गलवान घाटी में हमला करके चीन ने भारत का विश्‍वास खोया है – लेफ्टनंट जनरल अनिल चौहान

नई दिल्ली – गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमला करके चीन ने भारत का विश्‍वास पूरी तरह से खो दिया है, ऐसा बयान ईस्टर्न कमांड के प्रमुख लेफ्टनंट जनरल अनिल चौहान ने किया है। गलवान में हुए इस हमले के बाद दोनों देशों के बीच लष्करी मुठभेड़ नहीं हुई है। लेकिन, इस क्षेत्र में स्थिरता स्थापित होने के लिए लंबा समय लग सकता है, यह बात भी ले.जनरल चौहान ने स्पष्ट की। बीते कुछ दिनों से भारतीय सेना अधिकारी लद्दाख की ‘एलएसी’ का तनाव इतने में कम नहीं होगा, ऐसा कहकर चीन पर अधिक दबाव बढ़ाते दिखाई दे रहे हैं।

galwan-india-chinaगलवान की घाटी में चीन के इस हमले के बाद दोनों देशों के बीच लष्करी मुठभेड़ नहीं हुई है, ना ही खास संज्ञान लेनेवाली घुसपैठ की कोशिश हुई है। लेकिन, गलवान की घाटी में चीन के इस हमले के बाद चीन ने भारत का विश्‍वास पूरी तरह से खो दिया है। वहां की स्थिति फिलहाल तनावपूर्ण है और इसे सामान्य होने के लिए काफी समय लगेगा, ऐसा ले.जनरल चौहान ने कहा है। नई दिल्ली में ‘नैशनल वॉर मेमोरियल’ में ले.जनरल चौहान बोल रहे थे। गलवान के संघर्ष के बाद चीन ने इस क्षेत्र के करीबी इलाके में काफी संख्या में सैनिकों की तैनाती की थी। अब इस तैनाती में कटौती शुरू होने की बात ले.जनरल चौहान ने बयान की है।

ऐसा होने के बावजूद, कड़ी ठंड़ में देश की सीमा की सुरक्षा की पूरी तैयारी भारतीय सेना ने कर रखी है, यह भरोसा भी ले.जनरल चौहान ने इस दौरान व्यक्त किया। लद्दाख की कड़ी ठंड़ में चीन के सैनिक जम रहे हैं। उन्हें वहां के मौसम का भयंकर त्रास होने से वहां पर तैनात सैनिक को एक ही दिन में वापिस बुलाने की कसरत चीनी सेना को करनी पड़ रही है। इस वजह से चीन के सैनिक भारतीय सैनिकों से लड़ना तो दूर वहां पर खड़े भी नहीं हो पा रहे हैं, ऐसा दावा किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में भी चीन की सेना पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि उसे चीन के नेतृत्व से वैसे आदेश प्राप्त हुए हैं, यह जानकारी कुछ विश्‍लेषकों ने सामने रखी है।

लद्दाख की कड़ी ठंड़ में चीन के सैनिक जमने की खबरें भारतीय माध्यम दे रहे हैं। लेकिन, चीन के सैनिकों के सामने खड़ी यह समस्या रखकर भारतीय सैनिकों के मसलों का हल नहीं निकलेगा, ऐसी टिप्पणी चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाईम्स ने की है। लेकिन, पश्‍चिमी माध्यम एवं भारतीय माध्यमों में प्रसिद्ध हुई इन खबरों की वजह से लद्दाख में चीनी सैनिकों की तैनाती अब इस देश के लिए प्रतिष्ठा का विषय बनी है। इस वजह से चीन के नेता अपनी सेना को वहां से वापसी करने के आदेश देने के लिए तैयार नहीं है, ऐसा कुछ विश्‍लेषकों का कहना है।

भारतीय सेना के सामने चीनी सेना लद्दाख के मौसम में खड़ी नहीं हो पाई, इसी कारण चीन को वहां से पीछे हटना पड़ा, इसलिए चीन मज़बूर हुआ, यह चिंता चीन के नेताओं को सता रही है। इसी कारण नज़दिकी दिनों में चीन वहां से अपने सैनिकों को पीछे हटाने की संभावना नहीं है। चीन की इस स्थिति का भारत पूरा लाभ उठाए और सीमा विवाद को लेकर अपनी भूमिका बड़ी ड़टकर रखे, ऐसी सलाह भारत के पूर्व लष्करी अधिकारी दे रहे हैं।

भारतीय सेना को लद्दाख या इससे अधिक ठंड़े मौसमवाले सियाचीन में सुरक्षा करने की आदत है। इस अनुभव का इस्तेमाल करके भारतीय सैनिक लद्दाख में आसानी से रह सकते हैं। लेकिन, ‘एलएसी’ पार करने की कोशिश करनेवाले चीनी सैनिकों को इस मौसम का अनुभव नहीं है। इसी कारण भारत ने सीमा विवाद की चर्चा से भागने के लिए चीन को अवसर ना मिले, यह ध्यान पूरी तरह से रखना होगा, ऐसा इन लष्करी अफसरों का कहना है।

लद्दाख की ‘एलएसी’ पर हो रहे अपमान का प्रतिशोध लेने के लिए एवं अपनी प्रतिष्ठा बरकरार रखने के लिए चीन अन्य मोर्चों पर भारत को चुनौती दे सकता है, इस संभवना का अहसास भी भारतीय रक्षाबल रखते हैं और चीन की सभी गतिविधियों पर भारतीय रक्षाबलों की कड़ी नज़र होने के इशारे सेनाबल के अधिकारी दे रहे हैं।

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