राजस्थान, मध्य प्रदेश के बाद केरल में हुआ ‘बर्ड फ्ल्यू’ का फैलाव – ५० हज़ार बत्तखों की होगी कत्ल

कोचि – राजस्थान और मध्य प्रदेश में मृत होकर गिरे पक्षियों की जाँच से उनकी मृत्यु ‘बर्ड फ्ल्यू’ से होने की बात स्पष्ट हुई थी। अब केरल में भी बदकों की मृत्यु ‘बर्ड फ्ल्यु’ से होने की बात स्पष्ट हुई है। बदकों से ‘एच५एन८’ की यह महामारी अन्य पक्षियों में संक्रमित ना हो इस कारण केरल सरकार ने बदकों का कत्ल करने का निर्णय किया है। इससे कम से कम ५० हज़ार बदकों को मारना पड़ेगा। इससे होनेवाले नुकसान का किसानों को मुआवजा दिया जाएगा, ऐसा केरल के पशु संवर्धनमंत्री ने कहा है। हिमाचल प्रदेश में भी पोंग सरोवर क्षेत्र में यकायक मृत हुए पक्षियों की संख्या १,७०० तक जा पहुँची है। गुजरात के जुनागढ़ में दो दिन पहले ५३ पक्षी मृत पाए गए। लेकिन, इनकी जाँच की रपट अभी प्राप्त नहीं हुई है।

केरल के अलाप्पुला और कोट्टयम जिलों में यकायक मृत हुए बदक ‘एच५एन८’ से संक्रमित होने की बात स्पष्ट हुई है। बीते सप्ताह में अलाप्पुला और कोट्टयम जिलों में कुछ बदकों की मौत होने की घटनाएं हुई थीं। इनमें से आठ बदकों के नमूने भोपाल भेजे गए हैं। इनमें से पांच बदक ‘एच५एन८’ से संक्रमित होने की बात स्पष्ट हुई है। इसके बाद इन दोनों जिलों के साथ केरल के अन्य जिलों में भी ‘हाय-अलर्ट’ जारी किया गया है। केरल सरकार ने अलाप्पुला और कोट्टयम जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित करके ‘क्विक रिस्पॉन्स फोर्स’ की तैनाती की है।

साथ ही संक्रमित क्षेत्र के एक किलोमीटर दायरे का इलाका सील किया गया है। इस वजह से अन्य पक्षी संक्रमण से दूर रहेंगे। इस विषाणु के संक्रमण से बचने के लिए ५० हज़ार बदकों का कत्ल किया जाएगा और किसानों को इसका मुआवजा भी दिया जाएगा। बारह हज़ार बदकों को पहले ही कत्ल किया गया है। केरल के पशु संवर्धन विभाग ने यह जानकारी साझा की।

अभी नागरिकों में इस विषाणु का संक्रमण नहीं हुआ है। लेकिन, सावधानी के तौर पर सतर्कता बरती जा रही है, ऐसा केरल प्रशासन ने कहा है। साथ ही मंगलवार के दिन बर्ड फ्ल्यू के मुद्दे पर शीघ्र बैठक आयोजित की गई है। केरल में बर्ड फ्ल्यू का संक्रमण होने के बाद इन दोनों जिलों में चिकन की कीमतें बड़ी तेज़ी से घट गई हैं।

इससे पहले, वर्ष २०१६ में केरल में ‘बर्ड फ्ल्यू’ का संक्रमण हुआ था। उस समय इस महामारी को रोकने के लिए दो लाख मुर्गियां और बदकों का कत्ल किया गया था। वर्ष २०२० के मार्च महीने में केरला में ‘बर्ड फ्ल्यू’ का संक्रमण देखा गया था।

इसी बीच, राजस्थान, मध्य प्रदेश में भी ‘बर्ड फ्ल्यु’ ने संकट खड़ा किया है। राजस्थान के कुछ जिलों में बड़ी संख्या में कौए मृत हुए थे और इसके बाद राज्य में ‘बर्ड फ्ल्यु’ का खतरा बढ़ा है। मध्य प्रदेश में भी मृत हुए पक्षियों के भेजे गए नमुनों से इनमें ‘बर्ड फ्ल्यु’ का संक्रमण होने की बात सामने आयी है। केंद्र सरकार ने इससे पहले ही ‘बर्ड फ्ल्यु’ की पृष्ठभूमि पर सभी राज्यों के लिए अलर्ट और आवश्‍यक सूचनाएं भी जारी की हैं।

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