‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ की वजह से चीन के उद्योगक्षेत्र को झटका

बीजिंग/शांघाय – चीन ने कोरोना की महामारी को रोकने के लिए अपनाई ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ की वजह से उद्योग क्षेत्र की नाराज़गी बड़ी मात्रा में बढ़ रही है। चीन में सक्रीय विदेशी कंपनियों ने निवेश एवं कर्मचारियों की संख्या कम करने के संकेत दिए हैं। इसी बीच चीन में कई छोटी कंपनियाँ बंद होने की कगार पर होने का वृत्त सामने आया है। इस वजह से चीन में बेरोजगारी का मुद्दा गंभीर होने की संभावना है और इससे आर्थिक विकास दर को नुकसान पहुँचेगा, ऐसा इशारा विश्‍लेषकों ने दिया है।

चीन के विभिन्न प्रांतों के साथ प्रमुख शहरों में पिछले कुछ महीनों से कोरोना का लगातार विस्फोट होता सामने आ रहा है। मार्च के शुरू से ही चीन की अर्थव्यवस्था के प्रमुख केंद्र के तौर पर जाने जा रहे शांघाय में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित सामने आना शुरू हुआ था। यह नया विस्फोट अभी तक पूरी तरह से थमा नहीं है और आर्थिक एवं व्यापारी केंद्र होनेवाले शांघाय के साथ राजधानी बीजिंग में भी कोरोना के नए मामले दर्ज़ हो रहे हैं। इससे पहले कोरोना की महामारी के दौरान चीन की हुकूमत ने ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ का कार्यान्वयन किया था। इस साल भी इसी को दोहराया गया था।

लेकिन, चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत की इस नीति के विरोध में आम नागरिकों के साथ उद्योगक्षेत्र भी तीव्र नाराज़गी व्यक्त कर रहा है। इस नीति की वजह से चीन में कई युवाओं को अपनी नौकरी खोनी पड़ी है। प्रतिबंध कितने समय तक रहेंगे, इसका ठीक ज्ञान ना होने से कई छोटे और मध्यम उद्योगों ने कर्मचारियों की संख्या घटाना शुरू किया है। इस वजह से नई नौकरियाँ प्राप्त होना अधिक कठिन हुआ है। स्थानीय उद्योगों के साथ ही विदेशी कंपनियों ने भी कर्मचारियों की संख्या घटाने के संकेत दिए हैं। टेस्ला जैसी प्रमुख कंपनी ने नई नौकरियों के लिए आयोजित होनेवाला मेला तीन बार रद्द किया है।

विदेशी उद्योगों को चीन में कर्मचारियों की कमी महसूस होने लगी है। चीन के सख्त प्रतिबंधों की वजह से स्वदेश लौटे कई कर्मचारी एवं अधिकारियों ने चीन जाने से इन्कार किया है। इस वजह से विदेशी कंपनियों को कुशल कर्मचारी एवं अधिकारियों की कमी महसूस होना शुरू हुआ है। इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी एवं यूरोपिय गुटों के सर्वेक्षण में विदेशी कंपनियाँ चीन से बाहर निकलने के साथ ही निवेश कम करने पर गंभीरता से विचार करने की बात सामने आ रही है।

चीन में स्थित ‘अमरिकन चेंबर ऑफ कॉमर्स’ ने लगभग १६७ कंपनियों से संपर्क किया। इनमें से ९९ प्रतिशत कंपनियों ने ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ से नुकसान होने की बात स्वीकारी। ५० प्रतिशत से अधिक कंपनियों ने महसूल कम होगा, ऐसे संकेत दिए गए और ३६ प्रतिशत कंपनियों ने निवेश कम करने का निर्णय करने की बात कही। ६० प्रतिशत कंपनियों ने उत्पादन कम करने की जानकारी प्रदान की। २३ प्रतिशत यूरोपिय कंपनियों ने करीबी समय में चीन से बाहर निकलने का दावा किया है, ऐसा ‘ईयू चेंबर ऑफ कॉमर्स’ ने कहा है।

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