लद्दाख की ‘एलएसी’ पर चीन की सेना ठंड़ में जम गयी

नई दिल्ली – चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने अपनी सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने के आदेश दिए हैं। तभी चीन के सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ के संपादक ने तैवान का समर्थन करनेवाले भारतीयों को सिक्किम भारत से तोड़ने की धमकी दी है। चीन से ऐसे इशारे और धमकियां प्राप्त हो रही हैं तभी लद्दाख की ‘एलएसी’ पर भारतीय सैनिकों के सामने खड़े हुए चीनी सैनिक ठंड़ में कांप रहे हैं। इसी वजह से लद्दाख की ‘एलएसी’ पर चीन के सैनिक ज्यादा संख्या में बीमार हो रहे हैं। अब यहां पर तैनात अपने सैनिकों के लिए करीबन ३ अरब डॉलर्स के विशेष टेंट और अन्य ज़रूरी सामान मँगाने के लिए चीन मज़बूर हुआ है।

ठंड़

तैवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई ईंग वेन ने तैवान के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर भारतीयों ने दिए रिस्पान्स पर कृतज्ञता व्यक्त की थी। साथ ही अपनी भारत यात्रा के फोटो शेअर करके तैवान की राष्ट्राध्यक्षा ने सोशल मीडिया पर भारतीय लोगों के मन जीत लिए। साथ ही तैवान के राष्ट्रीय दिवस को भारतीय माध्यमों ने दी हुई प्रसिद्धि से चीन को बड़ी मिर्च लगती दिख रही है। इस वजह से बेचैन हुए चीन के सरकारी मुखपत्र ने सिक्किम भारत से तोड़ने की धमकी दी है। इसके लिए वहां के अलगाववादियों को चीन पकड़ सकता है, यह इशारा भी ग्लोबल टाईम्स के संपादक ने दिया है। इसी बीच चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने चीनी सेना को युद्ध के लिए तैयार होने के आदेश दिए थे। इसके पीछे तैवान के साथ भारत को भी धमकाने का उद्देश्‍य होने की बात कुछ लोग कह रहे हैं।

इससे पहले भी चीन ने भारत को इस तरह की धमकियां दी थीं। खास तौर पर डोकलाम का विवाद जारी था तभी चीन ने भारत को वर्ष १९६२ की जंग में हुई हार की याद दिलाई थी। इस बार युद्ध भड़का तो चीनी सेना दिल्ली तक जा पहुँचेगी, ऐसे इशारे चीन ने दिए थे। लेकिन, असल में डोकलाम के क्षेत्र में भारतीय सैनिकों को एक इंच भी पीछे हटाना चीनी सेना को संभव नहीं हुआ था। अब भी चीन भारत को इसी तरह लगातार गंभीर परिणामों की धमकी दे रहा है। लेकिन, लद्दाख की ‘एलएसी’ की कड़ी ठंड़ में युद्ध करना तो दूर वहां पर अच्छी तरह से खड़ा होना भी चीन के सैनिकों के लिए संभव नहीं हो रहा है। यहां की कड़ी ठंड़ में चीनी सैनिक जम रहे हैं और बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों को अस्पताल में भर्ती करने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। इसके कुछ वीडियो भी प्रसिद्ध किए गए हैं।

लद्दाख की ठंड़ में जमे रहने के लिए चीन के पास सभी आवश्‍यक सामान हैं। चीनी सैनिकों को गरम खाने के साथ अन्य आवश्‍यक सामान की पर्याप्त आपूर्ति हो रही हैं। लेकिन, बेचारे भारतीय सैनिकों को ऐसी सुविधाएं प्राप्त नहीं हो रही हैं, यह अफसोस ग्लोबल टाईम्स ने व्यक्त किया था। इसी वजह से भारत इस क्षेत्र से अपने सैनिक पीछे हटाए, यह सलाह भी इस समाचार पत्र ने दी थी। लेकिन, अब चीन के सैनिक ही ठंड़ में जमे हैं और लद्दाख की ‘एलएसी’ पर खड़े रहने के लिए करीबन ३ अरब डॉलर्स के अतिरिक्त सामान की आवश्‍यकता होने की माँग हो रही है। इस वजह से ग्लोबल टाईम्स के ज़रिये चीन कर रहें दुष्प्रचार की हवा निकल गई है। इसी के साथ चीन की सेना अव्यवसायिक होने की बात भी विश्‍व के सामने स्पष्ट हुई है। तभी दूसरी ओर सियाचिन जैसे सबसे ऊंचाई पर तैनाती के अनुभव वाली भारतीय सेना लद्दाख में काफी अच्छी स्थिति में होने के कई दाखिले प्राप्त हो रहे हैं।

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