तीव्र संघर्ष और पानी की किल्लत की पृष्ठभूमि पर येमन में डेढ करोड लोगों को जानलेवा बिमारी का खतरा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरसना: येमन में हौथी बागी और सरकार के बीच शुरू संघर्ष प्रति दिन तीव्र हो रहा है और ऐसे में येम में मानवीय संकट भी गंभीर होने की बात सामने आ रही है| येमन के प्रमुख शहरों में पानी की सप्लाई करनेवाली यंत्रणा बंद की गई है और निजी कंपनियों से हो रही पानी की आपुर्ति भी कम हुई है| देश के कई हिस्सों में हो रहे संघर्ष की वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था टुट चुकी है और पानी की किल्लत भी बनी है| ऐसे में नजदिकी समय में येमन में करीबन डेढ करोड लोग जानलेवा बिमारी का शिकार हो सकते है, यह डर स्वयंसेवी संगठनों ने व्यक्त किया है|

येमन में पिछले चार वर्ष हौथी बागी और सरकार में तेज संघर्ष हो रहा है| पिछले चार वर्षों में इस संघर्ष के कारण करीबन ९० हजार से भी अधिक लोग मारे गए है और इस संघर्ष में मौत के घाट उतर रहे लोगों की संख्या लगातार बढ रही है| पिछले महीने में येमन के शहरों में शुरू संघर्ष के कारण लगभग ४०० लोगों की बलि गई थी| इस संघर्ष में येमन की अधिकांश जीवनावश्यक सुविधा और उससे जुडी यंत्रणा पुरी तरह से टुट चुकी है| इन यंत्रणाओं के ना होने से येमन को पिछले कुछ वर्षों में एक के पीछे एक बिमारी का झटका लग रहा है|

वर्ष २०१७ से येमन में बडी मात्रा में हैजा फैला है और अबतक २० लाख लोग इस बिमारी के चपेट में आये है| दो वर्षों में हैजे के कारण येमन में ३,७०० लोगों की मौत हुई है| इसीमें अब पानी की किल्लत और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी बनने से नई बिमारी फैलने के संकेत प्राप्त हुए है| येमन में पानी के ठिकानों में कमी होने से इब, धमर औड़ अल माहवित जैसे शहरों में पानी प्रदान करनेवाली यंत्रणा पुरी तरह से बंद पडी है| इस कारण करीबन एक करोड से अधिक लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड रहा है|

इसी बीच निजी कंपनियों से प्रदान हो रहे पानी पर करीबन ४० लाख नागरिक निर्भर है| पिछले महीने से येमन में ईंधन के दामों में बढोतरी होने से निजी कंपनियों से ट्रक्स से भेजेजानेवाले पानी की मात्रा में कमी हुई है| ईंधन का खर्च बर्दाश्त करना मुमकिन ना होने से भेजे जा रहे पानी के ट्रक्स की संख्या कम की गई है, यह जानकारी सूत्रों ने दी| इस वजह से येमन में करीबन डेढ करोड लोग पानी की किल्लत का सामना करने के लिए मजबूर है|

पानी की कमी के कारण येमन में लोग अलग अलग बिमारी के चपेट में फंस सकते है और किसी बडी जानलेवा बिमारी का झटका भी येमन को लग सकता है, यह डर स्वयंसेवी संस्था व्यक्त कर रही है|

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