युवकों की बढ़ती बेरोज़गारी से चीन की आर्थिक स्थिरता को खतरा होने के संकेत – चीन की यंत्रणाओं की चिंता

बीजिंग – कोरोना की महामारी का विस्फोट और इसके कारण लगाए लॉकडाऊन की वजह से चीनी जनता में असंतोष बढ़ रहा हैं और इससे बिगड़ती स्थिति में इज़ाफा करनेवाली रपट सामने आयी है| चीन के शहरी इलाकों में युवाओं की बेरोज़गारी भी मात्रा मे बढ़ रही हैं| चीन के ‘नैशनल ब्युरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स’ ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार शहरी युवाओं की बेरोज़गारी की मात्रा बढ़कर १६ प्रतिशत हुई हैं| बेरोज़गारी की मात्रा में बढ़ोतरी जारी रही तो चीन की आर्थिक स्थिरता को खतरा निर्माण हो सकता है, ऐसी चिंता चिनी यंत्रणाओं ने व्यक्त की है|

चीन ने पिछले साल प्रौद्योगिकी क्षेत्र के कुछ बड़े उद्योगों पर कार्रवाई का ड़ंडा चलाया था| इससे चीन के प्रौद्योगिकी क्षेत्र समेत अन्य उद्योगों को भी बड़ा नुकसान पहुँचा था| साथ ही चीन के गृहनिर्माण क्षेत्र को भी बड़ा नुकसान पहुँचा| चीन में ‘एनर्जी क्राइसिस’ उभरने के कारण कई फैक्टरी को बंद रखना पड़ा| इससे बाहर निकल रहें चीन को कोरोना के नए नए विस्फोटों ने नुकसान पहुँचाना शुरू किया| ऐसी स्थिति के कारण कई प्रमुख शहरों में सख्त लॉकडाऊन का ऐलान हुआ हैं| इनमें शांघाय जैसें प्रमुख शहर का भी समावेश हैं|

प्रौद्योगिकी क्षेत्र पर हुई कार्रवाई, ‘एनर्जी क्राइसिस’ और कोरोना के लॉकडाऊन का असर चीनी अर्थव्यवस्था पर होता दिखाई देना शुरू हुआ हैं| प्रौद्योगिकी क्षेत्र पर हुई कार्रवाई के कारण इस क्षेत्र के हज़ारों रोज़गार नष्ट हुए हैं| ‘एनर्जी क्राइसिस’ और लॉकडाऊन की वजह से कंपनियॉं और कारखाने बंद रहने से इससे नए रोज़गार का निर्माण भी बंद हुआ है| इसी के साथ दूसरी ओर चीन के शिक्षा संस्थाओं से पदवी लेकर बाहर निकल रहें छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं|

साल २०२२ में चीन में पदवी प्राप्त छात्रों की संख्या १ करोड़ होने का अनुमान हैं| इसके अलावा नौकरी की खोज़ कर रहें युवाओं की संख्या बढ़कर डेढ़ करोड़ होने के आसार हैं| पिछले दशक में चीन ने हर साल १० लाख से भी अधिक नौकरियों का निर्माण होने के दावे किए थे| लेकिन, पिछले दो सालों में इस आँकड़े की गिरावट हो रही हैं और इसका असर शहरों में बेरोज़गारी की मात्रा बढ़ती दिख रही हैं| कुछ दिन पहले चीन के प्रधानमंत्री ली केकिआंग को स्थानिय प्रशासन और अन्य क्षेत्रों ने रोज़गार निर्माण बढ़ाने के लिए विशेष कोशिश करने की गुहार लगायी थी|

चीन के नेतृत्व द्वारा किए जा रहें बड़े बड़े दावों पर गौर करें तो केकिआंग ने किया यह आवाहन ध्यान आकर्षित कर रहा हैं| इस साल चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी के १०० साल पूरे हो रहे हैं| युवाओं की बेरोज़गारी बढ़ने से चीन की शासक पार्टी को शतक महोत्सवी साल में ही जनता के बढ़ते असंतोष का सामना करना पड़ेगा, ऐसी चिंता कुछ विश्‍लेषकों ने व्यक्त की हैं|

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