प्रदर्शनकारियों पर हिंसक कार्रवाई कर रहे ईरान पर अमरीका, यूरोप लगाएँगे प्रतिबंध – लंदन, पैरिस में प्रदर्शनकारियों के ईरानी दूतावास पर हमले

पैरिस/तेहरान – माहसा अमिनी की मौत के बाद पिछले दस दिनों से ईरान में हो रहे प्रदर्शन और इस पर रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ ने की हुई कार्रवाई में कम से कम ७६ लोग मारे गए हैं। प्रदर्शनकारियों को हमलावर करार देकर ईरान ने अब तक १,२०० लोगों को हिरासत मे लिया है। ईरान के इन प्रदर्शनों की गूंज पश्चिमी देशों में सुनाई दे रही है और लंदन, पैरिस जैसे शहरों में ईरान के दूतावासों पर प्रदर्शनकारियों ने हमले करने की खबरें सामने आयी हैं। इसी बीच अपने अधिकारों के लिए शांति से प्रदर्शन करनेवालों पर ईरान ने हिंसक कार्रवाई की, ऐसा आरोप लगाकर अमरीका और यूरोपिय महासंघ अब ईरान पर नए प्रतिबंध लगाने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।

हिंसक कार्रवाईमाहसा अमिनी नामक कुर्द युवति की जेल कस्टड़ी में मौत होने के बाद ईरान में हिजाब के खोलाफ प्रदर्शन शुरू हुए। इन प्रदर्शनों का नेतृत्व करने के लिए कई युवतियाँ सामने आयीं थीं। इनमें २० साल की हदिस नजाफी नामक युवति का भी समावेश था। भरी सड़क पर अपने बाल काटकर हदिसा ने ईरान की खामेनी हुकूमत के खोलाफ नारे लगाए थे। मात्र एक हफ्ते में ही हदिस ईरान के प्रदर्शनों का चेहरा बनी थी।

लेकिन, ईरान के पत्रकार फरज़ाद सैफीकरन ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार हदिस की निर्मम हत्या हुई है। हदिसा पर छह गोलीयाँ चलाई जाने की जानकारी सामने आ रही हैं। पहले से ही माहसा की हत्या के कारण ईरान में छिडे प्रदर्शन अब हदिस की हत्या के बाद अधिक तीव्र होंगे, ऐसी चेतावनी खाड़ी के माध्यम दे रहे हैं। इन प्रदर्शनों के अवसर पर ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी का अन्त हो जाए, ऐसे नारे लगाए जा रहे हैं।

इन प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करने के लिए रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ रात के अन्धेरे का इस्तेमाल कर रहे हैं, ऐसा आरोप लगाया जा रहा है। इसी बीच ईरान में जारी हिजाबविरोधी इन प्रदर्शनों के जवाब में खामेनी हुकूमत के समर्थकों ने स्वतंत्र प्रदर्शन शुरू किए हैं। राजधानी तेहरान के साथ कुछ शहरों में हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शनकारी और हुकूमत समर्थक आमने सामने आए थे। इस वजह से ईरान में गृहयुद्ध छिड़ने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता, ऐसा दावा किया जा रहा है।

ईरान में इन हिजाबविरोधी प्रदर्शनों को पश्चिमी देशों से जोरदार समर्थन मिल रहा है। ब्रिटेन, फ्रान्स, नेदरलैण्डस्‌, नॉर्वे जैसे यूरोपिय देशों में स्थित ईरानी नागरिकों ने ईरान में जारी प्रदर्शनों का समर्थन किया है। लंदन, पैरिस शहर में स्थित ईरानी दूतावास पर क्रोधित प्रदर्शनकारियों ने हमले करके घुसपैठ करने की कोशिश की। इस दौरान लंदन में स्थानीय सुरक्षा यंत्रणा की कार्रवाई में १२ लोगों को हिरासत में लिया गया। ब्रिटेन और नॉर्वे की सरकारों ने ईरान के प्रदर्शनों का समर्थन करने की वजह से ईरान ने पहले से इन दोनों यूरोपिय देशों के राजदूतों को समन्स थमाए थे।

इसी बीच, हिजाबविरोधी प्रदर्शनकारियों पर आक्रामक कार्रवाई कर रही ईरान की हुकूमत पर नए प्रतिबंध लगाने की तैयारी अमरीका और यूरोपिय महासंघ ने की है। यूरोपिय महासंघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ बोरेल ने प्रदर्शनकारियों की आलोचना की। साथ ही मानव अधिकारों का उल्लंघन कर रहे ईरान पर जल्द ही प्रतिबंध लगाए जाएँगे, ऐसे संकेत अमरीका और यूरोपिय महासंघ ने दिए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.