अमरीका और ताइवान के बीच पहले व्यापारिक समझौते पर हस्ताक्षर – चीन द्वारा तीव्र प्रतिक्रिया

वॉशिंग्टन/तैपेई/बीजिंग – गुरुवार को अमरीका ने ताइवान के साथ पहले द्विपक्षीय व्यापारिक समझौते पर हस्ताक्षर किये। यह समझौता ‘युएस-ताइवान इनिशिएटिव्ह ऑन ट्वेंटीफर्स्ट सेंच्युरी ट्रेड’ का हिस्सा होकर, उससे दो देशों के आर्थिक एवं व्यापारिक संबंध अधिक मज़बूत होंगे, ऐसा विश्वास अमरिकी अधिकारियों ने ज़ाहिर किया। चीन से इसपर तीव्र प्रतिक्रिया आयी है। चीन के साथ राजनैतिक संबंध होनेवाले किसी भी देश ने, चीन का भाग होनेवाले ताइवान के साथ अधिकृत स्तर पर किया सहयोग चीन बर्दाश्त नहीं करेगा, ऐसी चेतावनी चीन के विदेश विभाग ने दी। 

व्यापारिक समझौतेपिछले साल जून महीने में अमरीका और ताइवान ने ‘युएस-ताइवान इनिशिएटिव्ह ऑन ट्वेंटीफर्स्ट् सेंच्युरी ट्रेड’ की घोषणा की थी। उसके कुछ ही दिन बाद, दोनों देशों के व्यापार प्रतिनिधियों के बीच चर्चा की शुरुआत भी हुई थी। इस मामले में अमरीका ने तेज़ी से गतिविधियाँ शुरू करने के कारण, चीन से उसपर आक्रामक प्रतिक्रिया आयी थी। ताइवान के साथ अधिकृत संबंध रखने की कोशिश की, तो उसका असर अमरीका-चीन संबंधों पर होगा, ऐसी भी धमकी चीन ने दी थी। 

लेकिन उसके बाद भी अमरीका और ताइवान के प्रतिनिधियों ने व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा जारी रखी थी। अमरीका के कुछ प्रतिनिधिमंडलों ने ताइवान का दौरा भी किया था। इस पृष्ठभूमि पर, साल ख़त्म होने से पहले ही व्यापारिक समझौते पर हस्ताक्षर किये जाना ग़ौरतलब साबित होता है। इस समझौते में कस्टम्स के नियम तथा व्यापार विषयक प्रावधानों में सुधारों का समावेश है। अमरीका और ताइवान के बीच छोटे एवं मध्यम आकार के उद्यमों में व्यवहार सुलभ करने के लिए कुछ सुविधाएँ भी इस समझौते के माध्यम से उपलब्ध करा दीं गईं हैं। गत चार दशकों में अमरीका के साथ हुआ यह सबसे अहम समझौता है, ऐसी प्रतिक्रिया ताइवान ने दी है।

चीन के विदेश विभाग ने इस समझौते पर कड़े ऐतराज़ जताये हैं। ताइवान को आज़ाद कराने के लिए कार्यरत रहनेवालीं ताक़तों को इसके ज़रिये ग़लत संदेश दिया जा रहा है, ऐसा दोषारोपण चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्त्या माओ निंग ने किया। चीन के साथ राजनैतिक संबंध रहनेवाले किसी भी देश ने ताइवान के साथ अधिकृत स्तर पर चर्चा करना अथवा समझौत्त करना इसपर चीन को सख़्त ऐतराज़ है, ऐसा भी निंग ने कहा।

अमरीका के साथ साथ युरोपिय देशों द्वारा भी, तैवान के साथ व्यापारिक तथा निवेश समझौते करने के लिए गतिविधियाँ शुरू की जाने की ख़बरें सामने आ रही हैं।

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