भारतीय सेना के समर्थन में तिब्बती नागरिकों ने निकाली रैली

मसूरी – भारतीय सैनिकों के समर्थन में तिब्बती नागरिकों ने मसूरी में रैली निकाली। इस रैली में शामिल तिब्बतीयों ने ‘भारत माता की जय’ यह नारे लगाए और साथ ही चीनी सामान पर बहिष्कार करने की माँग भी की। मसूरी के साथ ही ड़लहौसी में स्थित तिब्बती गुटों ने भी भारतीय सेना के समर्थन में रैली का आयोजन करने की बात सामने आयी है। राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर इस रैली का आयोजन किया गया था।

रैली

‘इंडिया तिब्बत को-ऑपरेशन फोरम’, ‘रीजनल तिब्बतीयन युथ कमिटी’, एवं रीजनल तिब्बेतीयन युथ कांग्रेस’ जैसे गुटों ने इन रैलियों का आयोजन किया। भारतीय सेना के प्रति सम्मान व्यक्त करना इन रैलियों का मुख्य उद्देश्‍य था। साथ ही तिब्बत में चीन की जारी अत्याचारी नीति का विरोध और भारतीय जनता चीनी सामान पर बहिष्कार करे, इसकी जन जागृति करना भी इन रैलियों का उद्देश्‍य था, यह दावा रैली में शामिल तिब्बती युवाओं ने किया। विश्‍वभर में कोहराम मचा रही कोरोना की महामारी के लिए चीन ही ज़िम्मेदार है और इस मुद्दे की ओर ध्यान आकर्षित करना भी इन रैलियों का उद्देश्‍य है, यह बात आयोजक कह रहे थे।

रैली

कुछ महीने पहले प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा के करीब हुए संघर्ष में तिब्बतीयों के समावेश वाले ‘स्पेशल फ्रंटियर्स फोर्स’ (एसएफएफ) के कमांडो निमा तेंज़िन ने बलिदान किया था। तिब्बती वंश के सैनिक के इस बलिदान पर भारत ने विशेष ध्यान दिया था। भारत ने चीन को दिया हुआ झटका और इसमें तिब्बती युवक का बलिदान, यह बात भारत के साथ विश्‍वभर में फैले तिब्बतीयों को प्रेरणा देनेवाली घटना साबित हुई है। इससे तिब्बती जनता के चीन के विरोध में जारी प्रदर्शनों को नई ताकत प्राप्त हुई है और भारतीय जनता का भी बड़ी मात्रा में समर्थन प्राप्त हो रहा है।

इसके साथ ही अमरीका, कनाड़ा, ब्रिटेन समेत यूरोपिय देश एवं ऑस्ट्रेलिया, जापान में चीन के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में तिब्बती नागरिकों का समावेश बढ़ता हुआ दिख रहा है। इस वजह से तिब्बत का मुद्दा फिर एक बार ऊपर उठता हुआ दिख रहा है। बीते कुछ महीनों में स्वतंत्र तिब्बत की माँग भी जोर पकड़ने लगी है। कुछ महीने पहले भारत में स्थित तिब्बतीयन की शरणार्थी सरकार के प्रमुख डॉ.लॉबसांग सांगेय ने यह आवाहन भी किया था कि, अब भारत-चीन सीमा का ज़िक्र भारत-तिब्बत सीमा करना होगा।

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