‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’, ‘बिग डाटा’ और ‘ब्लॉकचेन टेक्नॉलॉजी’ की वजह से युद्ध का स्वरूप बदल रहा है – रक्षामंत्री राजनाथ सिंग

नई दिल्ली: वर्तमान समय में युद्ध का स्वरूप बदल रहा है| ‘आईटीक्षेत्र की बडी गति के साथ विकास हो रहा है, ऐसे में सिर्फ यकायक खडे होनेवाले संकट का मुकाबला करने के लिए तैयारी रखना काफी नही होगा| बल्कि, अलग अलग जगहों से बन रहे खतरों का सामना करने की तैयारी रखना जरूरी बना है| ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स, ‘बिग डाटाऔर ब्लॉकचैन टेक्नॉलॉजीकी वजह से वर्तमान के युद्ध तंत्र में क्रांतिकारी बदलाव हो रहे है, इसे ध्यान में रखकर भारत को तेजी के साथ कदम उठाने होंगे, यह चेतावनी रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने दी है|

नई दिल्ली में आयोजित किए गए डिफेन्स एक्स्पो २०२०में रक्षामंत्री बोल रहे थे| वर्तमान समय में रक्षा क्षेत्र के सामने नए संकट का सामना करने के लिए तैयारी रखने की चुनौती खडी है, यह कहकर रक्षामंत्री ने इन चुनौतियों का एहसास कराया| जमीन, आकाश और समुद्र से हो रहे पारंपरिक युद्ध के साथ अब सायबर क्षेत्र और अंतरिक्ष भी नई युद्धभमि बनी है| इसी बीच तकनीक का विकास होने पर अपने हितसंबंध सुरक्षित रखने के लिए इस मोर्चे पर अधिक तैयारी रखना जरूरी बना है, यह कहकर राजनाथ सिंग ने इन चुनौतियों से भारत को पुरी पहचान होने की बात स्पष्ट की|

उत्तर प्रदेश और तमिळनाडू में भारत डिफेन्स कॉरिडॉरविकसित कर रहा है| इन दोनों कॉरिडॉर में सरकार करीबन एक अरब डॉलर्स का निवेष कर रही है| साथ ही अन्य देशों ने इन डिफेन्स कॉरिडॉर में निवेष करें, इसके लिए भारत निवेदन कर रहा है| कुछ दिन पहले ही जर्मनी की चान्सेलर मर्केल भारत पहुंची थी| इस दौरान उत्तर प्रदेश और तमिळनाडू के डिफेन्स कॉरिडॉर में जर्मनी निवेष करनें, यह निवेदन प्रधानमंत्री मोदी ने किया था| मंगलवार से रक्षामंत्री राजनाथ सिंग रशिया की यात्रा करेंगे| उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा विषयी सहयोग और भी व्यापक होगा, यह उम्मीद व्यक्त हो रही है|

रशिया से भारत को रक्षा संबंधी तकनीक प्रदान करना एवं संयुक्त रक्षा परियोजना शुरू होने की उम्मदी है| इसके लिए भारत के रक्षा क्षेत्र से करीबन पचार लोगों का शिष्टमंडल रक्षामंत्री राजनाथ सिंग समेत रशिया जा रहा है| इस वजह से दोनों देशों के बीच कुछ अहम समझौते होने के संकेत प्राप्त हो रहे है|

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