रशिया की आक्रामक नीति के खिलाफ ‘जी७’ की एकजुट – अमरिकी अधिकरियों का दावा

टोरोंटो: अमरिका, ब्रिटन, सीरिया और यूरोपीय देशों में रशिया की तरफ से चल रही कार्रवाइयों के खिलाफ ‘जी७’ देशों ने आक्रामक भूमिका अपनाई है। रशिया की कार्रवाइयों को ‘जी७’ समूह एकजुट होकर विरोध कजर रहे हैं, इन शब्दों में दुनिया के प्रमुख देशों ने रशिया को विरोध दर्शाने की जानकारी अमरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने दी। इस वजह से रशिया और पश्चिमी देशों के बीच तनाव अधिक बढने के संकेत मिल रहे हैं।

जी७, एकजुट, रशिया, आक्रामक नीति, दावा, टोरोंटो, अमरिकाकनाडा में दो दिनों की ‘जी७’ परिषद शुरू है और उसमें रशिया, सीरिया, ईरान, उत्तर कोरिया और व्हेनेझुएला के मुद्दों पर चर्चा हुई है। लेकिन रविवार से शुरू हुई बैठकों में रशिया की कार्रवाइयों के मुद्दे पर प्राधान्य रूपसे चर्चा हुई, ऐसा दावा सूत्रों ने किया है। ब्रिटन में भूतपूर्व रशियन जासूस पर हुआ विषप्रयोग, सीरिया में हुआ रासायनिक हमला और अमरिका-ब्रिटन-फ़्रांस की तरफ से सीरिया में हुए हमले जैसी घटनाओं की पृष्ठभूमि पर पहली बार ‘जी७’ समूह की बैठक हो रही है।

ब्रिटन और सीरिया की घटनाओं के मुद्दों पर अमरिका और यूरोपीय देश एक होने की तस्वीर दिखाई दे रही है और रशिया पर लगातार टीका की जा रही है। रशिया ने इस टीका पर प्रत्युत्तर दिया है, लेकिन अमरिका और सहकारी देशों ने अपनी नीति अधिक आक्रामक की है और रशिया को ‘कीमत’ चुकानी पड़ेगी, ऐसा इशारा दिया है।

‘जी७’ की बैठक में भी रशिया के मुद्दे पर सभी देशों ने इसी तरह की भूमिका व्यक्त की है, ऐसा कहा जा रहा है। ‘रशिया ने अब तक जो कुछ भी किया है, उस वजह से बहुतांश देशों की भाषा अभी भी आक्रामक ही है। रशिया को अगर मुख्य शक्ति का मान मिलना चाहिए ऐसा लगता है, तो उसे हमें सहयोग करना होगा’, ऐसा मत ‘जी७’ समूह के देशों ने व्यक्त किया है, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी है।

‘जी७’ में रशिया को जोरदार विरोध हो रहा है, फिर भी बैठक से पहले जर्मनी ने इस समूह में रशिया का समावेश होना चाहिए, ऐसा मत व्यक्त किया है, ऐसी जानकारी सामने आ रही है।

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