‘एलएसी’ पर तनाव कम हुए बग़ैर चीन के साथ व्यापार नहीं – रशिया में भारत के राजदूत बी. व्यंकटेश वर्मा

नई दिल्ली – चीन तय हुएनुसार जब तक ‘लाईन ऑफ अ‍ॅक्चुअल कन्ट्रोल’ (एलएसी) से अपने जवान पीछे नहीं लेता, तब तक भारत-चीन में व्यापार नहीं होगा, ऐसा बड़ा बयान रशिया में भारत के राजदूत व्यंकटेश वर्मा ने किया है। उसी समय, सीमा प्रश्न पर भारत की स्थिति समझ लेने पर वर्मा ने रशिया का शुक्रिया अदा किया। रशिया में भारतीय राजदूत का यह बयान यानी भारत ने चीन को स्पष्ट शब्दों में दी हुई चेतावनी साबित होती है।

'एलएसी'

भारत किसी भी व्यापार युद्ध में शामिल नहीं है। लेकिन सीमा पर तनाव कम हुए बग़ैर चीन के साथ कोई भी व्यापार नहीं हो सकता। विस्तारवाद का दौर खत्म हुआ है, ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लद्दाख दौरे में कहा था। उसका जिक्र करके वर्मा ने कहा कि चीन ने सीमा पर द्विपक्षीय करार और प्रोटोकॉल के अनुसार ‘एलएसी’ से जवान पीछे हटाने का आश्वासन दिया था। लेकिन उसका पालन नहीं किया है। रशिया में आयोजित एक वेबिनार में बात करते समय उन्होंने किए इस बयान से, भारत सरकार ने चीन को आर्थिक झटका देने की पूरी तैयारी की हुई दिख रही है।

रशिया के साथ बढ़े हुए लष्करी एवं तकनीकी सहयोग को लेकर वर्मा ने संतोष व्यक्त किया। यह सहयोग ऐसा ही बढ़ता रहेगा, ऐसी उम्मीद वर्मा ने ज़ाहिर की। ‘इंडो-पैसिफिक’ में भारत और रशिया के समान हितसंबंध हैं। यह क्षेत्र स्थिरता और आर्थिक समृद्धि का क्षेत्र बनना चाहिए। क्योंकि कोई भी देश इस क्षेत्र का एकतरफा लाभ नहीं उठा सकता, ऐसा भी वर्मा ने कहा। ‘साउथ चाइना सी’ के लगभग पूरे भाग पर हक़ जतानेवाले चीन पर उन्होंने यह टिप्पणी की है, यह बात स्पष्ट होती है। पिछले ही हफ्ते भारत के विदेश मंत्रालय ने, ‘साउथ चाइना सी’ पर किसी एक देश का अधिकार ना होने की भूमिका रखी थी। इस पृष्ठभूमि पर वर्मा ने की यह टिप्पणी अहम साबित होती है।

गलवान वैली के संघर्ष के बाद भारत ने चीन के संदर्भ में आक्रामक भूमिका अपनायी है। चीन को अपने सैनिक पीछे हटाने ही होंगे, उसके अलावा और कोई चारा नहीं है, ऐसा भारत ने चीन को स्पष्ट शब्दों में जताया होने की खबरें आई थीं। भारत की ओर से तनाव कम करने की एकतरफा कोशिशें नहीं की जाएँगी। तय कियेनुसार चीन को अपने जवानों को पीछे हटाना ही होगा, ऐसा हाल ही में भारत के विदेश मंत्रालय ने डटकर कहा था। साथ ही, हालाँकि सीमा पर तनाव कम करने के लिए राजनीतिक और लष्करी स्तर पर प्रयास जारी हैं, फिर भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। इस कारण वायु सेना ने किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए सुसज्जित रहना चाहिए, ऐसे आदेश रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दिए थे। इससे भारत चीन पर लगातार दबाव बढ़ा रहा होने की बात स्पष्ट हो रही है।

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