अमरिका और रशिया जैसी परमाणु हथियारों से सज्जित देशों के बीच बनें तनाव से दुनिया को विनाश होने का खतरा – रशिया के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष मिखाईल गोर्बाचेव्ह

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमास्को/लंदन: दुनिया के कोने कोने में संघर्ष और हिंसा शुरू है| जगह जगह पर युद्धपोत और लडाकू विमान तैनात किए गए है| इस तरह की स्थिति की हमें उम्मीद नही है| जबतक दुनिया के अलग अलग देशों के हाथ में सर्वसंहारक क्षमता के परमाणु हथियार है, तबतक दुनिया को बडे विनाश का खतरा बना रहेगा, यह गंभीर चेतावनी रशिया के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष मिखाईल गोर्बाचेव्ह ने दी है| अमरिका और रशिया के बीच परमाणु हथियारों को लेकर किया गया आईएनएफसमझौता कुछ महीनें पहले टुट चुका है और इससे दुनिया के अलग अलग गुट एवं प्रमुख नेता परमाणु युद्ध एवं विनाश के विषय पर गंभीर इशारे दे रहे है|

अगले सप्ताह में जर्मनी की बर्लिन वॉलगिरने की ऐतिहासिक घटना को तीन दशक पूरे हो रहे है| इस अवसर पर गोर्बाचेव्ह ने दिए एक साक्षात्कार में परमाणु हथियारों से दुनिया के लिए बनें विनाश के खतरे का एहसास दिलाया| ‘दुनिया के सभी के सभी देशों ने अपने परमाणु हथियार पूरी तरह से नष्ट करने के लिए समर्थन दे| पृथ्वी और अपने मानवजाती की रक्षा करने के लिए यह जरूरी है, ऐसा गोर्बाचेव्ह ने कहा है|

अमरिका और रशिया के बीच शीतयुद्ध अभी खतम हुआ है, फिर भी दोनों देशों के संबंध अभी भी चिली वॉरकी स्थिति में है और इसमें युद्ध का मुद्दा नजरअंदाज कर नही सकते, इस ओर रशिया के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष ने ध्यान आकर्षित किया| अमरिका और रशिया इन दोनों देशों ने आईएनएफसे पीछे हटने के बाद फिर से परमाणु हथियारों का परीक्षण शुरू किया है| अमरिका ने पिछले कुछ महीनों में परमाणु बम के नए साक्षात्कार का परीक्षण करने की एवं यूरोप में युद्धाभ्यास करने की बात स्पष्ट हुई है|

रशिया ने भी आईएनएफसे पीछे हटने के बाद लगातार परमाणु हथियारों का परीक्षण करना शुरू किया है और पिछले तीन महीनों में ऐसे पांच से अधिक परीक्षण किए है| साथ ही अक्टुबर महीने में स्ट्रैटेजिक न्यूक्लिअर वॉरगेम्सका आयोजन करके रशिया ने न्यूक्लिअर ट्रायडकी क्षमता की भी जांच की है, यह कहा जा रहा है| अमरिका और रशिया इन दोनों ने शुरू की हुई एटमी गतिविधियों पर नाटो, संयुक्त राष्ट्रसंगठन के साथ ब्रिटेन जैसे प्रमुख देश ने भी चिंता व्यक्त की है|

कुछ महीनों पहले, शीतयुद्ध के बाद पहली बार पश्‍चिमी देश और रशिया के बीच परमाणु युद्ध होने का बडा खतरा बना है, यह इशारा ब्रिटेन के इंटरनैशनल रिलेशन्स कमिटी(आईआरसी) के अध्यक्ष लॉर्ड हॉवेल ने दिया था| ‘दुनिया भर में हथियारों की स्पर्धा शुरू हुई है| पहले की पीढी ने तजुर्बा नही किया होगा, इतने डरावने तरीके से परमाणु यद्ध की संभावना बढी है, यह चिंता संयुक्त राष्ट्रसंघ के विशेष प्रतिनिधि इझुमी नाकामित्सु ने भी व्यक्त की थी|

दुनिया में फिलहाल नौ देश परमाणु हथियारों से सज्जित है और उनके बेडे में कुल १५ हजार परमाणु हथियार तैयार होने की बात कही जा रही है|

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