर्मुझ और पर्शियन खाड़ी में होनेवाले सागरी परिवहन की सुरक्षा पर भी चिंता जताई जाती है| ईरान अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करके परमाणु कार्यक्रम चला रहा है, ऐसा इल्ज़ाम अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने लगाया था| साथ ही, ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के साथ ही, सैनिकी कार्रवाई के संकेत भी अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने दिये थे| अमरीका की चेतावनी के बाद ईरान ने, पर्शियन और होर्मुझ के खाड़ी से होनेवाले सागरी परिवहन को रोकने की धमकी दी थी|

वहीं, लाल सागर के क्षेत्र में यमन के हौथी विद्रोहियों द्वारा सौदी के जहाजों पर बढ़ते हमले भी चिंता का कारण बन रहे हैं| इसी कारण यदि इस्रायल-सौदी रेललाईन तयार होती है, तो माल परिवहन सुरक्षितता से होगा, ऐसा दावा इस्रायली नेता कर रहे हैं| इसी पृष्ठभूमि पर, इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू के करीबी माने जानेवाले ‘कात्झ’ ने, सौदी को जोड़नेवाले इस रेलमार्ग का विकल्प अमरीका को भी सूचित किया था|

कुछ दिन पहले, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इस्रायल-पॅलेस्टाईन के लिए नियुक्त किए विशेष दूत ‘डेव्हिड ग्रीनब्लॅट’ ने इस्रायल की यात्रा की थी| इस्रायली प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू से हुई बातचीत में इस योजना पर भी चर्चा हुई, जिसमें ट्रम्प प्रशासन ने इस योजना का पूरा समर्थन किया, ऐसा ग्रीनब्लॅट ने कहा|

इस्रायल द्वारा प्रस्तुत की गयी इस योजना पर सौदी अरब ने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी| लेकिन पिछले कुछ हफ्तों से इस्रायल और सौदी अरब में सहयोग के संकेत मिल रहे हैं| इससे पहले ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए इस्रायल ने सौदी समेत सभी अरब देशों से सहयोग लेने की घोषणा की थी|

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