चीन के तीव्र विरोध के बावजूद अमरीका-ताइवान के व्यापारी समझौते के मंजूरी

वॉशिंग्टन/ताइपे/बीजिंग – अमरीका-ताइवान के बढ़ते सहयोग का चीन लगातार विरोध कर रहा हैं और इसके बावजूद दोनों देशों ने व्यापारी समझौता करने का निर्णय किया है। अमरीका और ताइवान इन दोनों देशों ने पहले द्विपक्षीय व्यापारी समझौते को मंजूरी दी है और जल्द ही इस समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, ऐसी जानकारी अमरीका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई ने साझा की। अमरीका ने कुछ दिन पहले ही ताइवान को ५० करोड़ डॉलर्स के हथियार प्रदान करने का ऐलान करके इसकी प्रक्रिया ‘फास्ट ट्रैक’ करने के संकेत दिए थे। 

व्यापारी समझौतेपिछले वर्ष जून महीने में अमरीका और ताइवान ने ‘यूएस-ताइवान इनिशिएटिव ऑन २१ स्ट सेंच्युरी ट्रेड’ का ऐलान किया था। इसके कुछ ही दिनों बाद दोनों देशों के व्यापार प्रतिनिधियों की चर्चा भी शुरू हुई थी। इस मामले में अमरीका ने तेज़ गतिविधियां शुरू करने से इसपर चीन की आक्रामक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई थी। ताइवान से अधिकृत स्तर पर सहयोग करने की कोशिश होने पर इसके परिणाम अमरीका-चीन संबंधों पर होंगे, ऐसी चेतावनी चीन ने दी थी। 

लेकिन, इसके बावजूद अमरीका और ताइवान के प्रतिनिधियों ने व्यापारी मुद्दे पर शुरू चर्चा जारी रखी थी। अमरीका के कुछ शिष्टमंड़ल ने भी ताइवान का दौरा किया था। इस पृष्ठभूमि पर चर्चा का एक वर्ष पूरा होने से पहले ही दोनों देशों ने व्यापारी समझौते का ऐलान करना ध्यान आकर्षित कर रहा है। अमरीका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई ने गुरुवार को इसका ऐलान करते हुए यह समझौता अमरीका-ताइवान आर्थिक संबंधों का अहम चरण होने का बयान किया।

गुरुवार को जारी किए निवेदन के अनुसार पहले द्विपक्षीय व्यापारी समझौते में ‘कस्टम्स एडमिनिस्ट्रेशन ॲण्ड ट्रेड फैसिलिटेशन’ के साथ ‘रेग्युलेटरी प्रैक्टिसेस’, ‘एण्टीकरप्शन’ और छोटे एवं मध्यम गुट के उद्योग से संबंधित प्रावधान हैं। यह समझौता अमरीका और ताइवान के व्यापक व्यापारिक समझौते का पहला हिस्सा होने की बात कही जा रही है। इस समझौते के कारण अमरिकी उद्यमी और कंपनियों को ताइवान में अधिक से अधिक उत्पादों का निर्यात करने में सहायता होगी, ऐसी जानकारी अमरिकी सुत्रों ने प्रदान की। 

चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने ताइवान विरोधी आक्रामक गतिविधियां शुरू की है और इसमें सैन्य एवं राजनीतिक एवं आर्थिक क्षेत्र का भी समावेश हैं। चीन की इन गतिविधियों के मद्देनज़र अमरीका और यूरोपिय देशों के साथ मित्र देशों ने ताइवान के साथ व्यापारी सहयोग बढ़ाने के लिए पहल की है। सेमीकंडक्टर क्षेत्र के साथ प्रौद्योगिकी क्षेत्र के सहयोग पर अधिक जोर देने की बात सामने आयी है। ताइवान की आर्थिक घेराबंदी करने की चीन की कोशिश कामयाब न हो सके, इसके लिए यह कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

अमरीका के बाद यूरोपिय देशों से भी ताइवान के साथ व्यापारी एवं निवेश संबंधित समझौता करने की गतिविधियां शुरू होने की खबरें सामने आयी हैं।

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