अमरीका ने ‘बी-५२ बॉम्बर’ से किया ‘हायपरसोनिक मिसाइल’ का परीक्षण – पेंटॅगॉन की जानकारी

‘बी-५२ बॉम्बर’वॉशिंग्टन – अमरिकी वायुसेना ने ‘बी-५२ बॉम्बर’ विमान से ‘हायपरसोनिक मिसाइल’ की पहली ‘ऑपरेशनल टेस्ट’ की है, ‘पेंटॅगॉन’ ने यह जानकारी साझा की। एजीएम-१८३ए’ नामक इस मिसाइल ने आवाज़ से पांच गुना अधिक गति से उड़ान भरने का दावा भी अमरिकी रक्षा विभाग ने किया है। पिछले आठ महीनों में अमरीका ने हायपरसोनिक मिसाइल का किया गया यह दूसरा परीक्षण है। इससे पहले मई में हायपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया गया था।

‘बी-५२ बॉम्बर’कैलिफोर्निया प्रांत के अड्डे से यह परीक्षण किया गया, ऐसा पेंटॅगॉन ने सोमवार को निवेदन के ज़रिए कहा। ‘फुल प्रोटोटाईप ऑपरेशनल मिसाइल’ का परीक्षण पहली बार किया गया। इससे पहले किए गए परीक्षण बूस्टर के लिए थे, यह निवेदन में कहा गया है। ‘बी-५२ बॉम्बर’ ने सफलतापूर्वक यह मिसाइल दागी और यह ‘मैक-५’ से भी अधिक गति से उड़ान भरती देखी गई। परीक्षण के सभी उद्देश्य पूरे हुए हैं’, यह भी पेंटॅगॉन ने कहा। यह मिसाइल अमरीका की ‘लॉकहीड-मार्टीन’ कंपनी ने बनाई है।

पिछले कुछ सालों में रशिया और चीन दोनों ने हायपरसोनिक मिसाइल के निर्माण में बड़ी बढ़त पाई है। इस मुद्दे पर अमरीका में बेचैनी है और पिछले कुछ सालों से अमरिकी रक्षा विभाग ने भी एक के बाद एक हायपरसोनिक मिसाइलों का परीक्षण शुरू किया हैं। सन २०२० से इन परीक्षणों को गति प्राप्त हुई है और इसमें अमरीका को अच्छी सफलता प्राप्त होने का दावा भी ‘पेंटॅगॉन’ ने किया है। लेकिन, रशिया और चीन दोनों ने अपने रक्षाबलों में हायपरसोनिक मिसाइलों की तैनाती की है और अमरीका को इस मकाम पर पहुंचने के लिए अभी कुछ साल और लगेंगे, यह दावा विश्लेषक कर रहे हैं।

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