इथियोपिया में वांशिक हत्याकांड़ में २०० से अधिक की मौत – ‘ओरोमो लिबरेशन आर्मी’ का हाथ होने का दावा

आदिस अबाबा – इथियोपिया के ओरोमिया प्रांत में वांशिक हत्याकांड़ में २०० से अधिक लोगों के मारे जाने की भीषण बात सामने आयी है। पिछले हफ्ते ओरोमिया प्रांत के टोले क्षेत्र में हुए संघर्ष में इतनी बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं। मृतकों में अम्हारा वंश के नागरिकों का समावेश है। इथियोपिया की सरकार ने आतंकी संगठन करार किए ‘ओरोमो लिबरेशन आर्मी’ नामक गुट ने इस भीषण हत्याकांड़ को अंजाम देने की बात कही जा रही है। लेकिन, इस गुट ने यह आरोप ठुकराए हैं और सरकार एवं समर्थक सशस्त्र गुटों ने यह हमले करने का दावा किया है। पिछले साल से ओरोमिया प्रांत में किया गया यह दूसरी बड़ी वारदात है।

ओरोमिया प्रांत के स्थानीय प्रशासन एवं प्रत्यक्षदर्शी ने साझा की हुई जानकारी से इस हत्याकांड़ की घटना सामने आयी। इसके अनुसार शनिवार को यह हत्याकांड़ किया गया, ऐसा कहा जा रहा है। प्रशासन और प्रत्यदर्शियों ने दावा किया है कि, ‘ओरोमो लिबरेशन आर्मी’ ने टोले क्षेत्र में हमले करके घरों को जलाकर हत्याएं कीं। ओरोमिया प्रांत में इथियोपिया की सरकार ने विद्रोही और आतंकी गुटों के विरोध में मुहिम चलाई है। इस मुहिम के खिलाफ प्रतिशोध लेने के लिए ‘ओरोमो लिबरेशन आर्मी’ ने यह हत्याएं कीं, ऐसा प्रशासन कह रहा है।

इस वारदात में १०० से अधिक लोगों के मारे जाने की जानकारी सूत्रों ने प्रदान की। लेकिन, प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस दौरान लगभग २३० लोग मारे गए हैं। इसी दौरान कुछ लोगों ने इस घटना में ३०० लोगों के मारे जाने का दावा किया है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबि अहमद ने इस घटना का निषेध किया है। बेगुनाह नागरिकों पर हो रहे क्रूर हमले निंदनीय और अस्वीकारार्ह हैं, ऐसी प्रतिक्रिया प्रधानमंत्री अहमद ने दर्ज़ की।

इस घटना को लेकर ‘ओरोमो लिबरेशन आर्मी’ पर आरोप लगाए जा रहे हैं, लेकिन, इस गुट ने यह सब आरोप ठुकराए हैं। हमारे विरोध में कार्रवाई कर रही इथियोपियन सेना और सरकार समर्थक सशस्त्र गुटों ने यह हमला करने का दावा ‘ओरोमो लिबरेशन आर्मी’ के प्रवक्ता ने किया। इथियोपिया में पिछले साल से हुआ यह दूसरी बड़ी घटना है। पिछले अगस्त में ‘ओरोमो लिबरेशन आर्मी’ ने ‘ईस्ट वोलेगा झोन’ के किरामु डिस्ट्रिक्ट में भीषण हमला किया था। इस हमले में भी २०० से अधिक लोग मारे गए थे।

चार साल पहले इथियोपिया की बागड़ोर संभालने के बाद अबि अहमद ने वांशिक संघर्ष पर हल निकालने का आश्‍वासन दिया था। लेकिन, वास्तव में इथियोपिया में वांशिक संघर्ष फिर से तीव्र होता दिख रहा है।

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