लद्दाख की एलएसी पर टैंक्स् तैनात करके चीन ने भारत को उक़साया

नई दिल्ली – लद्दाख की एलएसी पर बना तनाव कम करने के लिए भारत से चर्चा शुरू है, ऐसा चीन द्वारा बताया जाता है। लेकिन दरअसल चीन ने, यहाँ का तनाव कम करने के बजाय बढ़ाने के लिए उक़साऊ कारनामें शुरू किये दिख रहे हैं। पूर्व लद्दाख की एलएसी पर होनेवाले ‘रेझांग ला’, ‘रेचिन ला’ और ‘मुखोसरी’ से सटे इलाक़े में चीन ने अपने टैंक्स् तैनात किये हैं। यह भारतीय सेना पर दबाव बढ़ाने के लिए चीन ने चली नयी चाल साबित होती है। लेकिन चीन के इन दाँवपेंचों की पूर्वकल्पना होनेवाले भारत ने पहले से ही इसका जवाब देने की तैयारी की होकर, इस क्षेत्र में भारतीय सेना ने टैंकभेदी क्षेपणास्त्र तैनात कर रखे हैं।

लद्दाख की एलएसी पर चीन ने ५० हज़ार से भी अधिक जवान तैनात किये हैं। इतना हे नहीं, बल्कि इस क्षेत्र में अत्याधुनिक लड़ाक़ू विमान तैनात करके चीन ने, वह भारत के विरोध में कार्रवाई करने के लिए सिद्ध होने के संकेत दिये थे। साथ ही, चीन के लष्कर ने इस क्षेत्र में लाँगरेंज तोपें, क्षेपणास्त्र भी तैनात किये हैं। इस तैनाती के कारण भारतीय सेना पर का दबाव बढ़ेगा और सीमा पर बना तनाव कम करने के लिए जारी चर्चा में अपना वर्चस्व रहेगा, ऐसा तर्क चीन ने लड़ाया था। लेकिन गलवान वैली में चीन के लष्कर ने किये हमले के बाद, भारत की चीनविषयक भूमिका आमूलाग्र बदली है।

भारत ने लद्दाख की एलएसी पर चीन के टक्कर की तैनाती करके क़रारा जवाब दिया है। इस कारण चीन ने, पूर्व लद्दाख की एलएसी पर ‘रेझांग ला’, ‘रेचिन ला’ और ‘मुखोसरी’ इन स्थानों के नज़दीक लगभग ३० से ३५ टैंक्स् तैनात किये हैं। यह तैनाती भारत को चुनौती देनेवाली मानी जाती है। किसी भी देश की सीमा पर टैंक्स् तैनात करना, इसका अर्थ, संघर्ष की तैयारी करना ऐसा ही हो रहा है, ऐसा बताकर पूर्व लष्करी अधिकारी आलोचना कर रहे हैं कि चीन की यह तैनाती उक़साऊ है। लेकिन चीन के इन दाँवपेंचों का जवाब देने की तैयारी भारत ने पहले से ही कर रखी थी।

इस क्षेत्र में तक़रीबन १७ हज़ार फीट की ऊँचाई पर भारतीय सेना ने टैंक्स् तैनात किये हैं। इतनी ऊँचाई पर पहली ही बार भारतीय सेना ने टैंक्स् तैनात करके चीन के विरोध में आवश्यक सिद्धता कर रखी है। साथ ही, चीन के टैंक्स् को लक्ष्य कर सकनेवाले ‘आकाश’ तथा अन्य क्षेपणास्त्र भी भारतीय सैना ने इस इलाक़े में तैनात किये हैं। इस कारण भारतीय सेना पर चीन की तैनाती का दबाव बनने की अंशमात्र भी संभावना नहीं है। बल्कि यही तैनाती चीन पर ही ‘बूमरँग’ होने की गहरी संभावना सामने आ रही है।

पिछले वर्ष के २९ से ३० अगस्त के बीच आकस्मिक कार्रवाई करके भारतीय सैनिकों ने, पूर्व लद्दाख की एलएसी पर होनेवालीं ‘रेझांग ला’ ‘रेचिन ला’ और ‘मुखोसरी’ तथा अन्य पहाड़ियों पर कब्ज़ा कर लिया था। इससे पहले कि  के चीन जवानों को कुछ समझें, भारतीय सैनिकों ने की यह कार्रवाई लक्षणीय साबित हुई और उसके बहुत बड़े सामरिक लाभ भारतीय सेना को मिल रहे हैं। भारतीय सेना यहाँ से वापस जायें इसके लिए चीन के लष्कर ने हमला करने की ओशिश की थी। लेकिन यदि फिर से ऐसी कोशिश की गई, तो उसका जवाब गोलियों से दिया जायेगा, ऐसी कड़ी चेतावनी भारतीय सैनिकों ने दी थी। उसके बाद चीन के जवानों को यहाँ से वापस लौटना पड़ा था।

‘रेझांग ला’, ‘रेचिन ला’ और ‘मुखोसरी’ तथा अन्य पहाड़ियों पर भारतीय सेना ने आवश्यक तैनाती की है, जिसके कारण चीन के लष्कर को लक्ष्य करना भारतीय सेना के लिए सहज संभव बात हुई है। इसी कारण चीन बेचैन हुआ होकर, चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने अपने लष्कर को मिली इस असफलता की गंभीर दखल ली होने कीं ख़बरें भी सामने आयीं थीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.