रशिया के साथ किए ‘एस-४००’ के व्यवहार पर पाबन्दी लगाने वाले अमरिका को तुर्की का इशारा

अंकारा: ‘तुर्की स्वतंत्र देश है और यह देश अमरिका की आज्ञाओं का पालन करने वाला नहीं है। इसलिए तुर्की कौनसे देश से क्या ख़रीदे अथवा न ख़रीदे, यह अमरिका हमसे ना कहे। अमरिका और तुर्की के बीच सहकार्य के लिए वह उचित नहीं होगा’, इन शब्दों में तुर्की ने अमरिका को फटकार लगाई है। तुर्की और रशिया के बीच ‘एस-४००’ की खरीदारी के व्यवहार पर पाबन्दी लगाने वाले अमरिका की आलोचना करके अमरिका की इस कार्रवाई को प्रत्युत्तर देंगे, ऐसी चेतावनी तुर्की के विदेश मंत्री ने दी है।

पिछले हफ्ते में अमरिका के सिनेट ने तुर्की के साथ लष्करी सहकार्य पर सवाल खड़े किये थे। अमरिका का पुराना सहकारी और नाटो का सदस्य देश तुर्की को अमरिका ने ‘पॅट्रियॉट’ इस मिसाइल भेदी यंत्रणा और ११६ ‘एफ-३५’ लडाकू विमान न बेचे, ऐसी सिनेट ने चेतावनी दी थी। अमरिका के विदेश मंत्रालय ने भी तुर्की सिर्फ नाटो के सदस्य देशों के साथ ही व्यवहार करे, ऐसी सूचना की थी।

एस-४००, व्यवहार, पाबन्दी, अमरिका, तुर्की का इशारा, अंकारा, रशियाउसीके साथ ही रशिया के साथ लष्करी सहकार्य करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने की सूचि में तुर्की का भी समावेश किया जाए, ऐसा प्रस्ताव अमरिकन सिनेट में रखा गया था। अबी तक अमरिकन सिनेट में इस बारे में कानून संमत नहीं हुआ है। लेकिन अमरिका की तरफ से पहली बार तुर्की पर इस तरह की कार्रवाई की जाएगी, ऐसा दावा वरिष्ठ अधिकारियों की तरफ से किया जाता है।

इस पर तुर्की से प्रतिक्रिया आई है और तुर्की के विदेश मंत्री कावुसोग्लू ने अमरिका को डांटा है। ‘अमरिका ने तुर्की के रक्षा व्यवहार पर प्रतिबंध लगाए तो तुर्की उसे निश्चित प्रत्युत्तर देगा। इस वजह से रशिया के साथ होने वाले ‘एस४००’ की खरीदारी के व्यवहार से अमरिका दूर ही रहे’, ऐसा कावुसोग्लू ने कहा है।

तुर्की अमरिका की आज्ञाओं का पालन नहीं करता है, ऐसा कहकर कावुसोग्लू ने रशिया की तरफ से ‘एस-४००’ खरीद पर तुर्की निश्चित है यह स्पष्ट किया है। तुर्की के विदेश मंत्री अगले हफ्ते में अमरिका के दौरे पर जाने वाले हैं और वह अमरिका के विदेश मंत्री माईक पॉम्पिओ के साथ मुलाकात करने वाले हैं। अमरिका और तुर्की के विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली मुलाकात में ‘एस-४००’ का खरीदारी व्यवहार और सीरिया के संघर्ष पर चर्चा होने वाली है, ऐसी जानकारी सामने आ रही है।

सन २०१५ में तुर्की और रशिया के बीच ‘एस-४००’ के प्रगत मिसाइल भेदी यंत्रणा की खरीदारी के बारे में अनुबंध हुआ है। बैलेस्टिक मिसाइलों को हवा में ही भेदने की क्षमता रखने वाली यह रशियन यंत्रणा सन २०२० में तुर्की के लष्कर में शामिल होने की संभावना है। लेकिन रशिया ने उससे पहले ही तुर्की को इस यंत्रणा की आपूर्ति की है, यह मान्य किया है।

सीरिया के संघर्ष की पृष्ठभूमि पर अमरिका और रशिया के बीच के संबंधों में तनाव निर्माण हुआ है। उसमें नाटो का सदस्य देश तुर्की ने रशिया के साथ लष्करी सहकार्य प्रस्थापित करने की वजह से अमरिका और नाटो अस्वस्थ हुआ है। लेकिन रशिया के साथ हुए रक्षा व्यवहार का संबंध अपने सार्वभौमत्व के साथ जोड़कर तुर्की ने अमरिका को प्रत्युत्तर दिया है।

तुर्की ने अपनाई इस भूमिका पर अमरिका की तरफ से प्रतिक्रिया अपेक्षित है।

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